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पहले से पढ़ रहे बच्चे को अब दूसरी बार नहीं मिलेगा आरटीई में प्रवेश

locationदेवासPublished: Apr 14, 2019 05:32:32 pm

जिले के सभी निजी स्कूलों में कमजोर वर्ग व वंचित समूह के बच्चों को मिलेगी 25 प्रतिशत सीटें

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पहले से पढ़ रहे बच्चे को अब दूसरी बार नहीं मिलेगा आरटीई में प्रवेश

देवास. जिले के 915 से अधिक स्कूलों में सत्र 2019-20 के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों में ऑनलाइन नि:शुल्क प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसके लिए 11 अप्रैल को कलेक्टर, डीईओ व जिला परियोजना समन्वयक को पत्र जारी कर स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए है। इस बार नियम में एक बदलाव हुआ है।
अब यदि कोई बच्चा आरटीई के तहत किसी प्रायवेट स्कूल में पूर्व से ही अध्ययनरत है तो वह बच्चा पुन: किसी अन्य स्कूल में ऑनलाइन लॉटरी के लिए आवेदन के लिए पात्र नहीं होगा। इसके लिए निर्देश में भी कहा गया है कि ऑनलाइन आवेदन के पूर्व आवेदक दरा सुनिश्चित कर लिया जाए कि वह पूर्व से किसी भी प्रायवेट स्कूल में आरटीई के तहत नि:शुल्क प्रवेशित नहीं है। आरटीई अंतर्गत किसी अन्य अथवा उसी प्रायवेट स्कूल में अध्ययनरत बच्चे अब ऑनलाइन आवेदन सत्र 2019-20 के लिए पात्र नहीं होंगे।
सीट आवंटन के बाद आधार अनिवार्य : प्रवेश के लिए आवेदक को अशासकीय स्कूलों में सीटों का आवंटन, पात्रता अनुसार आवेदक दरा प्रदत्त विकल्पों के आधार पर ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन के समय आधार नंबर अनिवार्य नहीं किया गया है, परंतु ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से सीट आवंटन पश्चात स्कूल में प्रवेश के समय आधार सत्यापन कराया जाना अनिवार्य होगा। यदि आवेदक का आधार नंबर है तो वह ऑनलाइन आवेदन में अवश्य दर्ज करें, आधार नंबर तैयार नहीं है, तो प्रवेश पूर्व अनिवार्य रूप से आधार नंबर तैयार करना होगा।
आरटीई के लिए पोर्टल पर प्रारंभिक तैयारी

– समस्त गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय स्कूलों को ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया में शामिल करने के लिए चयन किया जाएगा
– जिन स्कूलोंं को चयनित नहीं किया गया, उनके चयन नहीं करने का कारण पोर्टल पर दर्ज होगा
– समस्त स्कूलों के लंबित मान्यता प्रकरणों का निराकरण की स्थिति देखी जा रही, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि विकासखंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी स्तर पर मान्यता के प्रकरण निराकरण के लिए लंबित न हो।
– समस्त चयनित स्कूल निर्धारित दिनांक तक न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों की संख्या पोर्टल पर पंजीकृत करेंगे
– जिन स्कूलों दरा नि:शुल्क प्रवेश के लिए आरक्षित सीटों की जानकारी पंजीकृत नहीं की जाती है उनके विरुध्द शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने की कार्रवाई डीईओ दरा की होगी
– डीपीसी की जिम्मेदारी की सभी निजी स्कूलों की नि:शुल्क प्रवेश के लिए आरक्षित सीटें सही-सही लॉक की जाए, इसके विपरीत स्थिति पाए जाने पर जिला परियोजना समन्वयक के विरुध्द कार्रवाई होगी
प्रवेश के लिए इन्हें माना गया वंचित समूह

– अनुसूचित जाति
– अनुसूचित जनजाति
-वनभूमि के पट्टाधारी परिवार
– विमुक्त जाति
– नि:शक्त बच्चे
-एचआईवी ग्रस्त बच्चे

कमजोर वर्ग

– गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवार के बच्चे
-अनाथ बच्चे
निवास का प्रमाण पत्र

– मतदाता परिचय पत्र
– राशन कार्ड/पात्रता पर्ची/समग्र पर्ची
– ग्रामीण क्षेत्र का जाब कार्ड
– पासपोर्ट/ड्राइविंग लायसेंस/बिजली बिल/पानी बिल
-कोई अन्य शासकीय दस्तावेज जिसमें बच्चों के पालक/ अभिभावक के निवास का पात अंकित हो
उम्र के संबंध में ये रहेगी पात्रता

– नर्सरी/केजी-1/केजी-2 के लिए न्यूनतम आयु 3 से 5 वर्ष
– कक्षा 1 में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 5 से 7 वर्ष

प्रक्रिया ऑनलाइन
-आरटीई में एडमिशन प्रक्रिया ऑनलाइन है। ये अभी शुरू नहीं हो सकी है। पोर्टल पर शुक्रवार को भी काम चल रहा था, इस बार ऑनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल अपडेट किया जा रहा है। अभी तक एक व्यक्ति दो स्कूल चुन लेता था। इस बार सुधार हुआ है। अब पहले से आरटीई में पढ़ रहा बच्चा दूसरी बार आवेदन नहीं कर पाएगा।
-रेणु गुप्ता, एपीसी जिला शिक्षा केंद्र
-आरटीई में पहले एडमिशन ले चुके बच्चे दूसरी बार आवेदन नहीं कर सकेंगे। पोर्टल में सुधार किया है। आवेदक आधार नंबर ऑनलाइनदर्ज करें। नहीं है तो प्रवेश से पहले आधार नंबर तैयार कर ले, नहीं तो प्रवेश निरस्त हो जाएगा।
-प्रमोद सिंह, उपसचिव, स्कूल शिक्षा विभाग
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