देवास बायपास रसूलपुर चौराहा से होकर नागूखेड़ी गांव उज्जैन रोड तक है। इसमें सबसे अधिक वाहनों का दबाव रसूलपुर चौराहे से लेकर भोपाल बायपास चौराहे तक रहता है। सबसे अधिक डेंजर जोन भी इसी क्षेत्र में हैं जहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। १३ साल से भी ज्यादा पुराना यह बायपास समय के साथ वाहनों का दबाव बढऩे से संकरा साबित होने लगा था, हादसे लगातार बढ़ते गए तो इसके चौड़ीकरण पर ध्यान दिया गया। भोपाल बायपास चौराहा (भोपाल रोड) और बामनखेड़ा चौराहा (एबी रोड) पर ओवरब्रिज बनाने की तैयारी की गई। इसके साथ ही उज्जैन बायपास पर रेलवे क्रॉसिंग पर भी ओवरब्रिज प्रस्तावित है जिसका काम चल रहा है।
वर्तमान स्थिति की बात करें तो देवास से मीठा तालाब होते हुए राजोदा की ओर जाने वाला रास्ता भी जेल के समीप बायपास से क्रॉस होता है, इस रास्ते पर पांच ओर से वाहनों का दबाव है क्योंकि पुराने बायपास का एक हिस्सा चालू हालत में है उससे भी वाहन आ जा रहे हैं। वहीं शहर के बालगढ़ क्षेत्र से होते हुए पालनगर, नागदा के लिए जाने वाले रास्ते पर पालनगर फाटा पर भी यही स्थिति है। बावजूद इसके इन दोनों स्थानों पर न तो ओवरब्रिज बनाया जा रहा है न ही अंडरब्रिज बनता नजर आ रहा है। इसको लेकर सिर्फ भाजपा-कांग्रेस की ओर से कभी न कभी प्रेसनोट जारी कर दिए जाते हैं जबकि आम व्यक्ति को आज भी यह जानकारी नहीं है कि वास्तव में क्या होने वाला है।
सर्वाधिक डेंजर जोन पालनगर फाटा, 5 साल में गई 20 की जान पूरे बायपास क्षेत्र का सर्वाधिक डेंजर जोन पालनगर फाटा क्षेत्र है। पिछले पांच साल में इस क्षेत्र में सड़क हादसों में २० से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि ५० से अधिक घायल हो चुके हैं, हालत यह है कि कई तो स्थायी रूप से अपंग तक हो गए हैं। पालनगर, नागदा से देवास आने और देवास से पालनगर, नागदा पहुंचने के लिए एकमात्र रास्ता है। सबसे अधिक दबाव दो पहिया वाहनों का रहता है। बुधवार को प्राचीन गणेश मंदिर नागदा में दर्शन के लिए सैकड़ों भक्त देवास से पहुंचते हैं, ऐसे में वाहनों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है।
कई ने मेरी आंखों के सामने दम तोड़ा … पालनगर फाटे के पास हेयर सैलून संचालित करने वाले अमोना निवासी महेंद्र सेन बताते हैं कि उनकी दुकान करीब पांच साल से है। चौराहे पर करीब १५-२० हादसे देख चुके हैं, करीब आधा दर्जन लोगों ने तो मेरी आंखों के सामने दम तोड़ा है। बायपास चौड़ीकरण में ओवरब्रिज बनेगा या अंडरब्रिज, नहीं पता। फिलहाल तो कुछ बनने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। कुछ न कुछ बनना जरूरी है नहीं तो हादसे नहीं रुकेंगे।
सुरक्षित आवागमन के लिए बहुत जरूरी हैं इंतजाम उधर जेल चौराहे के पास करीब चार साल से फल की दुकान लगाने वाले राजोदा के मदनलाल मालवीय के अनुसार इस चौराहे पर दिनभर चारों ओर से वाहनों का दबाव रहता है। सबसे अधिक हादसे की आशंका दो पहिया वाहन चालकों के साथ रहती है। डंपर, ट्रक के साथ ही चार पहिया वाहन भी तेज गति से निकलते हैं। हादसे न हों, इसके लिए ओवरब्रिज या अंडरब्रिज का निर्माण होना चाहिए।
हादसे की पीड़ा…
सात लाख रुपए खर्च किए, पत्नी अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं
इसी साल १३ जनवरी को पत्नी व बच्चे के साथ ससुराल में एक शादी समारोह मेें शामिल होने के लिए बाइक एमपी३७एमआर३६६० से जावरा जा रहे नागदा के यूसुफ शेख (२८) के वाहन को पीछे से मिनी ट्रक के चालक ने टक्कर मार दी थी। पिता-पुत्र को इसमें बाल-बाल बच गए थे लेकिन पत्नी अंजुम शेख घायल हो गई थी। सिर में गंभीर चोट के कारण जिला अस्पताल के बाद पहले देवास के एक निजी अस्पताल और फिर इंदौर के निजी अस्पताल में उसका उपचार चला। वो करीब ४० दिन अस्पताल में भर्ती रही, सिर का बड़ा ऑपरेशन हुआ। पिछले दिनों ही उसे डिस्चार्ज किया गया है लेकिन कुछ माह फिर से एक ऑपरेशन सिर का होना है। यूसुफ ने बताया इस हादसे ने उसकी जिंदगी बदलकर रख दी। खेत, जेवर आदि गिरवी रखकर उपचार कराया, करीब सात लाख रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन पत्नी पूर्ण स्वस्थ नहीं हुई है। इस तरह की पीड़ा न जाने कितने परिवारों की है जो हादसे का शिकार हो चुके हैं।
हादसे की पीड़ा…
सात लाख रुपए खर्च किए, पत्नी अभी भी पूरी तरह ठीक नहीं
इसी साल १३ जनवरी को पत्नी व बच्चे के साथ ससुराल में एक शादी समारोह मेें शामिल होने के लिए बाइक एमपी३७एमआर३६६० से जावरा जा रहे नागदा के यूसुफ शेख (२८) के वाहन को पीछे से मिनी ट्रक के चालक ने टक्कर मार दी थी। पिता-पुत्र को इसमें बाल-बाल बच गए थे लेकिन पत्नी अंजुम शेख घायल हो गई थी। सिर में गंभीर चोट के कारण जिला अस्पताल के बाद पहले देवास के एक निजी अस्पताल और फिर इंदौर के निजी अस्पताल में उसका उपचार चला। वो करीब ४० दिन अस्पताल में भर्ती रही, सिर का बड़ा ऑपरेशन हुआ। पिछले दिनों ही उसे डिस्चार्ज किया गया है लेकिन कुछ माह फिर से एक ऑपरेशन सिर का होना है। यूसुफ ने बताया इस हादसे ने उसकी जिंदगी बदलकर रख दी। खेत, जेवर आदि गिरवी रखकर उपचार कराया, करीब सात लाख रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन पत्नी पूर्ण स्वस्थ नहीं हुई है। इस तरह की पीड़ा न जाने कितने परिवारों की है जो हादसे का शिकार हो चुके हैं।
विपक्ष में थी तो कांगे्रेस ने लगातार किए आंदोलन
पालनगर फाटा पर ओवरब्रिज या अंडरब्रिज निर्माण के लिए विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने कई बार प्रदर्शन किए थे। पदाधिकारी, कार्यकर्ता व क्षेत्रीय लोगों के साथ हाईवे भी रोका गया था। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस ने आंदोलन की राह छोड़ दी है। वहीं भाजपा ने भी चुप्पी साध रखी है।
पालनगर फाटे पर कुछ न कुछ निर्माण अवश्य होगा
पालनगर फाटा पर ओवरब्रिज या अंडरब्रिज निर्माण के लिए विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने कई बार प्रदर्शन किए थे। पदाधिकारी, कार्यकर्ता व क्षेत्रीय लोगों के साथ हाईवे भी रोका गया था। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस ने आंदोलन की राह छोड़ दी है। वहीं भाजपा ने भी चुप्पी साध रखी है।
पालनगर फाटे पर कुछ न कुछ निर्माण अवश्य होगा
बायपास पर पालनगर फाटे वाला पॉइंट बेहद खतरनाक है। पिछले दिनों मीटिंग में भी इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा की गई थी। पालनगर फाटे पर वाहन चालकों की सुरक्षा को देखते हुए कुछ न कुछ निर्माण कार्य अवश्य किया जाएगा। जेल चौराहे के बारे में पता करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। वैसे कलेक्टर को इस बारे में जानकारी है।
-सज्जनसिंह वर्मा, लोनिवि मंत्री मप्र शासन।
-सज्जनसिंह वर्मा, लोनिवि मंत्री मप्र शासन।