scriptस्कूलों में पहले ही शिक्षकों की कमी, जो थे उन्हें बना दिया बीएलओ | There was already a shortage of teachers in schools, which made them B | Patrika News

स्कूलों में पहले ही शिक्षकों की कमी, जो थे उन्हें बना दिया बीएलओ

locationदेवासPublished: Oct 11, 2019 10:57:34 am

Submitted by:

mayur vyas

– डीईओ बोले शीघ्र ही बीएलओ के कार्य से होंगे मुक्त, लेकिन आधा सत्र तो पूरा होने वाला

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देवास. जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भरी कमी बनी हुई हैं। हालात ये है कि करीब 6 4 स्कूलों में तो शिक्षक ही नहीं हैं। वहीं 153 स्कूलों को एक ही शिक्षक संभाल रहे हैं। ऐसी स्थिति में भी जिले के शिक्षक अभी भी बीएलओ के रूप में कार्य कर रहे हैं। राज्य शिक्षा केंद्र ने भी इस तरफ संज्ञान लिया था व कलेक्टर को पत्र लिख कर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसी भी शिक्षकों को बीएलओ के कार्य का दायित्व नहीं दे। उसके बाद भी प्रशासन के द्वारा शिक्षकों से बीएलओ का कार्य कराया जा रहा हैं। शिक्षकों के स्कूल में नहीं रहने से पहले से ही बदहाल सरकारी शिक्षा व्यवस्था जिले में ओर अधिक चरमरा गई हैं। देवास जिले में 950 से 1000 के करीब शिक्षक अभी भी बीएलओ के रूप में कार्य कर रहे हैं। इन शिक्षकों को अपना कार्य पूरा करने के बाद प्रशासन के अफसरों को रिपोर्टिंग भी करनी होती हैं। इस पूरी कवायद में सरकारी स्कूलों की पढ़ाई ठप पड़ी हैं। जबकि शिक्षा सत्र जून माह में ही शुरू हो गया था व अब आधा सत्र पूरा होने वाला हैं। पूर्व में भी सुप्रीम कोर्ट के भी निर्देश रहे हैं कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जाए, जिससे कि शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हो। अभी जो शिक्षक बीएलओ की ड्यूूटी कर रहे हैं वे ऑनलाइन कार्य को पूरा होने के लिए परेशान हो रहे हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक आईरीन सिंथिया जेपी के द्वारा यह आदेश जारी किया गया था कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी शिक्षक को गैर शैक्षणिक कार्य का दायित्व न दिया जाए। इस संबंध में शासन के वरिष्ट अधिकारियों के द्वारा दिए गए बार बार निर्देश की अवमानना जिला प्रशासन के द्वारा की जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा था कि किसी भी शिक्षक से बीएलओ का कार्य न लिया जाए। यदि किसी को तैनात कि या गया है तो उन्हें वहां से हटा कर शैक्षणिक कार्य कराया जाए, लेकि न प्रशासन ने वरिष्ठ अधिकारियों के इस आदेश को धता बताते हुए सैंकड़ों की संया में शिक्षकों से ही बीएलओ का कार्य करा रहे हैं। बीते सत्र में शैक्षणिक गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए भी शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य न कराने के संबंध में भी पत्राचार हुआ था। उस पर भी प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया।
बीएलओ ड्यूटी में लगे 950 से अधिक शिक्षक
बीएलओ से मतदाताओं का सत्यापन कार्य कराया गया था। अब अब मतदाताओं से मिले प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेजों को एकत्रित करके उन्हें जिला प्रशासन की निर्वाचन शाखा में प्रस्तुत करना है। वहीं से उनका सत्यापन होना है। इस कार्य के लिए जिले में 950 से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी लगी हुई हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मतदाताओं के सत्यापन का कार्य बीएलओ के माध्यम से तो कराया ही जाता है। इसके अलावा दो अन्य विकल्प के रूप में निर्वाचन आयोग के द्वारा दो नए एप चालू किए हैं। जिनमें स्वयं मतदाता भी अपने मोबाइल से सत्यापन कर सकते हैं। उनमें एक एप वोटर हेल्प लाइन और दूसरा एनबीएसपी डॉट इन के जरिए होता है। यह एप डाउन लोड करना होता है। तभी कार्य कर पाता है। लेकिन अभी मतदाता इतना जागरुक नहीं हो सका है। इस कारण बीएलओ के माध्यम से ही यह कार्य कि या जाता है।
आदेश पर बोले जल्द ही करेंगे रिलीव
राज्य शिक्षा केंद्र के सत रूख दिखाने व बीएलओ के रूप में कार्यकर रहे शिक्षकों के वेतन काटने के निर्देश के बाद डीईओ राजेंद्र खत्री ने बताया कि जो शिक्षक बीएलओ के रूप में कार्य कर रहे हैं उन्हें जल्द ही जिला पंचायत दरा बीएलओ के कार्य से रिलीव किया जाएगा। डीईओ खत्री ने बताया कि इसके आदेश जल्द ही जारी हो जाएंगे। लेकिन सवाल ये भी है कि जो नुकसान पढ़ाई का हो चुका हैं उसकी भरपाई कैसे होगी। वहीं डीपीसी राजीव सूर्यवंशी ने बताया कि शिक्षकों को बीएलओ के कार्य से मुक्त करने के आदेश आए थे, इसकी जानकारी हमने वरिष्ठ अफसरों तक पहुंचा दी हैं।
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