आयुक्त सिंह ने कुछ सफाईकर्मियों के कार्य में लापरवाही देखते हुए उसमें सुधार के लिए नोटिस दिया था। नोटिस से सफाईकर्मी नाराज हो गए थे। सफाईकर्मी योजनाबध्द रूप से झगड़ा फसाद करने के लिए चिंताराम लावरे के नेतृत्व में 50 से 60 सफाईकर्मी हाथ में प्राणघातक हथियार तलवार, लट्ठ, लोहे की राड लेकर आयुक्त के कमरे में घुस गए थे। चिंताराम लावरे सफाई कामगार दरा उसे जान से खत्म करने की नीयत से धारदार हथियार से आयुक्त के सिर पर वार किया था, तब वे फूर्ती से पीछे हट गए। तलवार टेबल में लगी, जिससे टेबल की लकड़ी कट गई। अन्य लोगों ने गाली गलोज भी की। आयुक्त ने गालिया देने से मना किया तो सभी ने एक साथ हमला कर दिया। तब आयुक्त सिंह ने रिटायरिंग रूम में घुसकर अंदर से दरवाजा बंद करके अपनी जान बचाई थी। ये सभी दरवाजा तोडऩे का प्रयास करने लगे, इन लोगों ने आक्रमण कर कार्यालय के निज सहायक कक्ष में प्रवेश कर सभी को आतंकित कर टेबल के कांच, फर्नीचर को तोड़ फोड़ कर निगम कार्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। किसी भी कर्मचारी को शासकीय कार्य नहीं करने दिया व शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न की। इसके साथ ही इन्होंने निगम प्रांगण में मौजूद निगम परिषद अध्यक्ष सुभाष शर्मा के साथ धक्का मुक्की कर जानलेवा हमला किया। आयुक्त की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था।
इन्हें हुई पांच साल की सजा आयुक्त पर हमले के 10 आरोपितों चिंताराम लावरे, अनिल सांगते, सुदेश बंजारे, पारस कलोसिया, सतीश बंजारे, राजेंद्र दावरे, दिनेश सांगते, अनिल बंजारे, मुकेश सांगेत, धनराज सांगते को विशेष न्यायालय ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई।