गौरतलब है कि कार्तिक नगर में मंगलवार रात को कई हरे-भरे पेड़ काट दिए गए थे। जेसीबी से इन पेड़ों को जड़ सहित उखाड़ दिया गया था। इस पर रहवासियों ने विरोध भी किया था। पार्षद प्रतिनिधि का नाम सामने आया तो पार्षद प्रतिनिधि ने कहा कि मैंने पेड़ नहीं कटवाए। रहवासियों ने आरोप लगाए थे कि पार्षद प्रतिनिधि के कहने पर ही ऐसा हुआ। रहवासियों ने सफाई के लिए आवेदन दिया था लेकिन जेसीबी आई और पेड़ काट दिए। एक बालिका रोने लगी तो पीपल का पेड़ छोड़ दिया। इसके बाद नगर निगम से जानकारी ली तो कहा कि हमने किसी को अनुमति नहीं दी। प्रशासन ने कहा था कि हमने भी अनुमति नहीं दी। पेड़ किसने काटे जांच करेंगे।
तीन दिन में मांगा है जवाब मामले ने तूल पकड़ा तो एसडीएम ने आठ लोगों को नोटिस थमाए। इनसे तीन दिन में जवाब मांगा है। जवाब से संतुष्ट न होने पर कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम जीवन सिंह रजक ने बताया कि सजन सिंह पिता सेवाराम, मेहरबान पिता भुवान चौधरी, विश्वास पिता बहादुर सिंह प्रजापति, श्रीराम पिता देवाजी, नंदकिशोर पिता लक्ष्मीनारायण, पार्षद प्रतिनिधि रामेश्वर दायमा, नगर निगम के जोनल अधिकारी भूषण पंवार और दरोगा रईस को नोटिस दिया है। इन सब से तीन दिनों में जवाब मांगा है। बिना अनुमति के पेड़ काटना जुर्म है। इनसे पूछा है कि क्यों पेड़ काटे। जवाब से संतुष्ट न होने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।