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ट्रेन का समय था शाम 5.30 बजे, बुला लिया सुबह 9 बजे

locationदेवासPublished: Dec 07, 2017 02:20:03 pm

जिले के दूरदराज के बुजुर्ग हुए परेशान

mukhyamantri teerth darshan yojna
देवास. तीर्थ दर्शन योजना में देवास जिले से बुधवार को 148 तीर्थ यात्री जगन्नाथ तीर्थ दर्शन के लिए शाम 5.40 बजे ट्रेन से रवाना हुए। ट्रेन पर चढऩे से पूर्व बुजुर्ग यात्रियों के चेहरों पर दिनभर की थकान साफ दिखाई दे रही थी। बुधवार को सुबह शीतलहर चल रही थी। मंगलवार रात से ही मौसम में ठंडक घुल चुकी थी। ऐसे में बुजुर्ग यात्रियों को अपने-अपने गांव से सुबह जल्दी रेलवे स्टेशन आने में काफी परेशानी आई। रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद अधिकांश बुजुर्ग समूह में बैठकर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे थे। सभी तीर्थ यात्रियों को सूचना देकर सुबह 9 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचने के लिए कहा गया था।
सूचना पाकर जिले के दूरदराज के क्षेत्रों से यात्री व उनके परिजन अलसुबह ही स्टेशन के लिए निकल गए थे। बुजुर्ग यात्रियों को कहा गया था कि टे्रन दोपहर के समय है, जिसके चलते जल्दी की गई, जबकि ट्रेन का समय शाम 5.30 बजे का था, कई बुजुर्ग यात्री इस कारण नाराज भी हुए। हाटपीपल्या के खजुरिया गांव से आठ बुजुर्ग यात्री तीर्थ यात्रा के लिए स्टेशन पहुंचे थे, इनमें से अधिकांश महिलाएं थीं। जब उनसे पत्रिका ने पूछा कि आपकी ट्रेन कितनी बजे की है, तो वे बोली की दोपहर के समय की है, जब बताया गया कि ट्रेन का समय तो शाम 5.30 बजे का है, तो वे विश्वास नहीं कर रही थी। बुजुर्ग महिला सीता सुकराम, रामकुंवर बाई, बरजूबाई, गंगाबाई बोली तहसील से तो हमें कहा गया था कि आपकी ट्रेन दोपहर की है व समय पर ट्रेन आ जाएगी। जिसके चलत गाड़ी करके हम लोग गांव से जल्दी निकले। टोंकखुर्दके ग्राम धतुरिया से आईशांता बाई, निर्मला बोली टे्रन का समय हमें दोपहर का बताया गया था। तहसील से फोन भी आया था कि सुबह 9 बजे रेलवे स्टेशन पहुंचे। अगर आप बोल रहे हो कि ट्रेन 5.30 बजे आएगी तो अब इंतजार करेंगे। अन्य बुजुर्ग यात्रियों से भी जब पत्रिका ने चर्चा की तो कोई भी नहीं जानता था कि ट्रेन का समय शाम का है। सभी का कहना था कि शीतलहर के कारण ठंड बड़ गई है, सुबह जल्द उठकर तैयारी करने में परेशानी आई। बुजुर्ग यात्रियों का कहना था कि भगवान के दर्शन करने जा रहे है इसलिए ज्यादा कुछ कह नहीं सकते, लेकिन फिर भी इतनी जल्दी नहीं बुलाया जाना चाहिए था।
“किसी को भी सुबह के समय आने के लिए नहीं कहा गया था। सभी अपनी मर्जी से आए। कुछ बुजुर्ग दोपहर 12 बजे के बाद भी पहुंचे। मंगलवार शाम तक टे्रन का समय नहीं मालूम था। सुबह जानकारी होने पर सभी को समय बताया गया था। लिपिक का कहना है कि सभी अपने अनुसार आए। लिखित में किसी को भी सुबह आने के लिए नहीं कहा गया था।”
-अंजली जोसेफ, संयुक्त कलेक्टर देवास
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