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बेटे की सगाई कर हंसी-खुशी निकले, लेकिन रास्ते में मुंह खोल कर खड़ी थी मौत

locationदेवासPublished: Apr 09, 2019 03:19:42 pm

बेटे की सगाई कर हंसी-खुशी निकले, लेकिन रास्ते में मुंह खोल कर खड़ी थी मौत

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बेटे की सगाई कर हंसी-खुशी निकले, लेकिन रास्ते में मुंह खोल कर खड़ी थी मौत

देवास/बावई/पांदाजागीर. बेटे की शादी के सपने संजोए एक पिता व उसके दो दामाद हंसी-खुशी लडक़ी वालों के यहां पहुंचे। करीब सवा पांच घंटे तक वहां रुके और सगाई की रस्मों के साथ ही अन्य बातों पर विचार-विमर्श हुआ। इसके बाद लडक़ी वालों के गांव से उनकी विदाई हुई और दो किमी आगे ही जाकर मौत से सामना हो गया। हादसे का पता चलते ही लडक़ी वालों के परिवार में हडक़ंप मच गया। बाद में तीनों के परिजन भी रोते-बिलखते मौके पर पहुंचे। जहां पर कार कुएं में गिरी वहां भीड़ जरूर लगी थी, जब रेस्क्यू ऑपरेशन चला तो वहां काफी लोग मौजूद थे, लेकिन अंदर से हर कोई स्तब्ध था।
चौबाराधीरा में रहने वाले दरियाव सिंह मालवीय के बेटे की शादी बावई में रहने वाले गोकुल मालवीय की बेटी से तय हुई थी। सगाई कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दरियाव अपने दो दामादों आशीष कौशल व नवीन मालवीय के साथ कार से सोमवार सुबह करीब ११ बजे बावई पहुंचे। यहां सगाई कार्यक्रम के साथ ही खानपान का दौर चला और शाम करीब ४.२० बजे तीनों लोग कार से रवाना हुए। दो-ढाई किमी आगे बढ़ते ही बावई व पोलाय जागीर के बीच एक अंधे मोड़ पर कार अनियंत्रित हो गई। एक-दो बार इधर-उधर होने के बाद सडक़ से कुछ दूरी पर स्थित बिना मुंडेर के कुएं में कार समा गई। आसपास खेतों में काम कर रहे लोग कुएं की ओर दौड़े, जो सडक़ से जा रहे थे वह भी रुके और अपने-अपने स्तर से प्रयास शुरू किए, लेकिन कुएं की गहराई अधिक होने के कारण सफलता नहीं मिल सकी। हादसे की सूचना तेजी से फैली और बावई में जहां से तीनों रवाना हुए थे, वहां २० मिनट बाद ही हादसे की जानकारी पहुंची तो हडक़ंप मच गया। परिवार वाले मौके की ओर रवाना हुए। सूचना मिलने पर पुलिस-प्रशासन भी सक्रिय हुआ, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, कई घंटे की मशक्कत के बाद कार व तीनों शव कुएं से बाहर निकाले जा सके।
गुजरात में काम करते थे दरियाव, एक जमाई था सरकारी शिक्षक

बताया जा रहा है कि दरियाव गुजरात में मोरबी में काम करते थे। उनका छोटा दामाद नवीन जो धार के पीथमपुर में रहता था वो शासकीय शिक्षक था। वहीं बड़ा दामाद आशीष आवास फाइनेंस देवास में कार्यरत था। आशीष की करीब 8 साल की एक बेटी व 6 साल का एक बेटा है। आशीष के बड़े भाई योगेश टोंकखुर्द में चाय की गुमटी चलाते हैं। कुछ दिन पहले ही योगेश का जन्मदिन सभी ने मिलकर मनाया था। आशीष मिलनसार व्यक्तित्व का था। आपस में रिश्तेदार तीन मौतों से तीनों परिवार सदमे में हैं।
कई घंटे लग गए देवास से क्रेन आने में

लोगों के मुताबिक हादसा शाम करीब साढ़े चार बजे हुआ था, लेकिन जिला मुख्यालय से क्रेन आने में कई घंटे का समय लग गया। इसके बाद कार व शव निकालने में भी कई घंटे लगे। शव निकालने के दौरान एक व्यक्ति फिसलकर गिरने से घायल भी हो गया था।

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