शिक्षा का अधिकार अधिनियम आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए बच्चों के पंजीयन की गति बहुत धीमी है। 30 अप्रैल से अब तक महज 2694 सीटों के लिए ही पंजीयन हुआ है, जबकि आरटीई में देवास जिले के लिए 11223 सीटे आरक्षित है। रजिस्ट्रेशन के लिए अब महज 9 दिन शेष है। आरटीई के तहत कमजोर व वंचित वर्ग के बच्चों के प्रवेश के लिए 29 मई तक ऑनलाइन पंजीयन किए जा रहे है। आने वाले 9 दिन में जिले की शेष बची सीटों पर एडमिशन के लिए बच्चों के पंजीयन होना बाकी है। आरटीई के तहत पिछले वर्ष भी सीटे खाली रह गई थी। अगर इस वर्ष सभी सीटे भरनी है तो शिक्षा विभाग के अफसरों को पंजीयन कार्य की गति को बढ़ाना होगा, अगर ऐसा नहीं हुआ तो कमजोर व वंचित वर्ग के बच्चों को आरटीई का लाभ नहीं मिलेगा।
प्रवेश निरस्त नहीं करे इसलिए पहले हो रहा सत्यापन निजी स्कूलों के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने इस बार पहले सत्यापन कराने के निर्देश दिए है। आरटीई के तहत इस बार आवेदन करने के तुंरत बाद बच्चों के दस्तावेजों का सत्यापन कराना है, तभी पंजीयन मान्य किया जा रहा है। हर बार दस्तावेजों के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से सीट आवंटन होने के बाद होती थी। इस बार पहले सत्यापन का फायदा ये मिलेगा कि एक बार सीट आवंटन होने के बाद स्कूल संचालक दस्तावेजों में कमी का बहाना बनाकर बच्चों को प्रवेश देने से इंकार नहीं कर सकेंगे। लेकिन इस बार सत्यापन कार्य बेहद धीमा चल रहा है, सत्यापन में देरी का असर ऑनलाइन पंजीयन में कमी के रूप में दिख रहा है। एक समस्या सर्वर डाउन रहने की वजह से भी आ रही है। इसके चलते पंजीयन नहीं हो पा रहे है। एक फॉर्म को भरने में 15 से 20 मिनट लगते है। इसी बीच सर्वर डाउन होने से कुछ घंटों के लिए आवेदन फॉर्म अटक जाता है।
ऐसे चलेगी प्रवेश प्रक्रिया
– 29 मई तक पेरेंट्स बच्चों के ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसी बीच आवेदन में कोई गलती होने पर उसे सुधारा जा सकेगा।
– 30 मई तक जनशिक्षा केंद्र व संकुल केंद्र में दस्तावेजों का सत्यापन होगा।
– एक से पांच मई तक सत्यापनकर्ता अधिकारी से सत्यापन प्रपत्र प्राप्त कर बीआरसी उन्हें पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
-12 जून को पोर्टल पर पात्र दर्ज हुए आवेदनों में से रेंडम पद्घति के द्वारा ऑनलाइन लॉटरी से सीट आवंटन होगा।
– 13 से 25 जून तक चयनित बच्चों अशासकीय शालाओं में निशुल्क प्रवेश ले सकेंगे।
– 29 मई तक पेरेंट्स बच्चों के ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इसी बीच आवेदन में कोई गलती होने पर उसे सुधारा जा सकेगा।
– 30 मई तक जनशिक्षा केंद्र व संकुल केंद्र में दस्तावेजों का सत्यापन होगा।
– एक से पांच मई तक सत्यापनकर्ता अधिकारी से सत्यापन प्रपत्र प्राप्त कर बीआरसी उन्हें पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
-12 जून को पोर्टल पर पात्र दर्ज हुए आवेदनों में से रेंडम पद्घति के द्वारा ऑनलाइन लॉटरी से सीट आवंटन होगा।
– 13 से 25 जून तक चयनित बच्चों अशासकीय शालाओं में निशुल्क प्रवेश ले सकेंगे।
मोबाइल पर एसएमएस से मिलेगी प्रवेश की सूचना बच्चों के दस्तावेजों के सत्यापन के बाद 12 जून को लाटरी से बच्चों का चयन किया जाएगा। चयन होने के बाद बच्चों के द्वारा दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से निजी स्कूलों में प्रवेश की सूचना प्रेषित की जाएगी। इससे अभिभावकों को प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने में आसानी होगी। सत्यापन के दौरान यदि अपात्र पाए गए तो मौके पर ही इसकी जानकारी अभिभावकों को दे दी जाएगी। वहीं पात्र पाए गए बच्चों का डाटा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाएगा। इससे अभिभावकों को अपनी मंशानुसार निर्णय लेने का पर्याप्त समय मिल जाएगा। पोर्टल पर दर्ज पात्र बच्चों में से रेंडम पद्धति से ऑनलाइन लाटरी निकाली जाएगी। जिसके माध्यम से बच्चों को उनके घर के नजदीक स्कूलों प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही ऑनलाइन आवेदन के दौरान दिए गए मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्यम से सूचना प्रेषित की जाएगी। लाटरी के माध्यम से बच्चों के चयन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पोर्टल से ऑनलाइन आवंटन पत्र अभिभावकों को डाउनलोड करना होगा। इसके बाद संबंधित स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया 13 जून से शुरू हो जाएगी। जो कि 25 जून तक जारी रहेगी। विद्यार्थियों के प्रवेश की प्रक्रिया के दौरान ही प्राइवेट स्कूल अपने संस्थान में प्रवेशित बच्चों की सूची पोर्टल पर अपलोड करेंगे। साथ ही आधार सत्यापन भी उसी समय किया जाएगा। ताकि नि:शुल्क प्रवेशित बच्चों की फीस में परेशानी न हो।
सत्यापन में कई दस्तावेज पालकों से मांगे जाते हैं। अधूरे दस्तावेजों के कारण पालक अपने बच्चों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए है। चुनावी ड्यूटी खत्म होने के बाद अब बीआरसी भी सत्यापन कार्य में पालकों की मदद करेंगे, उम्मीद है कि अगले 9 दिन में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में तेजी आएगी व आरटीई की सभी सीटों पर एडमिशन हो जाएगा।
रेणु गुप्ता, एपीसी
जिला शिक्षा केंद्र देवास।
रेणु गुप्ता, एपीसी
जिला शिक्षा केंद्र देवास।