पानी छोडऩे के लिए प्रशासन ने शनिवार को आदेश जारी किया था। हालांकि यह आदेश हंसी का पात्र बना था क्योंकि इसमें 27 मई को सोमवती अमावस्या होने का बात लिखी गई थी। सोशल मीडिया पर चर्चाएं होने लगी थी कि 18 मई को पूर्णिमा गई और 27 मई को अमावस्या भी आ गई। लोगों ने कहा था कि इस आदेश से समझा जा सकता है कि प्रशासनिक अधिकारी किस तरह शासकीय आदेशों को गंभीरता से जारी करते हैं। हालांकि बाद में एसडीएम ने कहा था कि त्रुटिवश ऐसा हुआ होगा। देर शाम को संशोधित आदेश जारी किया गया। पत्रिका ने इस संबंध में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित कर अफसरों की गंभीरता को उजागर किया।