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जाते-जाते बारिश ने जगाई रबी फसल की आस

locationदेवासPublished: Sep 17, 2017 01:34:45 am

कृषि विभाग ने खाद का पहले से स्टॉक कर लिया, वहीं बिजली कंपनी भी उपकरणों के सुधार में जुटी

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देवास. इस बार शुरू से ही बारिश सही नहीं हो रही है, जिससे सोयाबीन की फसल में नुकसान हुआ है। वर्तमान में बारिश का मौसम विदा होने वाला है, किंतु पिछले एक सप्ताह से शहर से लेकर जिले भर में रुक-रुककर कभी मूसलधार तो कभी रिमझिम बारिश का दौर चल रहा है। इस बारिश ने किसानों के चेहरे पर रबी सीजन की आस जगा दी है।
किसानों के साथ ही कृषि विभााग व बिजली कंपनी ने भी अपनी तैयारियां पूरी कर ली है। वैसे यह पानी इतना नहीं है कि रबी सीजन में गेहूं व चना फसल में पलेवा की पूर्ती कर दे। फिर भी किसानों को अपने बोरिंगों से ५० फीसदी तक पानी मिल जाएगा। किसान खेत में पलेवा करने के बाद बोवनी कर देंगे। उसके बाद खेतों में एक बार पानी भी छोड़ सकेंगे।
इस बीच अगर मावठा सक्रिय हो गया तो रबी सीजन की बोवनी से इनकार नहीं किया जा सकता है। किसान बलवंत यादव व रामलाल पटेल का कहना है कि जाती हुई बारिश के मौसम को देखकर लग रहा है कि किसान सोयाबीन निकलाने के बाद रबी फसल की बोवनी में जुट जाएंगे। जिन किसानों ने पहले बोवनी व कम दिनों में आने वाली सोयाबीन खेतों में पककर तैयार खड़ी है। बारिश का दौर शुरू होने से खेतों में फसलों को नुकसान हो रहा है।
यूरिया के रैक बुला रहा कृषि विभाग
उप संचालक कृषि एसएस राजूपत ने बताया, कृषि विभाग ने पहले से रबी सीजन की तैयारी कर रखी है। बारिश कम होने के बाद भी नियमित रूप से ट्रेनों से यूरिया सहित अन्य खादों की रैक रेलवे स्टेशनों पर लग रही है। इस बार रैक की संख्या पिछले सालों के मुकाबले कम बुलाई है, किंतु एक सप्ताह से जिलेभर में हो रही बारिश से अतिरिक्त रैक मंगवाने का प्लॉन तैयार किया जा रहा है। शहर से लेकर जिलेभर की सभी सोसायटियों में किसानों के लिए पर्याप्त खाद का भंडारण है। अभी किसान खाद कम ले जा रहे हैं। किसानों को समय से पहले खाद लेकर रख लेना चाहिए ताकि बाद में परेशानी नहीं हो। इस सीजन से किसानों को खाद मशीन पर थंब इंप्रेशन (अंगूठा लगाना) के बाद ही मिलेगी। शासन की योजना है कि खाद वास्तविक किसानों तक पहुंचे।
बिजली कंपनी ने चार अतिरिक्त ग्रिड बनाए
विविकं अधीक्षण यंत्री कामेश श्रीवास्तव के मुताबिक बारिश होने पर अब किसानों को रबी सीजन में पर्याप्त बिजली की जरूरत होगी। हालांकि अभी इतनी बारिश नहीं हुई है कि बोरिंगों में भरपूर पानी आ सके, फिर भी कुछ समय तक तो बोरिंग चलेंगे। कंपनी ने जिले के ग्राम नेवरी के पास पोनासा में, चापड़ा के पास गुराडिय़ाकलां में, भोपाल रोड पर नेवरीफाटा के पास व ग्राम भूतियाबुजुर्ग में ५ एमवीए क्षमता के चार अतिरिक्त नए ग्रिड बना दिए हैं। इन क्षेत्रों में बिजली का लोड अधिक होने पर किसानों को परेशानी आती थी। यह ग्रिड ३० सितंबर से चालू हो जाएंगे, जिससे किसानों को वॉल्टेज व बार-बार बिजली गुल होने की समस्या खत्म हो जाएगी। इसके अलावा चिह्नित ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता भी जिले भर में बढ़ाई जा रही है।
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