script

बारसा सूत्र श्रवण से धन्य हो गए समाजजन

locationदेवासPublished: Sep 14, 2018 01:04:35 am

श्रद्धालुओं ने विधि- विधान के साथ किया ज्ञानपूजन

dewas

बारसा सूत्र श्रवण से धन्य हो गए समाजजन

चापड़ा.शादी होती है एक दिन की किंतु तैयारी महीने भर पहले करना होती है । क्षमापना पर्व होता है एक दिन का संवत्सरी के रूप में किंतु पहले के 7 दिन क्षमा के लिए हृदय को तैयार करने के लिए है । स्वच्छ दीवार में अच्छा चित्र बनता है ,स्वच्छ जमीन पर सुंदर रंगोली सजाई जाती है। स्वच्छ दिल में महापर्व की सफल आराधना हो सकती है।
पर्वाधिराज के समापन दिवस पर जैन तीर्थ शिवपुर में अनुयोगाचार्य श्री वीररत्न विजयजी ने कहा, साधक आत्मा के जीवन में 5 बातें होना जरूरी है, किसी को निंदनीय न माने, दुर्जन के प्रति भी द्वेषभाव ना हो, गुणवान के प्रति बहुमान भाव हो, हितकारी वचन का सदा स्वीकार हो , धर्म, पंथ शास्त्र के लिए दुराग्रह न हो ये 5 सदगुण व्यक्ति को महान बनाते हैं । नवकार के स्मरण से , सिद्धाचल के दर्शन से ,त्यागी गुरु का चरण शरण से , माता -पिता की सेवा से तथा बारसासूत्र सूत्र के श्रवण से जीवन धन्य बन जाता है। बारसासूत्र के दिव्य चित्रों के वंदन से हमारा चरित्र वंदनीय बन जाता है ।
महापर्व के समापन पर इंदरमलजी जैन ने महाग्रंथ पूज्यश्री को समर्पित किया। विमल सुराणा , कमल सुराणा , सुषमा सुराणा एवं डाल चंदजी जैन ने विधान के साथ ज्ञानपूजन किया। गुरुदेव ने लगातार 2 घंटे तक ग्रंथ रत्न का श्रवण कराया , ग्रंथ की अंतिम पंक्ति पढ़ते ही इंद्र महाराज ने शिवपुर को पानी से तरबतर कर दिया । संवत्सरी प्रतिक्रमण हुआ । प्रभावना वितरण का लाभ सुनील कुमार हंसाबेन धाकड़ इंदौर ने लिया। जानकारी ट्रस्ट सचिव विनोद बाबेल ने दी।
दिगंबर जैन समाज का पर्युषण आज से: सोनकच्छ.आज से संपूर्ण भारत में दिगम्बर जैन समाज के 10 दिवसीय पर्युषण महापर्व का भव्य शंखनाद होगा। 10 दिनों तक दस लक्षण पर्व के10 धर्मों का विधिवत पालन किया जाएगा। आत्म शुद्धि के इस पर्व पर सम्पूर्ण जगत में रह रहे मानव के कल्याण व वैराग्य के लिए समाजजन जिनेंद्र देव की भक्ति में लीन रहेंगे। समाजजनों द्वारा बताया गया कि 10 दिनों तक होने वाले इस पर्व पर प्रभु की भक्ति का एक अनोखा ही वातावरण रहेगा। नगर के छोटे जैन मंदिर पर आर्कषक रंगोली के रंगों से तेरहदीप मंडल विधान की रचना की गई है । बड़े मंदिरजी पर प्रतिदिन प्रभु की भक्ति की जाएगी। प्रतिदिन सुबह 6 बजे से श्रीजी के कलशाभिषेक, शांतिधारा के बाद समाज के प्रमेश जैन के कुशल सानिध्य में जिनेंद्र देव की विधि अनुसार पूजा-अर्चना की जाएगी। दोपहर में महिलाओं द्वारा तत्ववार्थ सूत्र शास्त्र पर धर्म चर्चाएं की जाएगी । संध्या कालीन प्रतिक्रमण, आरती , शास्त्र वाचन के पश्चात श्री आदिनाथ नवयुवक मंडल व समाज की महिला मंडल द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंग।
हाटपीपल्या. दिगंबर जैन समाज के तत्वावधान में भगवान आदिनाथ तथा पाश्र्वनाथ जिनालय में 10 दिवसीय महापर्व पर्युषण का आयोजन 14 सितंबर से प्रारंभ होगा । इसके अंतर्गत प्रतिदिन श्रीजी अभिषेक, नित्य नियम पूजन, तत्वार्थसूत्र वाचन, विधान मंडल पूजन, जिज्ञासा समाधान, सामायिक आरती तथा शास्त्रोक्त प्रवचन की प्रक्रियाएं संपन्न होंगी । उल्लेखनीय है कि दिगंबर जैन श्रमण संस्कृति की शास्त्र सम्मत परंपरा में आदि, अनादिकालीन रूप से पर्वाधिराज महापर्व पर्युषण का अत्यधिक महत्व है । इसके माध्यम से पू्र्ण रूप से मनोविकारों से मुक्ति तथा निर्मल निर्विकारी आत्म स्वभाव की जागृति के निमित्त धर्म आराधना की जाती है । अभिषेक शास्त्री सागर के निर्देशन में विधि-विधानपू्र्वक उक्त आयोजन होगा । समाज के अध्यक्ष कचरुमल गंगवाल तथा अशोक वी छाबड़ा के निर्देशन में विस्तृत आयोजन की रूपरेखा बनाई गई है । पवन चांदवाड, सुरेश झांझरी, सुभाष पाटनी, विनय कासलीवाल, अर्पित पाटनी ,अखिल पाटनी, नीरज कासलीवाल, अजीत झांझरी तथा विपिन बाछल व्यवस्था में सक्रिय है।

ट्रेंडिंग वीडियो