शहीद संदीप को याद कर रो पड़ा पूरा गांव, कई घरों में नहीं जले चूल्हे
देवासPublished: Jun 14, 2019 01:13:13 am
पिता को पता न चल जाए, इसलिए नहीं पढऩे दिए अखबार, बाद में पता चला तो बिगड़ी तबीयत, लोगों ने संभाला
शहीद संदीप को याद कर रो पड़ा पूरा गांव, कई घरों में नहीं जले चूल्हे
देवास/भौंरासा. भौंरासा के पास कुलाला गांव के सीआरपीएफ के जवान संदीप यादव की अनंतनाग में शहादत के बाद गांव में गुरुवार को मातम पसरा रहा। लोग दैनिक कामकाज में तो लगे रहे, लेकिन उनकी आंखें गांव के लाल को याद कर नम थीं। बच्चों से लेकर युवा व बुजुर्ग और महिलाएं सभी गमगीन थे। गुरुवार सुबह तक परिजन को संदीप के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई थी। सुबह जब संदीप के पिता अखबार पढऩे के लिए मांग रहे थे तो गांव वालों ने उनको नहीं दिए। हालांकि सुबह से ही पुलिस-प्रशासन की हलचल देख उनको अनहोनी की शंका हो गई थी। गांव के कई परिवारों के सदस्य रातभर नहीं सोए और गुरुवार को उनके घरों में चूल्हे नहीं जले।
संदीप यादव गांव का चहेता बेटा था। उसका मिलनसार व्यवहार पूरे गांव के लोगों को भुलाए नहीं भूल रहा। जब भी वह छुट्टी पर आता था तो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक से संपर्क में रहता था। गांव के कई लोगों को उसके शहीद होने का पता गुरुवार सुबह पता चला तब तक गांव में पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों का मजमा लग गया था। सुबह कलेक्टर डॉ. श्रीकांत पांडेय सहित एसपी सीएस. सोलंकी, शहर प्रभारी एएसपी नीरज चौरसिया, सोनकच्छ एसडीएम अंकिता जैन सहित अन्य अधिकारी कुलाला पहुंचे। इससे पहले सुबह करीब साढ़े आठ बजे संदीप के पिता कांतिलाल कुछ अनहोनी की आशंका के साथ गंाव के एक जवान जगदीश चौधरी जो छुट्टी पर आए हुए हैं, उनके यहां पहुंचे। यहीं पर भौंरासा पुलिस के एक अफसर ने उनको अनंतनाग के आतंकी हमले में बेटे की शहादत के बारे में बताया। इसके बाद कांतिलाल बिलख पड़े। उनकी तबीयत बिगडऩे लगी, फिर डॉक्टरों ने चेकअप किया। संदीप की मां सुगनबाई को संदीप के शहीद हो जाने के बारे में नहीं बताया गया और कहीं उनको कुछ शंका न हो जाए इसलिए कांतिलाल को उनके परिचित मनोहर चौधरी (सेवानिवृत्त फौजी व वर्तमान में शिक्षक) के घर ले जाया गया। यहीं पर उनके परिजन व ग्रामीण एकत्रित हुए। बाद में यहीं पर अफसर, जनप्रतिनिधियों, परिचितों व रिश्तेदारों का आना-जाना लगा रहा। बीच में बिजली गुल रहने से तेज गर्मी के बीच लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ा।
आतंकियों, पत्थरबाजी का जिक्र फोन पर करते थे दोस्तों से
संदीप के बचपन के मित्र जितेंद्र यादव ने बताया, अकसर संदीप से फोन पर बात होती रहती थी। बुधवार को भी दोपहर में बात हुई थी। उसके बाद उस पर आतंकी हमला हो गया। इसका पता हमें रात में चल पाया कि संदीप अब इस दुनिया में नहीं रहा। संदीप अकसर फोन पर जम्मू -कश्मीर की स्थिति की जानकारी देता था। वहां होने वाली आतंकी घटनाओं, पत्थरबाजी के बारे में बताया करता था। सुबह से लेकर रात तक गांव में जगह-जगह लोग एकत्रित होते रहे। सभी के बीच संदीप को लेकर चर्चाएं होती रहीं। महिलाओं के समूह भी कई जगह नजर आए। सभी गमगीन थे, कोई रो रहा था तो कोई मायूस होकर बैठा था।
पिता व बड़़ा भाई करते हैं खेतीबाड़ी का काम
संदीप के पिता कांतिलाल व बड़े भाई सुभाष मिलकर खेती-बाड़ी का काम संभालते हैं। परिवार मध्यमवर्गीय है। उनका एक पुराना घर गांव के अंदर है और गांव के बाहर एक नए मकान का काम चल रहा है।
कुलाला के १५ से अधिक जवान सेना में
करीब ३५०० की आबादी वाले गांव कुलाला में युवाओं में सेना के माध्यम से देश की रक्षा करने का जज्बा कूट-कूटकर भरा है। दर्जनों युवा सेना में जाने की तैयारी कर रहे हैं। यहां के करीब १५ युवा वर्तमान में सीआरपीएफ, थल सेना आदि में पदस्थ हैं। वहीं पास के गांव संवरसी व बुदासा के कई दर्जन युवा सेना में सेवाएं दे रहे हैं।
वीर सपूत ने देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया
दोपहर में प्रदेश के लोनिवि व पर्यावरण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा भोपाल से कुलाला पहुंचे। यहां उन्होंने कहा हमारे इस क्षेत्र के दर्जनों युवा सेना में सरहद की सुरक्षा कर रहे हैं। आतंकी हमले में क्षेत्र के वीर सपूत ने देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है।
गांव मेंं हुआ था सम्मान
गांव के रहवासी जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि मुकेश मालवीय ने बताया करीब एक साल पहले गांव में ही सैनिक सम्मान समारोह आयोजित किया गया था तब संदीप भी छुट्टी पर आए हुए थे, उनको भी सम्मानित किया गया था।
दु:ख की घड़ी में पूरा राष्ट्र परिवार के साथ
दोपहर बाद देवास-शाजापुर सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी अन्य नेताओं के साथ कुलाला पहुंचे। भाजपा जिला अध्यक्ष नंदकिशोर पाटीदार ने कहा शहीद संदीप यादव का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। ईश्वर इस दु:ख की घड़ी में उनके परिवार को सामथ्र्यवान बनाएं। जिला पंचायत अध्यक्ष नरेंद्रसिंह राजपूत, जिला महामंत्री फूलसिंह चावड़ा व अन्य ने भी सांत्वना दी। कहा दु:ख की घड़ी में पूरा राष्ट्र उनके साथ खड़़ा है।