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जिनको ढंग से टाइपिंग तक नहीं आती वो कॉपी-पेस्ट से उगल रहे जहर

locationदेवासPublished: May 18, 2019 11:32:41 am

Submitted by:

Amit S mandloi

-मर्यादाएं ताक पर रखकर विवादास्पद व फर्जी पोस्ट-फोटो कर रहे शेयर, कोई नहीं ध्यान देने वाला

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देवास. पिछले कुछ सालों से सोशल मीडिया का लगातार बढ़ रहा उपयोग विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, नेताओं व कार्यकर्ताओं के लिए चुनावी सीजन में प्रचार-प्रसार का महत्वपूर्ण साधन साबित हो रहा है लेकिन इसका दुरुपयोग भी किया जा रहा है। वर्तमान लोकसभा चुनाव में इससे प्रचार कम और दुष्प्रचार ज्यादा हो रहा है, और तो और सभी मर्यादाएं ताक पर रखकर काम किया जा रहा है। जिन कार्यकर्ताओं व समर्थकों को ढंग से टाइपिंग तक नहीं आती वो फर्जी व भ्रामक खबरें, फोटो पोस्ट व शेयर करके बड़े स्तर के नेताओं की प्रतिष्ठा धूमिल करने में लगे हैं। इन पर नजर रखने या कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है। कभी-कभार यदि कोई मामला तूल पकड़ लेता है तो पुलिस से शिकायत हो जाती है जिसके बाद कार्रवाई होती है।
सोशल मीडिया में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले फेसबुक व व्हाट्सऐप हैं। चुनावों के दौरान इसमें नेताओं, कार्यकर्ताओं व समर्थकों की सक्रियता कई गुना बढ़ गई है। शेयर होने वाली पोस्टों में ८० प्रतिशत से भी अधिक राजनीतिक शामिल हैं। दोनों प्रमुख दल भाजपा व कांग्रेस से जुड़े लोग अपनी पार्टी की विफलताओं, कमजोरियों को छुपाकर एक-दूसरे पर छीटाकशी अधिक कर रहे हैं। छुटभैये नेताओं द्वारा राष्ट्रीय स्तर तक के नेताओं को नहीं छोड़ा जा रहा है और उनके फोटो पर अभद्र टिप्पणियां कर पोस्ट व शेयर किया जा रहा है। यह सिलसिला नया नहीं है, पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में भी ऐसा देखने को मिला था। तब कई मामले पुलिस तक पहुंचे थे और प्रकरण भी दर्ज हुए थे।
फर्जी खबरों व दस्तावेजों की भरमार, कई उदाहरण

सोशल मीडिया पर इन दिनों फर्जी खबरों व दस्तावेजों की भरमार चल रही है। प्रदेश के एक कद्दावर नेता की पत्नी को ५ करोड़ के सोने के साथ विदेश में पकड़े जाने और वहां की पुलिस का एक लेटर वायरल किया जा रहा है जिसमें मामले का जिक्र है, जबकि वास्तविकता यह नहीं है। वहीं पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर की एक महिला नेता के फोटो से छेड़छाड़ कर उसे अलग धर्म से जोडऩे वाला फोटो वायरल किया गया था, वह भी झूठ था।
अश्लील फोटो से भी परहेज नहीं

विभिन्न पार्टियों के नेताओं के महिलाओं व युवतियों के साथ अभद्र स्थिति वाले कमेंट्स, फोटो भी शेयर किए जा रहे हैं। इंदौर के एक प्रत्याशी के बेेटे के ऐसे ही फोटो पिछले दिनों तेजी से वायरल करते हुए पूरी पार्टी पर लांछन लगाया जा रहा है। धार्मिक आधार पर भी फोटो, कमेंट्स शेयर कर एक-दूसरे को भड़काने का प्रयास हो रहा है।
कई ने व्हाट्स ऐप ग्रुप किए बंद, कुछ ने सेटिंग में किया बदलाव
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में चल रही खींचतान व मनमानी को देखते हुए कई लोगों ने अपने द्वारा बनाए गए व्हाट्सऐप ग्रुप बंद कर दिए गए हैं, वहीं कुछ ने सेटिंग में बदलाव कर दिया है। इसके बाद सिर्फ एडमिन ही पोस्ट कर सकता है।
कड़ी कार्रवाई होगी
सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। यदि कोई राजनीतिक, धार्मिक या अन्य आधार पर विवाद को बढ़ावा देने वाली पोस्ट करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लोगों को भी अपनी नैतिक जिम्मेदारियां समझना चाहिए।
जगदीश डावर, एएसपी देवास।
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