scriptदेश की उजली छवियों में से एक पं. गंधर्व  | One of the country's white images Pt. Gandharva | Patrika News

देश की उजली छवियों में से एक पं. गंधर्व 

locationदेवासPublished: Jan 15, 2017 12:32:00 am

Submitted by:

Kamal Singh

 दो दिवसीय संगीत समारोह का शुभारंभ, गंधर्व महाविद्यालय की सांगीतिक प्रस्तुति ने मुख्यमंत्री को किया सम्मोहित

Dewas

Dewas

देवास. भारतीय संस्कृति के 100 सालों के इतिहास की सबसे उजली छवियों में से एक हैं पं. कुमार गंधर्व, जो उनके जीवित नहीं रह जाने के बाद भी इतने लंबे समय तक चल रहा है। भारत के संगीत को अब दो तरह से समझा जाएगा। एक पं. कुमार गंधर्व के पहले का संगीत और दूसरा उनके बाद का संगीत। यह विचार वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने व्यक्त किए। शनिवार को वे भानुकुल में पं. कुमार गंधर्व की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित दो दिवसीय संगीत समारोह ‘अनहदÓ के शुभारंभ पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि कुमार यहां पर व्याधि से पीडि़त होकर इलाज कराने आए थे, लेकिन मालवा की धरती पर व्याधि से मुक्त होते-होते संगीत के नए उरूज को छुआ। संगीत इतिहास के वह अकेली हस्ती हैं, जिन्होंने मालवा के लोक संगीत को शास्त्रीयता में निबद्ध किया। नाटक लेखक महेश एल कुंचवार ने कहा कि उनके संगीत अलग था, जो सुनने वाले को किसी और दुनिया में ले जाता था। उसका असर यह होता था कि फिर कुछ और न अच्छा लगे। उनके संगीत को एक बार सुना तो फिर दीवाना हो गया।
प्रदर्शनी देखने पहुंचे सीएम : भानुकुल परिसर में पं. कुमार गंधर्व के जीवन की झलक दिखाती झांकी देखने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पहुंचे। इसके बाद सीएम को कुमार गंधर्व की बेटी कलापिनी कोमकली घर का वह हिस्सा दिखाने ले गईं, जहां पर पं. गंधर्व रियाज करते थे। उनकी स्मृति में संजोई वस्तुओं एवं उनके बालकाल के चित्रों को देखकर अभिभूत हुए। उन्होंने कहा कि देवास में कुमार गंधर्व संग्रहालय बनेगा। स्थान का चयन विचार विमर्श करके किया जाएगा। साथ ही शहर में कुमारजी की मूर्ति भी स्थापित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिविल लाइन मार्ग का नामकरण पं. कुमार गंधर्व के नाम से किया जाएगा। इस दौरान शिलालेख का अनावरण भी किया। इससे पहले मुख्यमंत्री विधायक गायत्री राजे पवार के निवास पर पहुंचे थे। 
आज होगी कुमार संगीत पर चर्चा
कलापिनी कोमकली ने बताया कि रविवार को सुबह की सभा का विशेष रूप से आयोजन किया गया है। सभा का प्रारंभ सुबह 10 बजे से कुमार गंधर्व की बेटी कलापिनी कोमकली के गायन से होगा। इसके बाद के सत्र में कुमार गंधर्व के वरिष्ठ शिष्य सत्यशील पांडेय, लेखक उदयन वाजपेयी, कवि एवं लेखक रवि दाते, साहित्यकार व आलोचक पुरुषोत्तम अग्रवाल , संस्कृति कर्मीव कवि अशोक वाजपेयी कुमार संगीत पर अपने विचार रखेंगे। शाम को तबलावादक पं. योगेश शम्सी का एकल तबला वादन होगा। शम्सी विश्वविख्यात तबला नवाज उस्ताद अल्लारखा खां के शागिर्द हैं और पंजाब घराने के सशक्त हस्ताक्षर के रूप में जाने-जाते हैं। अंतिम प्रस्तुति के रूप में विश्व विख्यात सरोदवादक उस्ताद अमजद अली खां का सरोद वादन होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो