बीते रविवार को शिप्रा नदी से एक युवक का शव सुबह तो दूसरे युवक का शव शाम को मिला। दोनों युवक इंदौर के रहने वाले बताये जा रहे हैं। एक युवक के 13 फरवरी को नदी में छलांग लगाने की बात सामने आई है, उस दौरान उसकी बाइक व जूते आदि पुल से मिले थे। वहीं दूसरे युवक के मामले में जांच चल रही है। मरने वालों में एक युवक इंदौर नगर निगम का कर्मचारी है। औद्योगिक थाना पुलिस ने मर्ग कायम किए हैं।
औद्योगिक थाने के एएसआई प्रकाश राजोरिया ने बताया सुबह मिले शव की शिनाख्त मंगेश माते (28) निवासी कृष्णबाग कॉलोनी इंदौर के रूप में हुई। उसकी बाइक व कुछ सामान उसी दिन शिप्रा पुल से मिला था। मंगेश के लापता होने के बाद परिजनों ने बागणंगा थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। उधर रविवार शाम को शिप्रा नदी में तैरता हुआ शव दिखाई दिया। सूचना मिलने पर औद्योगिक पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू टीम, स्थानीय तैराकों की मदद से शव को निकलवाया गया। शव की तलाशी लेने पर जेब से नगर निगम इंदौर का एक पहचान पत्र मिला जिससे मृतक की पहचान कमल पिता किशनलाल करोसिया (44) निवासी नॉर्थ कमाठीपुरा इंदौर के रूप में हुई।
पहचान पत्र में कमल का पद सफाई संग्रक्षक लिखा हुआ है। सूचना मिलने पर परिजन रात में देवास पहुंचे। कमल नदी में कैसे पहुंचा अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। उधर शिप्रा नदी बचाओ समिति के अध्यक्ष राजेश बराना ने कहा शिप्रा नदी का पुल सुसाइड पॉइंट बन गया है। एक साल में दर्जनभर से ज्यादा लोग छलांग लगाकर जान दे चुके हैं, कलेक्टर व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को इस विषय पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। मामले से पिछले दिनों सीएम को भी अवगत करवाया जा चुका है।