उधर जागरूक नागरिक ने लिखा कि “बड़े नेता की मौत पर बन जाएगी सडक़”
शहर के जागरूक नागरिक अरूण पडियार ने सोश्यल मीडिया पर अपनी पीडा जाहिर की है। पीड़ा लिखते हुए कहा कि अगर कोई बड़े नेता की मौत हो जाए, और उसके मित्र, रिश्तेदार अगर ऐसी जर्जर सडक़ से गुजर जाए, तो सडक़ ताबड़तोड दूसरे दिन बन जाती है। अपने प्रियजन का शव कंधे पर लेकर नंगे पैर यह यात्रा कैसे होती है मैं नहीं चाहता कि यह अनुभव किसी को भी आए लेकिन इस मर्म को तो समझो कमीशन खोरो। जिंदा लोगों की बात प्रशासन के कानों में नहीं पहुंच पा रही है। बस इतनी ही विनती है कि कम से कम जीते जी कुछ व्यवस्था नहीं कर सके तो मरने के बाद की व्यवस्था तो सही कर लो। पडियार ने शहर के नेताओं को भी अपनी पोस्ट में जमकर कोसा है, बताया जा रहा है शहर का कोई भी नेता इस दर्द को नहीं समझ पा रहा है।
शहर के जागरूक नागरिक अरूण पडियार ने सोश्यल मीडिया पर अपनी पीडा जाहिर की है। पीड़ा लिखते हुए कहा कि अगर कोई बड़े नेता की मौत हो जाए, और उसके मित्र, रिश्तेदार अगर ऐसी जर्जर सडक़ से गुजर जाए, तो सडक़ ताबड़तोड दूसरे दिन बन जाती है। अपने प्रियजन का शव कंधे पर लेकर नंगे पैर यह यात्रा कैसे होती है मैं नहीं चाहता कि यह अनुभव किसी को भी आए लेकिन इस मर्म को तो समझो कमीशन खोरो। जिंदा लोगों की बात प्रशासन के कानों में नहीं पहुंच पा रही है। बस इतनी ही विनती है कि कम से कम जीते जी कुछ व्यवस्था नहीं कर सके तो मरने के बाद की व्यवस्था तो सही कर लो। पडियार ने शहर के नेताओं को भी अपनी पोस्ट में जमकर कोसा है, बताया जा रहा है शहर का कोई भी नेता इस दर्द को नहीं समझ पा रहा है।