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VIDEO जब टीआई ने परीक्षा देने आई छात्राओं से कहा कि हंगामा किया तो दांत तोडकर बंद कर दूंगा

locationदेवासPublished: Mar 29, 2019 11:45:27 am

Submitted by:

Amit S mandloi

परीक्षार्थी देरी से पहुंचे पेपर देने तो नहीं दिया प्रवेश, गेट पर लगा दिया ताला, नेता पहुंचे, हुआ हंगामा –कांग्रेस नेता पहुंचे, मंत्री से करवाई बात, आखिरकार एक घंटे बाद दिया प्रवेश और अतिरिक्त समय देकर करवाई परीक्षा–जेडी पहुंच गए थे सुबह आठ बजे से, उन्होंने सख्ती करते हुए लगवाया गेट पर ताला, लेकिन मच गया बवाल–पुलिस-प्रशासन पहुंचा, बातचीत के बाद सुलझी स्थिति, सख्ती के बावजूद बने 12 नकल प्रकरण

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देवास-सोनकच्छ. सोनकच्छ में बोर्ड परीक्षा के दौरान गुरुवार को मामला बिगड़ गया और परीक्षा केंद्र पर जमकर हंगामा हुआ। अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते करीब 4३ परीक्षार्थी परीक्षा से वंचित होने वाले थे। अधिकारियों का कहना था कि बच्चे परीक्षा शुरू होने के बाद पहुंचे थे जबकि बच्चों का कहना था कि थोड़ी सी देर हुई थी। बवाल हुआ तो कांग्रेस नेता पहुंचे। पुलिस-प्रशासन पहुंचा। काफी देर तक हंगामा चला। आखिरकार करीब एक घंटे बाद बच्चों को परीक्षा कक्ष में बैठाया जिसके बाद परीक्षा हुई। परीक्षा के दौरान उक्त केंद्र पर करीब 12 नकल प्रकरण बने। टीआई ने गुस्से में छात्राओं से कहा कि अगर हंगामा किया तो दांत तोड़कर अंदर कर दूंगा।
(देखे वीडियो में क्या बोले टीआई)

मामला सोनकच्छ के शासकीय कन्या उमावि परीक्षा केंद्र का है। गुरुवार को यहां कक्षा 12वीं का रसायन का पेपर था। रेगुलर व प्राइवेट परीक्षार्थी परीक्षा देने गए थे। परीक्षा शुरू होने के बाद से कतार लगी थी। सभी की चेकिंग की जा रही थी। चेकिंग का जिम्मा भी एक ही व्यक्ति को था। यह सख्ती इसलिए की जा रही थी क्योंकि उक्त केंद्र नकल के मामले में विवादों में रहा है और इसी के चलते जेडी संजय गोयल संभाग की टीम के साथ सुबह आठ बजे से ही केंद्र पर पहुंच गए थे। पौने नौ बजे तक जो परीक्षार्थी अंदर चले गए उनकी चेकिंग हो गई और गेट पर ताला लगवा दिया।
बाद में सवा नौ बजे के आसपास 43 स्वाध्यायी परीक्षार्थी केंंद्र पर पहुंचे और परीक्षा कक्ष में जाने की बात कही। उन्हें मना कर दिया। इस पर हंगामा होने लगा। कुछ कांग्रेस नेता वहां पहुंचे और जेडी से बात की। जेडी से कहा कि इन परीक्षाॢथयों को प्रवेश क्यों नहीं दे रहे। इस पर तीखी नोंकझोंक हुई। पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे। पुलिस पर भी अभद्रता के आरोप लगे और कहा गया कि हंगामा कर रहे परीक्षाॢथयों से पुलिस ने ठीक से व्यवहार नहीं किया। बाद में लोनिवि मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से जेडी की बात करवाई। वर्मा ने जेडी को समझाया जिसके कुछ देर बाद स्थिति सुलझी और 10.30 बजे सभी परीक्षार्थियों को प्रवेश दिया गया। इन्हें अलग कक्ष में बैठाया। 10.40 बजे से उनकी परीक्षा शुरू हुई और तीन घंटे दिए गए। घटनाक्रम के बाद सवाल उठे और शिक्षा विभाग की कार्यशैली की आलोचना हुई। अधिकारियों में चल रही खींचतान भी उजागर हुई। यहां तक कहा गया कि जेडी ने जैसा कहा वैसा किया, वरना लेट आने वाले परीक्षाॢथयों को भी रियायत देकर परीक्षा दिलवाई जाती है।
प्रतिवेदन बुलवाया है

डीईओ सीबी केवट ने कहा कि मामले में जेडी ही बता पाएंगे क्योंकि वे वहीं थे। संभाग की टीम आई थी। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। मैंने केंद्राध्यक्ष से प्रतिवेदन बुलवाया है।
विशेष स्वीकृति ली

जेडी संजय गोयल ने कहा कि जो परीक्षार्थी देरी से आए थे उनके मामले में मंडल से विशेष स्वीकृति लेकर उन्हें परीक्षा में सम्मिलित करवाया गया था। परीक्षा के लिए कितना समय दिया गया यह केंद्राध्यक्ष बता सकेंगे क्योंकि मैं वहां से निकल चुका था।
अतिरिक्त समय दिया

केंद्राध्यक्ष लाखन सिंह ने बताया कि सुबह आठ-साढ़े आठ बजे जेडी आए थे। मैं पेपर जमा रहा था। मुझे बुलाया और कहा कि बच्चों को कब तक अलॉव करते हो। मैंने कहा कि नौ बजे तक गेट पर ताला लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि नौ बज गई है ताला लगा दो। मैंने कहा कि जो बच्चे कतार में है उनको अंदर ले लो। इस पर वे नहीं माने और ताला लगवा दिया। 43 स्वाध्यायी परीक्षार्थी नहीं आ सके। उन्होंने हंगामा कर दिया। बाद में एसडीएम, तहसीलदार, पुलिस आई। कुछ नेता भी आए थे। कुछ देर के बाद स्थिति सुलझी और जेडी ने स्पेशल परमिशन लेकर सभी को अंदर बैठाया। ४३ परीक्षाॢथयों को तीन घंटे का समय दिया और परीक्षा करवाई। रसायन शास्त्र हिंदी माध्यम में 10 और अंग्रेजी माध्यम से दो मिलाकर कुल 12 नकल प्रकरण बने।
नेताओं ने की अभद्रता

मैंने अनुरोध किया था

लोनिवि व पर्यावरण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कुछ बच्चे थोड़े से लेट हो गए थे। उन्हें परीक्षा में नहीं बैठाया जा रहा था। मेरे पास जानकारी आई तो मैंने अधिकारी से अनुरोध किया कि बच्चों के भविष्य का सवाल है। यदि बच्चे नकल करे तो उनके केस बनाओ, लेकिन परीक्षा से वंचित नहीं करना चाहिए। दो-चार मिनट लेट हुए तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। इसके बाद बच्चों की परीक्षा हुई।
मामले में नेताओं द्वारा अभद्र भाषा के प्रयोग की बात भी सामने आई। सूत्रों के मुताबिक जिस समय हंगामा चल रहा था उसी समय कुछ कांग्रेसी नेता वहां पहुंचे और केंद्राध्यक्ष से अभद्र व्यवहार किया। उन्हें भला-बुरा कहा। मारपीट तक करने की बात कही गई। एक नेता का फोन लगवाया और धमकाया तक गया कि यदि बच्चों को अंदर नहीं लिया तो ये सब मिलकर मारपीट करेंगे। इसके बाद स्थिति और उलझ गई। डरे-सहमे अफसरों ने हार मानी और परीक्षाॢथयों को कक्ष में बैठाया।
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