सड़क हादसों ने छीने पैर, परिवार का पालन-पोषण मुश्किल, लोन की आस में पहुंचे कई
देवासPublished: Jun 22, 2019 11:56:37 am
जिला पंचायत कार्यालय में भीड़ अधिक होने के कारण आई कई परेशानियां
देवास. कोई सड़क हादसे मेें अपने पैर खोने के बाद रोजगार के लिए जूझते हुए लोन की आस में तो कोई जन्म से ही नि:शक्त होने के कारण कई दिक्कतों का सामना करते हुए सुविधाओं की आस लेकर गुरुवार को जिला पंचायत कार्यालय पहुुंचा। आयोजन था दिव्यांग मोबाइल कोर्ट का, यहां आवेदन देकर जिम्मेदारों के सामने गुहार लगाई। दिव्यांगों व परिजनों की संख्या अधिक होने व जगह कम होने के कारण दिक्कतों का सामना भी लोगों को करना पड़ा। वहीं बीच-बीच में गुल होने वाली बिजली ने परेशानी और बढ़ाई। इस दौरान कुछ पंखे बंद होने के अलावा पर्याप्त उजाला भी नहीं रहा। दोपहर १२.०५ बजे भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई यहां नजर आई। दिव्यांगों के परीक्षण के लिए डॉक्टरों को भी तैनात किया गया था। वहीं समस्याओं के निराकरण के लिए अलग-अलग विभाग के करीब ५० अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
प्रकरण-एक
एक पैर नहीं, बेटे पढ़ाई के साथ कर रहे काम
सोनकच्छ के पास गंधर्वपुरी में रहने वाले भारत सिंह (४२) पहले ट्रक चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। करीब 7-8 साल पहले भोपाल रोड स्थित आष्टा क्षेत्र में सड़क हादसे में उनके एक पैर का लगभग ४० प्रतिशत हिस्सा कट गया। इसके बाद उनकी परेशानियों का दौर शुरू हो गया। वर्तमान में उनके पास कोई रोजगार नहीं हैं। लोन की आस में देवास आकर उन्होंने अधिकारियों के समक्ष आवेदन दिया जहां से आश्वासन मिला। भारत ने बताया घर पर पत्नी के अलावा दो बेटों की जिम्मेदारी है। बच्चे भी मेरी स्थिति समझते हैं इसलिए पढ़ाई के अलावा वो मजदूरी भी करके अपना खर्च निकाल लेते हैं। यदि लोन मिल गया तो कोई छोटा-मोटा धंधा शुरू कर लूंगा जिससे गुजर-बसर आसान हो जाएगा।
प्रकरण-दो
बाइक वाली गाड़ी हो तो दूर तक जाऊं सामान बेचने
रामपुरा उदयनगर के रहने वाले मुरली बैरागी (३५) का कुछ साल पहले पालदा इंदौर क्षेत्र में सड़क हादसे में एक पैर कट गया था। उनके ऊपर अपने सहित मां सरस्वतीबाई (५८) के भरण-पोषण की जिम्मेदारी है। मुरली के पास ट्राइसिकल है, उसकी मदद से वह सेंव-मिक्चर, चॉकलेट, बिस्किट आदि गांव-गंाव बेचकर कुछ राशि कमा रहा है। मुरली का कहना है कि यदि उसे शासन से बाइक वाली गाड़ी मिल जाए तो आवागमन आसान हो जाए और वह अधिक गांवों तक पहुंचकर अपने धंधे को बढ़ा सकता है। मोबाइल कोर्ट में उसने आवेदन भी दिया, जांच कर आगे कार्रवाई का आश्वासन मिला।
प्रकरण-तीन
जन्म से दो बेटे अस्थिबाधित, स्वरोजगार के लिए मांगा लोन
एबी रोड पर सिया से आगे कलमा में रहने वाले पीरूलाल पांचाल मजूदरी करते हैं। उनके दो बेटे विकास व कुणाल जन्म से अस्थिबाधित हैं। स्वरोजगार करने के लिए लोन की आवश्यकता महसूस करते हुए पीरूलाल दोनों को लेकर मोबाइल कोर्ट में पहुंचे और आवेदन दिया। पीरूलाल ने बताया इसके अलावा एक बेटे के पास व्हील चेयर नहीं है, उसकी भी मांग की गई।
31 दिव्यांगों को तत्काल मिला मेडिकल प्रमाण पत्र
मोबाइल कोर्ट में आयुक्त नि:शक्तजन संदीप कुमार रजक ने जिले के दिव्यांगजनों की समस्याओं का निराकरण किया। मोबाइल कोर्ट में 186 दिव्यांगजनों ने आवेदन प्रस्तुत किए। इस अवसर पर सीईओ जिला पंचायत शीतला पटले, उप संचालक सामाजिक न्याय राजेश कामदार, राघवेंद्र कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मोबाइल कोर्ट में आयुक्त नि:शक्तजन रजक ने निर्देश दिए कि दिव्यांगजनों को समय पर नि:शक्त पेंशन देने, दिव्यांगजनों को स्वरोजगार योजनाओं के तहत ऋण स्वीकृत करने, ट्रायसिकल प्रदाय करने तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जायें। पेंशन, रोजगार, मेडिकल प्रमाण पत्र सहित विभिन्न प्रकार की समस्याओं से आयुक्त को अवगत कराया गया। मोबाइल कोर्ट में 31 दिव्यांगजनों को मेडिकल प्रमाण पत्र मौके पर ही बनाकर दिये गये। इसके अलावा दिव्यांग दिलीप परिहार को व्हील चेयर प्रदान की गई तथा अन्य समस्याओं का भी निराकरण किया गया।