1973 की प्लानिंग के अनुसार हुआ विकास उल्लेखनीय है कि शहर के लिए वर्ष 1973 में प्लान तैयार हुआ था। उस समय देवास की सीमा 9310 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली थी। उस समय देवास में 18 गांव शामिल थे। समय के साथ देवास की आबादी भी बढ़ रही है। ऐसे में नए सिरे से मास्टर प्लान बनाया गया है। ढाई साल की मशक्कत के बाद इसे तैयार किया गया है। इसमें जिले के लगभग सभी विभागों से जानकारियां एकत्रित की गई। जिन गांवों को देवास में शामिल करना है, उनका जीआईएस पद्धति से सर्वे किया गया व सेटेलाइट पद्धति का भी उपयोग किया गया। साथ ही पहले के 18 गांवों व नए 32 गांवों का अधिकारियों ने भ्रमण कर सर्वे किया।इसके बाद लगभग 200 पेज में देवास के विकास का खाका तैयार किया गया है।
कुल 50 गांव हो जाएंगे शामिल जानकारी के अनुसार जो मास्टर प्लान तैयार हुआ है उसके अंतर्गत देवास शहर का एरिया बढ़कर 23406 हेक्टेयर हो जाएगा। साथ ही देवास में 32 गांवों को और शामिल किया है। इस प्रकार देवास में कुल 50 गांव शामिल हो जाएंगे। आवश्यकता पड़ने पर नगर निगम इन गांवों को अपनी सीमा में शामिल कर सकता है। बहरहाल शहरी सीमा में बढ़ोतरी होगी तो इन गांवों का विकास भी शहरी पद्धति पर होगा। मास्टर प्लान में कृषि भूमि को सुरक्षित रखने के लिए प्रावधान किए गए हैं। कृषि भूमि पर कॉलोनाइजर कॉलोनियां नहीं काट सकेंगे। वैसे आवश्यकता महसूस होने पर कृषि भूमि पर स्कूल-कॉलेज भवन जरूर बनाए जा सकेंगे।
चौड़ी सड़कों के आसपास हो सकेगा मिश्रित उपयोग वर्ष 2035 तक शहर की आबादी लगभग 6 लाख होने की संभावना है। इसे देखते हुए मास्टर प्लान तैयार किया है। सड़कों की चौड़ाई कितनी होनी चाहिए, इस बारे भी मास्टर प्लान में उल्लेख है। इसमें खास यह रहेगा कि 18 मीटर या उससे ज्यादा चौड़े रोड मिश्रित उपयोग के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसके तहत यहां रोड की चौड़ाई से दो गुना तक जगह का मिश्रित उपयोग आवासीय, वाणिज्यिक, सार्वजनिक या अर्द्ध सार्वजनिक गतिविधियों के लिए कर सकेंगे।
शिप्रा नदी के आसपास 100 मीटर तक निर्माण पर रोक मास्टर प्लान में नदी-नालों के आसपास की स्थिति पर विचार किया है। इसके तहत शिप्रा नदी के आसपास 100 मीटर तक निर्माण पर भी रोक लगाई जाएगी। वहां भवन-मकान सहित अन्य निर्माण कार्यों पर रोक रहेगी। नदी का यह स्थान ग्रीन बेल्ट कहलाएगा। जो मकान पहले से ही बने हैं, वे यथावत रहेंगे। यहां सिर्फ नवीन निर्माण पर ही रोक का प्रावधान है। इसी प्रकार नालों के आसपास 9 मीटर तक ग्रीन बेल्ट का हिस्सा रहेगा। इस सीमा क्षेत्र में भी किसी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी प्रकार तालाबों के आसपास भी अलग सीमा तक ग्रीन बेल्ट रहेगा।
पहले ये गांव हुए थे शहर में शामिल देवास के पुराने निवेश क्षेत्र में 18 गांव शामिल किए गए थे। इनमें देवास सीनियर, देवास जूनियर, बालगढ़, शंकरगढ़, बावड़िया, रसूलपुर, बिंजाना, अमोना, बीराखेड़ी, मेंढकीचक, इटावा, कालूखेड़ी, ब्राह्मणखेड़ी, बिलावली, नौसराबाद, जैतपुरा, राजोदा पंचायत व नागूखेड़ी पंचायत शामिल हैं।
अब ये गांव हाेंगे शामिल नए मास्टर प्लान के अनुसार 32 गांव शामिल किए हैं। इनमें नगर निगम सीमा के नागदा, पालनगर, अनवटपुरा के अलावा ग्राम सिया, दुर्गापुरा, अमरपुरा, गदूखेड़ी, खटांबा, सतबर्डी, खेताखेड़ी, बालोदा, सुनवानी महाकाल, सुकल्या शिप्रा, अलीपुर, लाेहारपीपल्या, टुमनी, गदईशापीपल्या, आजमपुर सुतारखेड़ा, चंदाना, छायन, मुंगावदा, सिंगावदा, भीमसी, करनाखेड़ी, खजूरिया, मुकुंदखेड़ी, निपानिया, बोरखेड़ी धाकड़, राजपुरा, लसुड़िया नजदीक, भानगढ़, अमलावती आदि गांव शामिल हैं।
12 सितंबर तक दे सकेंगे आपत्ति व सुझाव विभाग द्वारा देवास विकास योजना-2035 मास्टर प्लान मप्र राजपत्र 11 अगस्त 2023 में प्रकाशित किया गया है। इसकी एक-एक प्रति संभाग आयुक्त उज्जैन, कलेक्टर, आयुक्त नगर निगम एवं उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश देवास के कार्यालयों में चस्पा की गई है। कार्यालयीन समय में आमजन आपत्ति व सुझाव 12 सितंबर तक प्रस्तुत कर सकेंगे। कार्यालय के अलावा ई-मेल पर भी आपत्ति व सुझाव दिए जा सकेंगे।
मास्टर प्लान में शहर विकास के प्रत्येक बिंदू पर विचार-विमर्श किया है। 32 नए गांवों को शामिल किया जाएगा। साथ ही 18 मीटर या उससे चौड़े रोड के लिए मिश्रित उपयोग प्रस्तावित किया गया है। आपत्ति-सुझाव व सुधार की प्रक्रिया के बाद मास्टर प्लान का क्रियान्वयन होगा।
-अनीता कुरोठे, उपसंचालक, नगर तथा ग्राम निवेश विभाग