scriptपेपर बैग बने महिलाओं की जीविका के साधन | paper bag made by woman | Patrika News

पेपर बैग बने महिलाओं की जीविका के साधन

locationदेवासPublished: Oct 19, 2018 01:03:23 am

पॉलीथिन के उपयोग के खिलाफ निगम प्रशासन जनजागृति अभियान करेगा और तेज

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देवास. निगम प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद पॉलीथिन के उपयोग पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। अलग-अलग रूपों में शहर में उपयोग में आ रही पॉलीथिन पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रही है। इसपर लगाम लगाने के लिए निगम ने एक से ड़ेढ़ साल पहले से सख्ती दिखाना शुरू कर दिया है, लेकिन आमजन में पर्यावरण के प्रति जागरुकता की कमी है। इसी बीच आठ से दस महिलओं ने पॉलीथिन के बजाए कागज के बैग को अपनी जीविका का साधन बनाकर पर्यावरण मित्र के रूप में काम कर रही हैं। निगम के प्रयास से माता टेकरी पर नौ दिन भक्तों को पॉलीथिन के बजाए इन महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे कागज के बैग में प्रसाद सामाग्री दुकानदारों द्वारा दी गई। इतना ही नहीं इसका आसर यह रहा कि भक्त भी अब कागज के बैग ही दुकानदारों से मांगने लगे। निगम इस पहल को अब शहर में भी सख्ती से लागू करने की तैयारी कर रहा है। इतना ही नहीं शहर में आमजन में जनजागृति के लिए प्रयास भी तेज किए जा रहे हैं।
दरअसल निगम प्रशासन द्वारा शहर को पॉलीथिन मुक्त किए जाने के लिए बड़ी कार्रवाई तक की जा रही है। इसके बाद भी शहर में दुकानदारों द्वारा पॉलीथिन का उपयोग किया जा रहा है। हालाकि निगम के प्रयास के सार्थक परिणाम भी समाने आ रहे हैं। यहीं कारण है कि शहर में पालीथिन के उपयोग से अब लोग कतरा भी रहे हैं। निगम ने गणेश उत्सव के दौरान भी प्रसाद विक्रेता दुकानदारों को जागरूक कर उन्हें पॉलीथिन का उपयोग न किए जाने की सलाह दी थी और इसके परिणाम भी सामने आएं ।
महिलाओं ने शुरू की नई पहल
माता टेकरी पर करीब ८ से १० महिलाएं हैं, जो कागज के बैग बना रही हैं। इन कागज के बैग की खपत माता टेकरी पर प्रसाद की दुकान लगाने वाले दुकानदारों के बीच ही हो जाती है। महिलाओं का कहना है कि अब यह उनके जीविका का साधन बन चुका है। वे कहती हैं कि पर्यावरण के लिए हम कुछ ज्यादा तो नहीं कर पा रहे हंै, लेकिन जो भी हमसे हो सकता है वह कर रहे हैं।
निगम द्वारा शहर में पॉलीथिन के बैग पर रोक लगाई गई, उसके बाद से ही इन महिलाओं ने माता टेकरी पर कागज से बैग बनाए जाने का काम शुरू कर दिया। इनका कहना है कि शुरुआत में बहुत दिक्कत आई, दुकानदार इन्हें नहीं खरीदते थे। इन बैग से पॉलीथिन सस्ती होती थी। जब उन्हें बताया गया कि पॉलीथिन पर्यावरण के लिए बहुत घातक है, समझाया गया। इधर निगम ने जब सख्ती दिखाना शुरू की तो दुकानदारों ने भी कागज के बैग में प्रसाद सामाग्री देना शुरू कर दिया। अब माता टेकरी पर कोई भी दुकानदार पॉलीथिन में प्रसाद नहीं देता है।
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