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हर साल की तरह फिर आया आदेश लेकिन सवाल यह है कि अमल होगा या नहीं

locationदेवासPublished: Jun 23, 2019 01:38:42 pm

Submitted by:

mayur vyas

–गैर शैक्षणिक कार्य में लगे शिक्षकों को मूल संस्था में भेजने के आदेश, 24 जून के पहले करना होगा पालन–जिले में वर्तमान में १०० से ज्यादा शिक्षक हैं अटैच, नहीं जाना चाहते मूल संस्था में

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देवास. सरकारी कामकाज कागजों में चलता है। एक आदेश के परिपालन में दूसरा आदेश निकाला जाता है और बात लंबी होती चली जाती है लेकिन समस्या जस की तस बनी रहती है। ऐसा ही एक आदेश और आया है जो शिक्षा विभाग का है। इसमें अटैचमेंट वाले शिक्षकों की पदस्थापना उनकी मूल संस्था में करने की बात कही है। रोचक बात यह है कि हर साल इस तरह का आदेश आता है और हर बार इस आदेश के परिपालन में दूसरा आदेश निकाला जाता है लेकिन अटैचमेंट की समस्या हल नहीं होती। दीया तले अंधेरा वाली कहावत भी चरितार्थ होती है और डीईओ ऑफिस में ही ऐसे कई शिक्षक हैं जो मूल संस्था में न जाकर यहां अटैच हैं। इसी तरह कुछ शिक्षक वर्षों से दूसरे विभागों में अटैच हैं।
दरअसल आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय ने 21 जून को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के नाम आदेश जारी किया है। इसमें कहा है कि गैर शैक्षणिक कार्य में संलग्न शिक्षकों को मूल संस्था में भेजा जाए। आयुक्त ने साफ-साफ लिखा है कि २४ जून के पहले गैर शिक्षकीय कार्य में लगे शिक्षकों को मूल संस्था में भेजा जाए। यदि शिक्षक अपने मूल विद्यालय में पठन पाठन हेतु उपलब्ध नहीं होता है तो ऐसी स्थिति में उनके वेतन भुगतान आदि की कार्रवाई रोकी जा सकती है। यह भी कहा कि निर्वाचन के नाम अथवा अन्य प्रयोजनों से शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में संबद्ध रखे जाने पर डीईओ के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
बरसों से अटैच हैं एक ही जगह
जिले की बात करें तो वर्तमान में लगभग ११० शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य में अटैच हैं। डीईओ ऑफिस में ही लगभग १२ शिक्षक अटैच हैं। इसी तरह कलेक्टोरेट, तहसील कार्यालय, बीईओ, बीआरसी आदि जगह शिक्षक अटैच हैं। 24 जून से विद्यालय आरंभ होने वाले हैं और विद्यालयों में पहले से शिक्षकों की कमी है। ऐसे मे जो शिक्षक अटैच हैं उनकी मूल संस्था में अध्यापन प्रभावित हो सकता है। कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो सालों से एक ही जगह अटैच हैं और अफसरों व नेताओं से संबंध के चलते उन पर कोई आदेश असर नहीं करता और वे मूल संस्था में जाते ही नहीं। सूत्रों का कहना है कि डीईओ कार्यालय में तो बागली, खातेगांव जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के शिक्षक अटैच हैं। ये मूल संस्था में जाना ही नहीं चाहते। अफसरों से तालमेल बैठाकर ये शिक्षक अपनी मनमर्जी चलाते हैं और इन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाती। दो शिक्षक तो करीब दो साल से भी ज्यादा समय से अटैचमेंट के माध्यम से डीईओ कार्यालय में डटे हैं।
आदेश के अमल पर संशय
शिक्षकों को मूल संस्था में भेजे जाने का जो आदेश जारी हुआ है उस पर भी सवाल उठ रहे हैं। सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि हर साल विद्यालय खुलने के पहले इस तरह के आदेश जारी होते हैं लेकिन इन पर अमल नहीं होता। इस बार भी यही कहा जा रहा है कि आदेश भले ही आ गया हो लेकिन अमल होना मुश्किल है क्योंकि 30 जून को डीईओ सेवानिवृत्त हो रहे हैं। नए डीईओ के लिए जद्दोजहद जारी है। ऐसे में आदेश के अमल को लेकर विभाग में ही चर्चा हो रही है।
वर्जन-
आदेश मिल चुका है। इसके परिपालन में सामान्य आदेश निकालेंगे कि जो शिक्षक गैर शैक्षणिक कार्य में अटैच हैं वे मूल संस्था में लौट जाएं। उनको मूल संस्था में जाना होगा। कलेक्टर कार्यालय या अन्य विभागों में अटैच शिक्षकों के लिए कलेक्टर से बात करेंगे। वे ही इस बारे में निर्णय ले सकते हैं।-सीबी केवट, डीईओ
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