सफाई व्यवस्थाएं ठप्प
- 56 कर्मचारियों के विनियमितिकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर सफाई कर्मचारी

देवास. सफाई कर्मचारियों की चार सूत्री मांगों के लिए सफाई कर्मचारियों की हड़ताल लगातार जारी रहेगी। इधर हड़ताल पर गए दरोगाओं व सफाई कर्मचारियों के खिलाफ निगम ने कड़ा रूख अपनाने का संकेत दिया है। इसकी शुरुआत भी सोमवार से हो गई। दरोगाओं की अनुपस्थिति में अन्य अधिकारियों को चार्ज देकर वार्डों में भेजा गया। ये अधिकारी उन सफाई कर्मचारियों की अनुपस्थिति दर्ज करेंगे जो हड़ताल पर है। ऐसे सफाई कर्मचारियों का वेतन भी काटा जाएगा। साथ ही जिन सफाई कर्मचारियों को हाल ही में विनियमितिकरण कर स्थायी किया गया है अगर वे भी हड़ताल पर रहते है तो फिर उनके मामले में भी कड़ा रूख अपनाते हुए जानकारी राज्य शासन को भेजी जाएगी। पिछले दिनों हुई विनियमितकरण की प्रक्रिया से करीब 56 सफाई कर्मचारी बाहर हो गए थे। ये कर्मचारी नौकरी पर लगते समय नाबालिग थे, जिसके चलते राज्य शासन ने इनके विनियमितिकरण को अमान्य कर दिया था। इन्हीं 56 नाबालिगों के लिए अब सफाई कर्मचारियों से जुड़ा संगठन नगर निगम के ऊपर दबाव डाल रहा है।
मांगों के संबंध में सोमवार को महापौर सुभाष शर्मा द्वारा यूनियन को पत्र दिया जिसमें उन्होंने कहा कि संकल्प मेंं उनके द्वारा कहीं पर भी नाबालिग कर्मचारियों जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम थी को नियमित किया जाए ऐसा उल्लेख कहीं पर भी नहीं किया है। इस संबंध में महापौर ने कहा कि 2012 के तत्कालीन आयुक्त का आदेश जिसमें ऐसे कर्मचारी जो प्रथम नियुक्ति के समय नाबालिग थे का नियमितिकरण किया गया वह त्रुटिपूर्ण है।
यूनियन के शहर अध्यक्ष रूपेश कल्याणे का कहना है कि निगम आयुक्त एवं महापौर हमारी हड़ताल को असंवैधानिक बता रहे हैं। जबकि यूनियन द्वारा लगातार शासन प्रशासन को अवगत कराते हुए एक माह से अधिक हो गया है। यूनियन महापौर को बताना चाहती है कि 8 फरवरी 2018 को यूनियन ने मांगों के लिए मांग पत्र सौंपा उसके पश्चात 15 फरवरी 2018 को समस्त कर्मचारियों ने काली पट्टी बांधकर विरोध स्वरूप कार्य किया, उसके पश्चात 1 मार्च 2018 को समस्त कर्मचारियों के साथ यूनियन ने विरोध रैली निकालकर निगम का घेराव किया था। 5 मार्च 2018 को निगम प्रांगण में एक दिवसीय धरना दिया एवं 12 मार्च से सफाई कार्य बंद की चेतावनी दी। मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाए अन्यथा सफाई व्यवस्था अनिश्चितकाल के लिए बंद रहेगी। इस अवसर पर समस्त दरोगा, समस्त सफाई कर्मचारी एवं अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ट्रेड यूनियन एवं मप्र सफाई कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे। मांगों का समर्थन वरिष्ठ प्रगतिशील पंचायत देवास ने किया।
वर्जन-
पूर्व के सन् 2012 के जिस मामले का ये हवाला दे रहे हैं वो नियमितकरण का था। उसमें जो पद खाली हुए थे उनमें वरिष्ठता के आधार पर नियुक्तियां की गई थी, लेकिन उस समय भी किसी नाबालिक को नियमित नहीं किया गया था। अभी प्रक्रिया विनियमितिकरण की पूर्ण हुई थी। जिन 56 नाबालिगों का विनियमितिकरण नहीं हुआ है उनकी जानकारी राज्य सरकार को भेजी थी। वहां से पत्र आया था कि नाबालिगों का विनियमितिकरण नहीं किया जा सकता। ये पत्र भी विरोध कर रही यूनियम के सदस्यों को दिखाया गया था। लेकिन वे किसी भी बात को मानने को तैयार नहीं है। राज्य शासन के आदेश के खिलाफ नगर निगम के अफसर व निगम परिषद कैसे जा सकती है।
सुभाष शर्मा, महापौर
नगर निगम देवास।
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