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थाने में लगे थे बिस्तर, सोते थे पुलिसकर्मी.. लापरवाही पर टीआई को किया लाइनअटैच

बीमारी के चलते छुट्टी पर थे टीआई और थाने से भाग गया आरोपी, एसपी ने की कार्रवाई एसपी बोले-थाने पर नहीं था टीआई का नियंत्रण, लगे हुए थे बिस्तर, सोते थे पुलिसकर्मी आरोपी को कोर्ट में पेशकर भेजा जेल, एसपी ने मीटिंग लेकर दिए सतर्कता बरतने के निर्देश

देवासSep 19, 2019 / 11:37 am

mayur vyas

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देवास. सोनकच्छ थाने से बलात्कार के आरोपी के भागने के मामले में टीआई पर गाज गिरी है। एसपी चंद्रशेखर सोलंकी ने टीआई एसपीएस राघव को लाइन अटैच कर दिया है। हालांकि जिस समय घटना हुई उसके पहले से ही राघव छुट्टी पर थे और उनके स्थान पर अविनाश सेंगर टीआई थे। ऐसे में चर्चा हो रही है कि कार्रवाई का आधार क्या रहा। यह बात सामने आई है कि आरोपी को थाने लाए जाने के बाद डायरी यहां से वहां घूमती रही। एट्रोसिटी एक्ट का मामला होने के चलते ऐसा हुआ। इधर आरोपी को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया।
गौरतलब है कि मंगलवार तडक़े करीब 4.30 बजे सोनकच्छ थाने से बलात्कार का आरोपी सूरज पुरी हथकड़ी खोलकर भाग गया था। घटना से पुलिस विभाग में हडक़ंप मच गया था। एसपी ने एक एएसआई, एक प्रधानारक्षक, तीन आरक्षक व एक सैनिक को सस्पेंड किया था। मामले की जांच के आदेश दिए थे। पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। थाने में बिस्तर लगे हुए थे। घटना के वक्त पुलिसकर्मी नींद में सोए थे जिसका फायदा उठाकर आरोपी भागा था। इतना ही नहीं आरोपी ने भागने से पहले अपनी पत्नी से बात भी की थी और कपड़े मंगवाए थे। बाद में भागकर जंगल में छिप गया था। पुलिस ने उस व्यक्ति को पकड़ा जिसकी मदद से आरोपी ने पत्नी को कॉल किया था। परिजन को हिरासत में लिया। इस पर पुलिस को आरोपी की लोकेशन पता चली और आरोपी के सोनकच्छ छोडऩे से पहले ही पुलिस ने उसे रात को पकड़ लिया।
सांप घुसा था तो जानकारी क्यों नहीं दी
मामले में हैरानी इस बात की हुई कि सोनकच्छ थाना पुलिस हवालात में सांप होने की बात कहती रही। एसपी ने जब पुलिस स्टाफ से घटना के बारे में बात करते हुए पूछा कि आरोपी को हवालात से बाहर क्यों बैठाया तो कहा गया कि हवालात में सांप था, जबकि हवालात साफ सुथरा था। सांप घुसने की सूचना भी न तो पुलिस अधिकारियों को दी गई थी न ही रोजनामचे में इसका उल्लेख था। किसी भी पुलिसकर्मी ने सांप का फोटो नहीं खिंचा। इन सभी बिंदुओं के अलावा सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहाथा कि आरोपी को रात तक हवालात में था। बाद में उसे हवालात से बाहर लाकर बैंच पर बैठाया। एसपी ने इन बिंदुओं पर पूछताछ की तो संतोषप्रद जवाब नहीं मिल सका, जिस पर निलंबन की कार्रवाई की। सूत्रों के मुताबिक मामला लॉ एंड ऑर्डर के लिहाज से भी गंभीर हो चला था। इंटेलीजेंस ने जो रिपोर्ट भोपाल मु?यालय भेजी थी उसमें घटना का सिलसिलेवार ब्यौरा था और आशंका जताई गई थी कि लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ सकता है।
इधर से उधर घूमती रही केस डायरी
सूत्रों का कहना है कि टीआई एसपीएस राघव १५ सितंबर के पहले से अवकाश पर चले गए थे। बीमार होने के चलते उन्होंने अवकाश लिया था। आरोपी को १५ सितंबर को पकड़ा गया और इसी दिन केस भी दर्ज हुआ। चूंकि मामला एट्रोसिटी एक्ट का था इस कारण इसकी जांच डीएसपी स्तर का अधिकारी करता है। नतीजतन केस डायरी इधर से उधर घूमती रही और आरोपी की गिर?तारी रोजनामचे में दर्ज नहीं हो सकी। राघव के छुट्टी पर जाने के कारण अविनाश सेंगर को चार्ज दिया गया था लेकिन उन्हें थाने की पूरी स्थिति पता नहीं थी। थाने पर मौजूद स्टाफ की लापरवाही और टीआई का अंकुशन होना ही एसपी की कार्रवाई का मु?य आधार रहा और टीआई राघव को हटाया गया।
थाने में लगे हुए थे बिस्तर
एसपी चंद्रशेखर सोलंकी ने बताया कि सोनकच्छ थाना प्रभारी एसपीएस राघव को लाइन अटैच कर दिया है। थाने के ही एसआई अनिल चाकरे को प्रभारी बनाया है। जल्द ही थाने पर नए टीआई की पोस्टिंग की जाएगी। टीआई राघव भले छुट्टी पर थे लेकिन जि?मेदारी उनकी ही थी। थाने के सीसीटीवी फुटेज देखे जिसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह थाने में बिस्तर लगे हुए थे। पुलिसकर्मी रोज सोते थे। यह एक या दो दिन का नहीं बल्कि महीनेभर से चल रहा था। टीआई का थाने पर कोई नियंत्रण नहीं था। हवालात में सांप घुसने की बात कहकर स्टाफ सफाई दे रहा था लेकिन यदि सांप हवालात में घुसा था तो इसकी जानकारी किसी अधिकारी को क्यों नहीं गई। सांप का फोटो तक नहीं खिंचा। हवालात एकदम साफ सुथरा था। अपनी गलती छिपाने के लिए इस तरह के बहाना बनाया गया।
एसपी ने ली मीटिंग, दिए जरुरी निर्देश
इधर बुधवार को एसपी सोलंकी ने पुलिस अफसरों की बैठक ली। इसमें बैठक में सूचना संकलन की चर्चा हुई। गणेशोत्सव और मोहर्रम के दौरान पुलिस के अच्छे कार्य करने पर शाबाशी दी। एसपी ने निर्देश दिए कि आगामी दिनों में नवरात्रि महापर्व है। दशहरा-दीपावली पर्व है ऐसे में अतिरिक्त सुरक्षा और सतर्कता की जरुरत है। पंडालों की व्यवस्था करें। संचालकों से बात करें और यह सुनिश्चित किया जाए कि पंडाल सूने न रहे। २४ घंटे वहां आयोजन समिति से कोई न कोई रूके जिसकी जि?मेदारी तय हो। भंडारों को लेकर सभी संबंधितों से बात करें ताकि फूड प्वाइजनिंग की स्थिति न बने। खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सबसे बात की जाए। विसर्जन रूट की स्थिति देखें। भोपाल में विसर्जन के दौरान हुई घटना को लेकर अतिरिक्त सतर्कता रखी जाए और विसर्जन स्थलों पर जरूरी व्यवस्थाएं की जाएं। संदिग्धों पर नजर रखी जाए। सोनकच्छ में थाने से आरोपी के भागने की घटना को लेकर कहा कि पुलिस को बहुत सतर्क रहने की जरुरत है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि आरोपी के भागने के बाद ही पुलिस हरकत में आ जाती और उसके परिजनों से पूछताछ करती तो दो से तीन घंटे में उसे पकड़ा जा सकता था। इस विषय पर सोचने की जरुरत है और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो इसका ध्यान रखा जाए।

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