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ये क्या… खुद पढ़ा है सिर्फ 12वीं और परीक्षा दे रहा था बीए सेकंड इयर की, देखे वीडियो

locationदेवासPublished: Mar 12, 2019 02:42:04 pm

–मौसा की जगह परीक्षा देने पहुंचा ‘मुन्ना भाई …चेकिंग के दौरान पकड़ाया –प्राचार्य ने की पूछताछ तो बरगलाया बाद में पुलिस को बताया सच, करवाई एफआईआर

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देवास. नकल के लिए कुख्यात हो चुके लीड केपी कॉलेज में सोमवार को नया मामला सामने आया। जिस परीक्षार्थी का पेपर था उसकी जगह कोई और ही पेपर देने पहुंच गया। वीक्षक को शंका हुई तो पकड़ा और पुलिस को खबर की। पुलिस पहुंची और युवक को थाने ले गई। पूछताछ में उसने बताया कि अपने रिश्तेदार की जगह पेपर देने आया था। युवक खुद 12वीं तक पढ़ा है जबकि पेपर बीए सेकंड इयर का था। कॉलेज में मुन्ना भाई की यह संभवत: पहली घटना है जिसके चलते हड़कंप मचा हुआ है।
जानकारी के मुताबिक घटना सोमवार को केपी कॉलेज में सुबह 11 से २ बजे की शिफ्ट में बीए सेकंड इयर का राजनीति विज्ञान का पेपर था। इस पेपर में दिलवर सिंह पिता ईश्वर सिंह राजपूत (५५) निवासी रोजड़ी नेवरी, हाटपीपल्या का नाम स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में दर्ज है। रूम नंबर २३ में पेपर हो रहा था। पेपर में दिलवर सिंह की जगह विकास सिंह बनाम नरेंद्रसिंह राजपूत परीक्षा देने पहुंच गया। जब वीक्षक ने अभिप्रमाणन पत्र में दस्तखत और फोटो का मिलान किया तो गड़बड़ सामने आई। शिफ्ट इंचार्ज को सूचना दी। शिफ्ट इंचार्ज ने प्राचार्य को बुलाया। प्राचार्य ने पकड़े गए युवक से पूछताछ की तो उसने शुरुआत में बरगलाया। बाद में पुलिस की पूछताछ में सही बात बताई। अंत में प्राचार्य ने नाहर दरवाजा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। विक्रम यूनिवर्सिटी को भी इस मामले की लिखित शिकायत की जा चुकी है।
फोटो और साइन में दिखा अंतर

कॉलेज प्रशासन के अनुसार जब कोई परीक्षार्थी पेपर देने जाता है तो वहां अटेस्टेशन शीट (अभिप्रमाणन शीट) रहती है। इसमें सभी परीक्षाॢथयों की फोटो और पेपर की जानकारी होती है। हर परीक्षार्थी को अपनी आंसर शीट का नंबर लिखकर साइन करनी होती है। इसके बाद वीक्षक टेबल पर जाकर फोटो चेक करता है और साइन मिलान करवाता है। जिस समय यह प्रक्रिया हो रही थी उसी समय साइन और फोटो में अंतर दिखा। वीक्षक ने शिफ्ट इंचार्ज डॉ. वेणु त्रिवेदी को सूचना दी। इसके बाद प्राचार्य को बुलाया गया और पुलिस को खबर की।
थाने पहुंचकर करवाई एफआईआर

प्राचार्य डॉ. एसएल वरे ने बताया कि लड़के ने पहले तो नाम बताने में आनाकानी की। जब पुलिस को बुलाकर सख्ती की तो उसने अपना नाम विकास सिंह, नरेंद्र सिंह बताया। पहले तो कहा कि खुद ही स्टूडेंट हूं। बाद में दोस्त का कहने लगा और जब सख्ती को कहा कि मौसाजी की जगह पेपर देने आया हूं। मौसाजी आर्मी में है। इसके बाद नाहर दरवाजा थाने पहुंचकर एफआईआर करवाई। जब पूरा रिकॉर्ड चेक किया तो पता चला कि इसके पहले भी दिलवर सिंह के नाम पर दो पेपर दिए जा चुके हैं। ये पेपर कौन देने आया था इसका पता लगा रहे हैं क्योंकि दिलवर सिंह पेपर देने आया ही नहीं। कॉलेज में जब से मैं आया हूं उसके बाद पहली बार इस तरह की घटना हुई है। यह गंभीर मामला है। आगे से और सख्ती की जाएगी।
पुलिस ने दर्ज किया केस

केपी कॉलेज में परीक्षार्थी के स्थान पर कोई दूसरा संदिग्ध छात्र पेपर दे रहा था। सूचना मिलने पर कॉलेज पहुंचे थे और संबंधित के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए नाहर दरवाजा पुलिस को कहा है। कॉलेज कैंपस में कोई भी असामाजिक तत्व प्रवेश करेगा तो सख्त कार्रवाई करेंगे।
जीवन सिंह रजक, एसडीएम देवास

नाहर दरवाजा थाना पुलिस ने बताया कि आरोपित का नाम नरेंद्र सिंह पिता हरीसिंह निवासी संवरसी है। वह दिलवर सिंह पिता ईश्वरसिंह के नाम पर परीक्षा देने गया था। कॉलेज के प्राचार्य की शिकायत पर आईपीसी की धारा ४१९, ४२० और परीक्षा के तहत केस दर्ज किया है। आरोपित खुद को दिलवर का रिश्तेदार बता रहा है। दिलवर सिंह मिलिट्री में है। आरोपित से पूछताछ कर रहे हैं।
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