क्या होता है सर्वार्थसिद्घि योग इस नवरात्रि में पांच बार सर्वार्थसिद्घि योग पड़ रहा है। सर्वार्थसिद्घि योग के बारे में बताया कि किसी भी तरह की पूजा अथवा कार्य का शुभारंभ करने के लिए सर्वार्थसिद्घि योग को श्रेष्ठ माना जाता है। द्वितीया तिथि सात अपै्रल, चतुर्थी नौ अपै्रल, पंचमी 10 अपै्रल, सप्तमी 12 अपै्रल और नवमी 14 अपै्रल को सर्वार्थसिद्घि योग में नए कार्य करना विशेष फलदायी होगा। इसी तरह इसी तरह षष्ठी तिथि 11 अपै्रल और नवमी तिथि 14 अपै्रल को रवि पुष्य योग का संयोग है। इस योग में किसी भी तरह की खरीदारी करना अथवा नया कार्य करना श्रेष्ठ माना जाता है।
कैलामाता मंदिर पर हुई घट स्थापना चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन कैला माता मंदिर पर घट स्थापना 6 अप्रैल को सुबह 11 बजे पंडित नरेन्द्र तिवारी के आचार्यात्व में मुख्य यजमान दीपक कुमार मन्नुलाल गर्ग व अनामिका गर्ग के द्वारा की गई। माताजी के दर्शनार्थ श्रृद्धालु भक्तों की सुविधा प्रबंध समिति ने विभिन्न स्तरों पर किए है। मंदिर परिसर में मदिरों एवं रोड पर आकर्षक विद्युत सज्जा भी की गई है। मंदिर में प्रतिष्ठित समस्त देवी देवता प्रतिमाओं का विशिष्ठ पूजन.अर्जन की जाएगी।
पांडाल का शुभारंभ हुआ चैत्री नवरात्रि महापर्व पर मां चामुण्डा मां तुलजा भवानी की पूजा अर्चना, घट स्थापना के साथ सेवा पांडाल का शुभारंभ प्रात: 9 बजे संत सुरेशानंद तीर्थ महाराज, संत पूर्णोनंद महाराज, संत माधवानंद महाराज, बुजुर्गों, कन्याओं, मातृशक्तियों के आतिथ्य में संपन्न हुआ। समिति के राजेश गोस्वामी व रामेश्वर जलोदिया ने बताया कि आने वाले श्रद्धालुओं के लिए फरियाली छाछ व दही की लस्सी की नि:शुल्क व्यवस्था वन विभाग परिक्षेत्र शंखद्वार के पास की गई है। साथ ही जगह.जगह ठंडे जल की व्यवस्था भी रहेगी।