आखिरकार तीसरे दिन सफलता मिली और मकान मालिक पुलिस तक पहुंचे। महिला के कमरे से मिले दस्तावेजों से उसके परिजनों का पता चला। जब उसके परिजनों से संपर्क हुआ तो उन्होंने शव लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने बुधवार को पोस्टमार्टम करवाया और नगर निगम की टीम की सहायता से महिला के शव को दफन करवाया।
जिला अस्पताल में 10 मार्च एक महिला की मौत हो गई, अस्पताल के रिकॉर्ड में उसका नाम रुक्मिणी पति शिवकुमार था और पता बावडिय़ा देवास लिखा हुआ था। इस मामले की तहरीर जिला अस्पताल परिसर स्थित पुलिस सहायता केंद्र से औद्योगिक थाने तक पहुंची। मर्ग कायम कर जांच शुरू करते हुए जांच अधिकारी एएसआई प्रकाश राजौरिया बावडिय़ा पहुंचे, कई लोगों से पूछताछ की लेकिन महिला किराए से कहां पर रहती थी यह पता नहीं चल सका। इसके साथ ही राजौरिया ने पुलिस विभाग के विभिन्न व्हाटï्स ऐप ग्रुपों पर भी महिला के फोटो, नाम पता आदि की जानकारी डाली लेकिन कहीं से कुछ सुराग नहीं लग सका। दो दिन ऐसे ही बीत गए और पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली, महिला शव पीएम रूम में रखा हुआ था।
तीसरे दिन मंगलवार रात को महिला जहां रहती थी वहां के मकान मालिक ने पुलिस से संपर्क किया और महिला के बारे में बताया। फिर पुलिस ने उसके कमरे की तलाशी ली और प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर उसकी पहचान सुखमणि निवासी बांसपुर चौकी घोड़ाडोंगरी जिला बैतूल के रूप में हुई। इसके बाद परिजनों से सपंर्क किया गया लेकिन उन्होंने कहा महिला अपने ससुराल से कहीं चली गई थी, फिर देवास पहुंच गई होगी, हमे उससे कोई मतलब नहीं है, हम शव नहीं लेंगे। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से चर्चा कर महिला का पीएम बुधवार दोपहर करवाया गया और मकान मालिक व उनके परिवार को बुलवाकर कागजी कार्रवाई की गई। इसके बाद शव को पुलिस को दफन करवाया गया। जानकारी के अनुसार महिला जनवरी माह में भी कई बार बीमार हुई थी और जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंची थी।
पत्रिका की खबर की रही महत्वपूर्ण भूमिका बुधवार दोपहर पुलिस सहायता केंद्र में उपस्थित बावडिय़ा के बालमुकुंद राठौर जिनके यहां सुखमणि किराए से रहती थी, उन्होंने बताया मंगलवार को उन्होंने पत्रिका में महिला की मौत के बारे में पढ़ा था, बाद में पुलिस से संपर्क किया। महिला के कमरे से आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड आदि मिले जिससे उसके परिजनों के बारे के बारे में पता चला।
इस तरह जुड़ते गए तार जांच अधिकारी राजौरिया ने आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड में दर्ज पते के आधार पर देवास कंट्रोल रूम की मदद से बैतूल जिले के कंट्रोल रूम से संपर्क किया। वहां से घोड़ाडोंगरी चौकी की प्रभारी अलका राय के मोबाइल नंबर प्राप्त करके उनसे संपर्क किया गया और महिला के दस्तावेज व्हाट्सऐप पर भेजे गए। वहां से राय ने परिजनों के नंबर उपलब्ध करवाए। महिला के तीन भाई हैं। एक भाई प्रताप ने मोबाइल पर बात करते हुए शव को लेने से मना कर दिया। इस संंबंध में उसने एक कागज में लिखकर भी व्हाट्सऐप पर भेजा।
शिवकुमार देवास में मिला, बोला मैं पति नहीं उधर जिला अस्पताल के कागज में महिला के पति के रूप में शिवकुमार का नाम लिखा हुआ था। पुलिस ने उसे भी देवास में ढूंढ निकाला। पूछताछ में उसने कहा कि वो महिला को जानता था इसलिए कमरा किराए से दिलाने में सहयोग किया था लेकिन वो उसका पति नहीं है।