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दुकानें तोडऩे पहुंची टीम तो जेसीबी के सामने अड़ गई महिला, पंजा लगा तो सिर से बहा खून

locationदेवासPublished: May 16, 2019 04:36:28 pm

नगर निगम ने कहा- बिना परमिशन के एमआर रोड पर बना ली थी दुकानें

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दुकानें तोडऩे पहुंची टीम तो जेसीबी के सामने अड़ गई महिला, सिर से बहा खून

देवास. कैलादेवी मंदिर रोड पर स्थित दुकानों पर बुधवार को नगर निगम का बुल्डोजर चला। निगम की टीम यहां पहुंची और दुकानों को तोड़ दिया। निगम का कहना था कि एमआर रोड पर अतिक्रमण कर दुकान लगा ली थी, जबकि दुकानदारों का कहना था कि वे प्रतिमाह दो हजार रुपए किराया देते थे। कॉलोनाइजर मन्नूलाल गर्ग ने ये दुकानें दी थी। इस मामले में गर्ग ने ननि पर आरोप लगाए हैं। महापौर सुभाष शर्मा को ओछी मानसिकता का करार देकर कहा है कि निगम ने कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए कार्रवाई की। पूरे मामले में सबसे अहम सवाल यही है कि निगम का कहना है कि दुकानों की कोई परमिशन नहीं थी और एमआर रोड पर अवैध तरीके से दुकानें बना ली थी, ऐसे में गर्ग किस आधार पर किराया ले रहे थे। गर्ग का कहना है कि किराया मंदिर फंड में जमा होता था।
सुबह करीब साढ़े नौ बजे नगर निगम इंजीनियर जितेंद्र सिसौदिया टीम के साथ कैलादेवी मंदिर रोड पर लगी दुकानों पर पहुंचे। यहां हार-फूल व प्रसाद की दुकानें थी। दुकान मालिकों से कहा कि फटाफट सामान बाहर निकाल लो। दुकानदारों ने सामान बाहर निकाला और निगम की तीन जेसीबी की मदद से दुकानें तोड़ दी गई। कार्रवाई के दौरान एक महिला को जेसीबी के पंजे से चोट भी लगी। उसके सिर से खून बहा। इस पर विवाद हुआ। पुलिस बुलवाई गई। पुलिस और नगर निगम टीम के सामने महिला ने खरीखोटी सुनाई। कार्रवाई पर सवाल उठाए।
बिना बताए तोड़ दी दुकानें

दुकानदारों ने कहा कि नगर निगम वालों ने बिना बताए दुकानें तोड़ दी। हमें कोई सूचना न हीं दी। हम तो हार-फूल और प्रसाद बेचते थे। नगर निगम वाले आए और कहा कि दुकानें अवैध है। फटाफट सामान निकाल लो वरना सामान सहित दुकान तोड़ देंगे। जैसे-तैसे सामान निकाला और इसके बाद सबकी दुकानें तोड़ दी गई। बताया गया कि कुल छह दुकानें तोड़ी गई है। इधर दुकानदारों ने यह भी बताया कि वे दुकानों के मामले में मन्नूलाल गर्ग को दो हजार प्रतिमाह किराया देते थे।
महापौर पर ओछी और धर्म विरोधी मानसिकता का आरोप

इस मामले में मन्नूलाल गर्ग की ओर से बयान जारी किया गया। इसमें कहा कि महापौर सुभाष शर्मा ने अपने ओछी मानसिकता के साथ कैलादेवी मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था एवं हमारी धार्मिक भावना को अपनी व्यक्तिगत लड़ाई से जोडक़र कैलादेवी मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर के सामने गरीब परिवार की आजीविका के साधन के लिए प्रसाद की दुकान का निर्माण करवाया था, जिसका किराया मंदिर ट्रस्ट को प्रदान होता रहा है। इस जमीन पर हार-फूल एवं प्रसाद की दुकान का शेड बनाया गया था। उसके लिए पूर्व से ही न्यायालय का स्टे प्राप्त था, जिसकी पार्टी स्वयं नगर पालिका निगम के आयुक्त है। इसके बावजूद बिना नोटिस दिए 15 मई को नगर पालिक निगम के आला अधिकारियों ने दल सहित आकर निगम के सिटी इंजीनियर कैलाश चौधरी के निर्देशन में उक्त दुकानों पर बुलडोजर चलाकर दुकान के शेड एवं दुकान में भरे हार फूल प्रसाद एवं पूजन की सामग्री भर कर ले गए।
इस दौरान बेचने वाली दुकानदार महिला निर्मला पवार ने विरोध करते हुए कहा कि मुझे अपनी सामग्री समेट लेने दो, मगर निगम दल ने उसकी बात नहीं सुनी। जब वो बुलडोजर के सामने खड़ी हो गई तो उसके साथ गाली-गलौज कर मारपीट की। महिला को बुलडोजर के दांते से सिर में चोट आ गई। सिर से खून बहने लगा तब भी निगम दल अपनी मनमानी से बाज नहीं आया। न तो उस महिला का प्राथमिक उपचार करवाया न ही उसकी सुध ली। महिला रोती बिलखती रही। चुनाव में आचार संहिता के चलते भाजपा कार्यकर्ता महापौर सुभाष शर्मा जनता के सामने इस कार्य को विकास के काम से जोड़ते हुए बयानबाजी कर रहे हैं। पूर्व में गेट तोडऩे के मामले का भी जिक्र किया और महापौर पर आरोप लगाए। नगर निगम द्वारा व्यक्तिगत रंजिश को पालने के खिलाफ मुख्यमंत्री कमलनाथ को ज्ञापन दिया जाएगा। धार्मिक भावना से जुड़े लोगों के लिए न्याय मांगा जाएगा।
दुकानों की नहीं थी परमिशन: ननि के कार्यपालन यंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि एमआर रोड पर दुकानें बना ली थी। इनकी कोई परमिशन नहीं थी। जिस जगह रोड बनना है, वहां दुकानें हो ही नहीं सकती। इस पर कार्रवाई की गई। कोर्ट का भी इस संबंध में कोई ऑर्डर मेरी जानकारी में नहीं है।
महापौर-ईई की मिलीभगत का आरोप

मामले में मन्नूलाल गर्ग ने कहा कि महापौर सुभाष शर्मा और कैलाश चौधरी की मिलीभगत है। इन दो के अलावा किसी का दखल नहीं है। जनता का नुकसान हुआ।दुकान चलाकर पेट पालने वाले लोगों की रोजी-रोटी छिन गई। हम जो किराया लेते थे वह मंदिर फंड में जमा होता था, जिसकी रसीद दी जाती थी। जहां तक एमआर रोड की बात है तो पूरे शहर में ४०-५० एमआर रोड प्रस्तावित है। इनको बदला जा सकता है। कैंसल भी हो सकते है क्योंकि अभी ये प्रस्तावित है। जमीन पर मालकियत हमारी है।
मुझे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है।मैं भाजपा के जनसंपर्क में लगा हूं। नगर निगम गए ही महीनों हो गए हैं। मैं अधिकारियों से जानकारी लूंगा।
– सुभाष शर्मा, महापौर देवास

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