सीटें पड़ी कम, प्रवेश के लिए कई विद्यार्थी लगाते रहे चक्कर
देवासPublished: Sep 13, 2019 12:42:29 pm
ढाई-तीन माह से चल रही प्रक्रिया लेकिन अभी तक कई विद्यार्थियों को नहीं मिला प्रवेश
देवास. कॉलेजों में ऑनलाइन प्रवेश की प्रक्रिया पिछले करीब ढाई-तीन माह से चल रही है और अभी भी कई विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पाया है। कई विषयों में सीटें कम पडऩे के कारण यह स्थिति बनी है। गुरुवार को प्रवेश का अंतिम दिन था और कई विद्यार्थी प्रवेश की आस में पहुंचे।
जिले के लीड केपी कॉलेज में स्नातकोत्तर में अधिकांश विषयों की सीटें फुल हो चुकी हैं और कई विद्यार्थी प्रवेश के लिए भटकते नजर आए। यहां एमए अर्थशास्त्र, इतिहास और अंग्रेजी विषय में 71-71 सीटें हैं जिनमें से सभी पर प्रवेश हो चुके हैं। वही राजनीति शास्त्र में 110 सीटें हैं जो फुल हो चुकी हैं। इन विषयों में प्रवेश के लिए गुरुवार को कई विद्यार्थी आए और कॉलेज प्रबंधन से गुहार लगाई। उधर स्नातक स्तर में प्रवेश की सबसे अधिक मारामारी बीए में देखने को मिली है। यहां कुल 1100 सीटों में से गुरुवार दोपहर तक 1090 सीटें फुल हो चुकी थी। प्रवेश प्रक्रिया शुरू होते समय बीए में 8 00 सीटें ही थीं। हालांकि बीबीए, बीकॉम कंप्यूटर एप्लीकेशन, बीकॉम प्लेन में 300 से अधिक सीटें रिक्त हैं। एमकॉम में करीब 6 4 सीटें रिक्त है।
एमए राजनीति में चाहती थीं प्रवेश, सीटें फुल मिली
कांटाफोड़ क्षेत्र के ग्राम चोरवा की झूमा चौहान, उदयनगर की टीनू सोलंकी ने लीड केपी कॉलेज से बीए किया। यही से राजनीति में एमए करना चाहती हैं, कई बार कालेज आयीं लेकिन अलग अलग कारणों से प्रवेश नही मिला। गुरुवार को फिर आयीं जहां अन्य विषय मे प्रवेश मिला, बाद में इनके विषय में बदलाव किया जाएगा।
वर्जन
दो बार में बढ़ चुकी हैं करीब 35 प्रतिशत सीट
प्रवेश प्रक्रिया के दौरान उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर दो बार में करीब 35 प्रतिशत सीटों की बढ़ोतरी की जा चुकी है। इसके बावजूद कुछ विषयों में सीटें कम पड़ रही हैं। इस संबंध में वरिष्ठ स्तर पर अवगत करवाते हुए मार्गदर्शन मांगा गया है। जैसे भी निर्देश मिलेंगे आगे प्रक्रिया चलेगी।
डॉ. एसएल वरे
प्राचार्य लीड केपी कॉलेज।
एक्सपर्ट व्यू
फस्र्ट राउंड में एक ही चॉइस डालें
ऑनलाइन प्रवेश का पहला चरण अधिक महत्वपूर्ण रहता है। यदि उस दौरान विद्यार्थी एक ही चॉइस डालें तो प्रवेश पाने के चांस अधिक रहते हैं। कई विद्यार्थी पहले इंदौर, उज्जैन के कालेजों में प्रवेश के लिए प्रयास करते हैं लेकिन जब वहां प्रवेश नहीं मिल पाता तो फिर देवास के कालेजों में आते हैं। 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले कई विद्यार्थी सीएलसी राउंड में आए हैं।
डॉ एसपीएस राणा,
जिला नोडल अधिकारी ऑनलाइन प्रवेश।