यहांं पर पार्षद के विरोध के बाद भी पहले दिन देर शाम तक काम चला। पानी की टंकी के निर्माण के विरोध में स्थानीय पार्षद शांता ठाकुर मौके पर पहुंची थी व खोदे गए गड्ढे में बैठ गई। पार्षद के सामने आ जाने से जेसीबी से गड्ढा खोदने का काम 30 मिनट तक रूका रहा। पार्षद शांता ठाकुर का कहना था कि धार्मिक स्थल पर वे पानी की टंकी नहीं बनने देगी। पार्षद का विरोध देख निगम अफसरों ने सिविल लाइन थाने की पुलिस को बुलाया। पुलिस की सख्ती के आगे महिला पार्षद की एक नहीं चली व उन्हें पुलिस ने बलपूर्वक मौके से हटा दिया। रहवासी भी पानी के संकट से मुक्ति चाहते है इस कारण पार्षद के साथ विरोध में कोई नहीं आया।
पहले बदली थी जगह, अब वही होगा निर्माण अमृत योजना के अंतर्गत नगर निगम 10 लाख लीटर पानी की टंकी का निर्माण वार्ड क्रमांक 12 में करने जा रहा है। इसके लिए मेंढकी मुख्य रोड के माता मंदिर की खाली जगह को पूर्व में चिन्हित किया था। निगम का अमला यहां पर काम शुरू करता इसके पूर्व ही पार्षद ने विरोध कर दिया था, इस विरोध के बाद तय हुआ था कि कुछ दूरी पर ही स्थिति खाली पार्क की जमीन पर टंकी का निर्माण किया जाए लेकिन पार्क में टंकी निर्माण के विरोध में स्थानीय रहवासी आ गए थे। उनका कहना था कि टंकी निर्माण के बाद पार्क में बच्चों के खेलने की जगह ही खत्म हो जाएगी।
विरोध में लोगों ने आवेदन भी दिया था। आखिरकार निगमायुक्त नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने निगम टीम को निर्देश दिए कि पानी की टंकी निर्माण के लिए जो जगह सबसे पहले चिन्हित की गई थी, काम अब वहीं शुरू होगा। निर्देश के बाद निगम टीम का अमला मौके पर पहुंचा व माता मंदिर की खाली जगह पर नपती कर काम की औपचारिक शुरुआत मंगलवार को की। जहां पर बड़ी टंकी का निर्माण किया जाना है, वहीं पर पूर्व में भी पानी की टंकी थी। जर्जर होने पर इस पुरानी टंकी को तोड़ दिया गया था लेकिन अब नई टंकी का पार्षद विरोध कर रही है। मंगलवार को दोपहर 3 बजे से निगम की टीम ने यहां पर काम शुरू कराया। काम को गति देने के लिए दो जेसीबी मौके पर बुलाई गई थी। एक जेसीबी ने दोपहर 4 बजे पहुंचकर काम शुरू भी कर दिया था।
आधा घंटे गड्ढे में बैठी, समर्थन में कोई नहीं आया वार्ड 12 की पार्षद शांंता ठाकुर को पानी की टंकी के निर्माण की जानकारी मिली तो वे विरोध करने के लिए पहुंच गई। विरोध के लिए वे जेसीबी से खोदे गए गड्ढे में जाकर बैठ गई, पार्षद के साथ दो तीन बच्चे भी थे। करीब 30 मिनट वे विरोध में बैठी रही। निगम के अफसरों ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं मानी। आखिरकार निगम के वरिष्ठ अफसरों से चर्चा के बाद पुलिस को मौके पर बुलाया गया। पुलिस की सख्ती के आगे पार्षद की एक नहीं चली। पार्षद को हटाने के बाद फिर से काम शुुरू कर दिया गया। वहीं वार्ड की कुछ महिलाओं का कहना था कि पानी की टंकी का निर्माण होने से क्षेत्र में जलसंकट का स्थायी हल हो जाएगा। रहवासी चंदाबाई पटेल ने कुछ लोगों के विरोध पर कहा कि वार्ड के लोग पानी की टंकी के समर्थन में है, अगर जरूरत पड़ी तो वार्ड के लोग लिखित में भी अपना समर्थन दे देंगे।
10 लाख लीटर की टंकी का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। पानी की टंकी का निर्माण होने से रेलवे पटरी के इस भाग में सभी को रोजाना पानी मिलने लगेगा।
जगदीश वर्मा, उपयंत्री
नगर निगम देवास।
जगदीश वर्मा, उपयंत्री
नगर निगम देवास।