बायपास के चौड़ीकरण के दौरान बामनखेड़ा व इंदौर बायपास चौराहे पर ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं, इनका काफी काम पूर्ण भी हो गया है। यहां ओवरब्रिज बन जाने के बाद आवागमन सुचारु हो जाएगा लेकिन दो शेष चौराहे पालनगर व जेल चौराहे पर न तो ओवरब्रिज को लेकर स्थिति स्पष्ट है न ही अंडरब्रिज को लेकर। जबकि यहां पर कम से कम अंडरब्रिज की आवश्यकता महसूस की जा रही है क्योंकि इन चौराहों पर दिन-रात यातायात का भारी दबाव रहता है और हादसे की आशंका रहती है। यदि अंडरब्रिज बन जाता है तो हादसों पर काफी हद तक अंकुश लग सकता है। इन दोनों ही स्थानों पर कभी अंडरब्रिज तो कभी ओवरब्रिज को लेकर चर्चाएं चलती रहती हैं लेकिन वस्तुस्थिति स्पष्ट नहीं है। लोगों ने पत्रिका के माध्यम से दोनों ही चौराहों पर कम से कम अंडरब्रिज अवश्य बनाने की मांग रखी है।
हादसों पर नियंत्रण के लिए जागरुक होना भी जरूरी देवास में पिछले कुछ वर्षों में तेजी से हादसों का ग्राफ बढ़ा है। सबसे अधिक खतरनाक स्थान एबी रोड, बायपास व भोपाल रोड हैं। इसके अलावा उज्जैन रोड पर हादसे होते रहते हैं। हादसों की खबरें पढ़कर या देखकर सिर्फ दुख जताने से कुछ नहीं होगा। लोगों को जागरुक होकर वाहन चलाने के साथ ही उन उपायों पर भी पहल करना चाहिए जिससे हादसे नियंत्रित किए जा सकें। पालनगर व जेल चौराहे पर अंडरब्रिज की मांग भी सही प्रयास हो सकता है। लोगों को इसके लिए आगे आना चाहिए।
-संगीता सिंह राठौर, समाजसेविका देवास।