डॉ. श्रीकान्त पाण्डेय 29 जनवरी की शाम 7.30 बजे जिला अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे। कलेक्टर ने प्रसूता वार्ड सहित अन्य वार्डों में घूमकर मरीजों से चर्चा की थी। कलेक्टर ने इस दौरान डॉक्टरों का हाजरी रजिस्टर बुलवाकर वहां उपस्थित स्टाफ का मिलान कराया था। हाजरी रजिस्टर के अनुसार कई डॉक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ को उस समय ड्यूटी पर मौजूद होना था, लेकिन ये उस समय गायब थे। कलेक्टर के निर्देश पर एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी ने रजिस्टर को अपने साथ रख लिया। इसके बाद कलेक्टर कार्यालय से 13 डॉक्टर, 21 स्टाफ नर्स सहित अन्य को शोकाज नोटिस थमाया गया था। इन सभी से तीन दिन में जवाब मांगा गया था। प्रशासन की तरफ से जिला अस्पताल के 74 लोगों को शोकाज नोटिस थमाए गए थे, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी नोटिस दिए गए थे। अब इन सभी का एक दिन का वेतन अगले माह की तनख्वाह में से काटा जाएगा।
इन डॉक्टरों का कटेगा एक दिन का वेतन जिला प्रशासन दरा 13 डाक्टरों को भी शोकाज नोटिस देकर जवाब मांंगा गया था। अब इन सभी डॉक्टरों का भी एक दिन का वेतन अप्रैल माह में काटा जाएगा। जिन डॉक्टरों को नोटिस दिया गया था उनमें डॉ. एनके सक्सेना, डॉ. एसएस मालवीय, डॉ. ए श्रीवास्तव, डॉ. विजया सकपाल, डॉ. मनीषा मिश्रा, डॉ. पवन पाटीदार, डॉ. देवेंद्र आर्य, डॉ. गरीमा शाह, डॉ. पलक शर्मा, डॉ. भगवान सिंह गुर्जर, डॉ. खुशबू विखार, डॉ. कपिल सोलंकी, डॉ. हेमंत पटेल शामिल थे।
कलेक्टर कार्यालय की तरफ से 23 मार्च को एक आदेश पत्र आया है जिसमें एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए गए हैं। नोटिस में लिखा आपके प्रतिवेदन के अनुसार एक दिन का वेतन काटा जाए, अभी इसे समझना पड़ेगा। मार्च तो खत्म हो गया, अब अप्रैल की तनख्वाह से ही एक दिन का वेतन कटेगा।
डॉ. आरके सक्सेना, सिविल सर्जन
जिला अस्पताल देवास।
डॉ. आरके सक्सेना, सिविल सर्जन
जिला अस्पताल देवास।