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ये क्या भू माफियाओं ने निजी प्लाट पर बना दी पुलिया, प्रशासन सोता रहा

–सरकारी जमीन समझकर किसी ने बना दिया नाला, बाद में पता चला यह तो निजी भूमि है–भूमि स्वामी ने सीमांकन के लिए दिया आवेदन तो पहुंचा राजस्व अमला–नगर निगम की भूमिका पर फिर उठे सवाल

देवासMar 15, 2019 / 11:46 am

हुसैन अली

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देवास. एक महिला के आठ प्लॉट सरकारी लापरवाही के चलते गुम हो गए। महिला ने इसको लेकर आवेदन दिया तो प्रशासन ने गुरुवार को नपती कर सीमांकन की प्रक्रिया की। पहले कहा जा रहा था कि प्लॉट पर नाला बन गया है लेकिन अधिकारियों का कहना है नाले के दूसरी तरफ सर्विस रोड पर महिला के प्लॉट है। सवाल यह उठ रहा है कि इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है। नियमविरुद्ध हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर नगर निगम की भूमिका तो शंका के घेरे में है ही लेकिन प्रशासनिक अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल मामला एबी रोड स्थित एपेक्स अस्पताल के पास की भूमि का है। यह जगह तब सुर्खियों में आई थी जब एक व्यक्ति ने अपने कॉम्प्लेक्स की दिशा एबी रोड की ओर कर दी थी। नाले पर अतिक्रमण कर लिया था। नगर निगम ने नोटिस भी दिया था और कार्रवाई के लिए टीम भी पहुंची थी लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया जिस पर ननि अफसरों पर मिलीभगत के आरोप लगे। यह सब चल ही रहा था कि गुरुवार को नया मामला सामने आया। नई दिल्ली निवासी एक महिला ने बताया कि जिस जगह नाला बना है, सर्विस रोड बना है वह सरकारी भूमि नहीं है बल्कि उसकी निजी है। इसकी रजिस्ट्री भी उसके पास है। कुल आठ प्लॉट हैं जिसे प्रशासन ने सरकारी समझ लिया था। गुरुवार को राजस्व अमले ने नपती व सीमांकन किया। इसकी रिपोर्ट अफसरों को दी जाएगी। कहा जा रहा है कि महिला के आठ में से दो प्लॉट तो उसे मिल जाएंगे लेकिन शेष सर्विस रोड में आ गए हैं। इस कारण उसमें से कुछ ही हिस्सा मिल सकेगा।
दिल्ली की महिला के हैं आठ प्लॉट

महिला का नाम रेखा जैन है। महिला के भाई मनीष जैन ने बताया कि उनके जीजाजी ने १९८४ में रेखा जैन के नाम से आठ प्लॉट खरीदे थे। यहां कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाना था। इसकी जानकारी किसी को नहीं थी और प्लॉट के कागज लॉकर में रखे थे। करीब चार-पांच माह पहले जीजाजी के निधन के बाद दीदी (रेखा जैन) ने वे कागज निकाले तो पता चला कि देवास में उनके नाम से आठ प्लॉट हैं। जब प्लॉट देखने रेखा जैन देवास आई तो पता चला कि वहां नाला बन चुका है। एक व्यक्ति ने अपना कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए दिशा ही बदल दी और कॉम्प्लेक्स का फ्रंट एबी रोड पर लाने के लिए नाले पर निर्माण कर दिया। व्यक्ति ने यह सोचकर ऐसा किया कि सरकारी जमीन है और किसी भी जिम्मेदार अफसर ने ध्यान नहीं दिया। उक्त व्यक्ति से बात हुई तो कहा कि कलेक्टर ने अनुमति दी है। सर्विस रोड में आपके प्लॉट गायब हो गए हैं। रेखा जैन के नाम से सभी प्लॉट की रजिस्ट्री है और नगर निगम ने इन प्लॉटों का टैक्स भी वसूला है। मिलीभगत के चलते यह सब हुआ है। यदि न्याय नहीं मिला तो कोर्ट जाएंगे।
प्रॉपर्टी ब्रोकर्स की थी निगाहें

बताया जा रहा है कि पहले किसी को नहीं पता था कि उक्त जमीन सरकारी न होकर निजी है। प्रॉपर्टी व्यवसाय से जुड़े कुछ लोगों ने उक्त महिला का पता ढूंढकर संपर्क किया और मोटे दामों में ये प्लॉट बेचने की बात कही। सूत्रों का कहना है कि उक्त प्लॉट्स पर कई कॉलोनाइजरों की नजरें भी थी और वे इन्हें हथियाना भी चाहते थे। हालांकि अब मामला उलझ गया है और नगर निगम सवालों के घेरे में आया है। सवाल यह भी उठ रहा है कि अब इस केस में क्या होगा। यदि महिला को प्लॉट मिलते हैं तो वहां कॉम्प्लेक्स बनेगा जिस कारण वर्तमान कॉम्प्लेक्स जो फ्रंट पर लाया गया है उसकी लोकेशन पीछे हो जाएगी और यदि प्लॉट नहीं मिलते हैं तो प्लॉट मालिक क्या करेंगे।
दो प्लॉट मिल जाएंगे

मामले में नायब तहसीलदार पूनम तोमर ने बताया कि महिला ने सीमांकन के लिए आवेदन किया था। गुरुवार को सीमांकन किया है । अस्पताल के पास वाले दो प्लॉट तो महिला को मिल जाएंगे। शेष प्लॉट सर्विस रोड में आ रहे हैं इसलिए उनमें से पूरा हिस्सा नहीं मिलेगा। कलेक्टर और आयुक्त से चर्चा करेंगे। उनके निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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