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कहीं सरकारी चारपहिया वाहन नहीं तो कहीं चल रहे डेढ़ दशक से ज्यादा पुराने

locationदेवासPublished: Jun 06, 2023 12:28:00 am

Submitted by:

rishi jaiswal

गश्त सहित सडक़ हादसे, अन्य आपराधिक घटनाओं में मौके पर पहुंचने, मदद करने में आ रही कई दिक्कतें

कहीं सरकारी चारपहिया वाहन नहीं तो कहीं चल रहे डेढ़ दशक से ज्यादा पुराने

कहीं सरकारी चारपहिया वाहन नहीं तो कहीं चल रहे डेढ़ दशक से ज्यादा पुराने

देवास. जिला मुख्यालय से करीब 125 किमी दूर तक की सीमा में फैले देवास जिले में कई पुलिस चौकियां व सहायता केंद्र कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संचालित हो रही हैं। यहां कई जगह सरकारी चारपहिया वाहन नहीं होने व कुछ जगह डेढ़ दशक से भी ज्यादा पुराने वाहन होने से पुलिस के साथ ही जनता को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा चौकियोंं, सहायता केंद्रों में स्टाफ की कमी भी परेशानी का सबब बन रही है और किसी भी बड़ी वारदात, घटना में संबंधित थानों के अलावा आसपास से भी पुलिस फोर्स बुलाना पड़ रहा है।पीपलरावां ऐसा थाना जहां दो चौकियां, वाहन एक में भी नहीं
जिले में पीपलरावां एकमात्र ऐसा थाना है जहां दो पुलिस चौकियां हैं। ये हैं चौबाराधीरा व बालोन। वर्तमान में इन दोनों ही चौकियों में चारपहिया वाहन नहीं है जिसके कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बालोन चौकी का क्षेत्र शाजापुर जिले से भी लगा है जहां पर आपराधिक तत्वों की सक्रियता निरंतर बनी रहती है। दोनों ही चौकियों में स्टाफ की भी कमी है। बालोन चौकी में पिछले दिनों वाहन सुविधा नहीं होने के कारण एक आरोपी ने चौकी में होमगार्ड सैनिक को थप्पड़ मार दिया था। चौबाराधीरा चौकी के अंतर्गत 21 गांव आते हैं, यहां सरकारी बाइक से गश्त आदि काम पुलिस निपटा रही है।डबलचौकी में वाहन डेढ़ दशक से ज्यादा पुराना
बरोठा थाना क्षेत्र के अंतर्गत डबलचौकी में पुलिस चौकी है। यहां से इंदौर-बैतूल हाइवे निकला होने से कुछ न कुछ घटनाक्रम होता ही रहता है। वर्तमान में पुलिस चौकी में चारपहिया वाहन १५ साल से भी अधिक पुराना है, इसमें भी समस्या आती रहती है। क्षेत्र में वीआईपी का मूवमेंट भी बना रहता है, खासकर कृषि मंत्री कमल पटेल, तुलसीराम सिलावट का आना-जाना लगा रहता है, इनके काफिले में फॉलो वाहन लगाना पड़ता है। डायल-100 वाहन व 108 एंबुलेंस वाहन भी पूरे बरोठा क्षेत्र के 90 से अधिक गांवों के लिए एक-एक ही हैं। इसके अलावा दमकल वाहन नहीं होने से आग लगने की घटनाओं में करनावद, देवास से वाहन आते-आते ही सामान, मकान, फसल खाक हो जाते हैं।कमलापुर चौकी, करनावद सहायता केंद्र के वाहन भी पुराने
बागली थाना क्षेत्र की कमलापुर चौकी में 35 से अधिक गांव आते हैं। यहां पर चार पहिया वाहन तो उपलब्ध है, लेकिन काफी पुराना हो चुका है, हालांकि काम चल रहा है। वहीं हाटपीपल्या थाना क्षेत्र के करनावद पुलिस सहायता केंंद्र में भी चार पहिया वाहन उपलब्ध है लेकिन ये भी काफी पुराना हो चुका है। इसके अलावा कांटाफोड़ थाना क्षेत्र के बिजवाड़ पुलिस सहायता केंद्र पर चार पहिया वाहन उपलब्ध नहीं है।
जिले में चल रहे वाहनों की अवधि आदि सहित अन्य रिकॉर्ड रखा जाता है। जरूरत वाले स्थानों के लिए चारपहिया वाहन को लेकर वरिष्ठ स्तर से मांग की गई है।-संपत उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक देवास।
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