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दो से ढाई हजार बच्चों को समझ नहीं आती पढ़ाई, बीच में छोड़ रहे स्कूल

locationदेवासPublished: Jun 17, 2019 10:43:14 am

Submitted by:

mayur vyas

ऐसे बच्चों को रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने शुरू किया ब्रिजकोर्स – जिले के 162 प्राचार्यों को दिया प्रशिक्षण

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देवास. बच्चों के स्कूल छोडऩेे के मामले को स्कूल शिक्षा विभाग ने भी गंभीरता से लिया है। इसके लिए कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों के लिए ब्रिजकोर्स शुरू किए गए है, जिसमें विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं के पाठ्यक्रम से पूर्व पिछली कक्षाओं के विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है, खासकर हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषय की। जिले में कक्षा 9वीं से 12वीं के बीच विद्यार्थियों की शाला त्यागदर सर्वाधिक है। इसका एक मुख्य कारण प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का दक्षता स्तर कक्षा 9वीं के अनुरूप न होना है, जिससे वे कक्षा 9वीं के पाठ्यक्रम को समझ नहीं पाते हैं। जिला शिक्षा विभाग के अफसरों के अनुसार ऐसे शाला त्यागी बच्चों की संख्या जिले में करीब दो से ढाई हजार के बीच रहती है, जो हर वर्ष पढ़ाई को कठिन समझकर बीच में ही स्कूल छोड़ देते है।
तीन विषयों पर किया गया फोकस
कक्षा आठवीं तक सामान्य पाठ्यक्रम रहता है। बड़ी कक्षा में आने पर विद्यार्थी को इसे समझने में समय लगता है। इसलिए शासन ने कक्षा नौवीं में आने वाले विद्यार्थियों के लिए ब्रिज कोर्स चलाने की तैयारी की है। नियमित पाठ्यक्रम के पूर्व तीन माह तक लगातार यह कोर्स कराया जाएगा। इस कोर्स की मॉनीटरिंग भोपाल स्तर से भी होगी। खासकर तीन विषयों हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषय पर फोकस किया जाएगा। प्रत्येक कक्षा में 80-80 मिनट का एक पीरियड कालखंड होगा, जिसमें 40 मिनट वर्क बुक पर अभ्यास कराया जाएगा तो शेष 40 मिनट शिक्षक पढ़ाएंगे। इस कोर्स की सामग्री भोपाल से आएगी। अधिकारियों की मानें तो निचले स्तर से बच्चों की दक्षता व शैक्षणिक स्तर सुधारा जाए तो आगामी बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट में भी इजाफा होगा। गत वर्ष के अनुभव व शिक्षकों के सुझावों के आधार पर ब्रिज कोर्स में कुछ संशोधन इस वर्ष किए गए है। इस सत्र में ब्रिज कोर्स का संचालन 17 जून से 6 सितंबर तक किया जाएगा। इसके लिए जिले के 162 प्राचार्यों का एक प्रशिक्षण 7 जून को पूरा किया गया था। वहीं जिला स्तर पर शिक्षक प्रशिक्षण का आयोजन 11 से 16 जून तक हुआ। राज्य स्तर पर रिसोर्स पर्सन का प्रशिक्षण 27 से 9 जून तक आयोजित किया गया था जिसमें जिले के 6 शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया।
इस बार दिखा रहे सख्ती, कटेगा वेतन
बच्चों के खराब पढ़ाई का स्तर सुधारने के लिए इस बार ब्रिजकोर्स को शिक्षा विभाग गंभीरता से पूरा करना चाहता है। अभी तक शिक्षक इसे गंभीरता से नहीं ले रहे थे। अब ्रनए संशोधन के बाद जितने भी शिक्षक, अतिथि शिक्षक कक्षा 9 में हिंदी, गणित व अंग्रेजी विषय को पढ़ा रहे है इन सभी को प्रशिक्षण लेना अनिवार्य होगा। प्रशिक्षण दिवस में अनुपस्थित शिक्षकों का वेतन काटा जाएगा। यदि किसी स्कूल से प्राचार्य दरा किसी शिक्षक को प्रशिक्षण में नहीं भेजा जाता है तो संबंधित प्राचार्य का भी उस दिन का वेतन काटने का आदेश जिला शिक्षा अधिकारी दरा जारी कर राज्य स्तर पर सूचित किया जाएगा। किसी भी स्तर से भ्रमण के दौरान यदि यह सामने आया कि शिक्षक दरा प्रशिक्षण नहीं लिया गया है अथवा ब्रिजकोर्स का संचालन नहीं किया जा रहा है तो संबंधित प्राचार्य की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
अब तैयार होगी नींव, पहले नहीं लिया गंभीरता से
ब्रिज कोर्स का मटेरियल देखने पर स्पष्ट हो जाता है कि बच्चा भले ही कक्षा 9वीं में आ गया लेकिन उसकी पढ़ाई का स्तर अब भी नहीं सुधरा है। इसके लिए ब्रिजकोर्स के दौरान बच्चों को वर्कबुक दी जाएगी जिसमें कक्षा 3 से 5 व कक्षा 6 से 8 की दक्षता को सुधारा जाएगा। याने बच्चा जब इन कक्षाओं में पढ़ता था तब उसका स्तर नहीं सुधारा गया। अब जब वो ऐसी जगह पर आ गया जहां पढ़ाई समझ नहीं आने पर स्कूल भी छोड़ सकता है तो उसे रोकने के लिए ब्रिजकोर्स शुरू किए गए। ब्रिजकोर्स में 17 जून से 6 सितंबर तक प्रतिदिन कक्षा 9 के लिए हिंदी, अंग्रेजी व गणित विषय के दो-दो पीरियड होंगे तथा एक पीरियड विज्ञान का तथा सामाजिक विज्ञान व संस्कृत का होगा।
ब्रिजकोर्स के लिए अब ये होगा
– ब्रिजकोर्स का पठन पाठन प्रति विषय 80 मिनट प्रति दिवस 17 जून से 6 सितंबर
– बेस लाइन टेस्ट लेना-ब्रिज कोर्स का पठन पाठन जारी करना 27 से 29 जून
– बेस लाइन टेस्ट की जानकारी 5 जुलाई तक करनी होगी अपलोड
– ब्रिजकोर्स के लिए अतिथि शिक्षकों का प्रशिक्षण होगा 27 से 31 जून तक
– जिला स्तर पर शिक्षक रिफ्रेशर प्रशिक्षण 22 से 27 जुलाई
– मिड लाइन टेस्ट लेना 29 से 31 जुलाई
10 प्रतिशत बच्चों की कॉपियां भोपाल जाएगी।
ब्रिजकोर्स में किस तरह बच्चों को पढ़ाया गया, इसे देखने के लिए 10 प्रतिशत बच्चों की कॉपियां भोपाल जांच के लिए जाएगी। ब्रिज कोर्स की पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के अलग-अलग टेस्ट लिए जाएंगे। 27 से 29 जून तक कक्षाओं में पहले बेस लाइन टेस्ट होगा। मिड लाइन टेस्ट 29 से 31 जुलाई के बीच होगा। एंड लाइन टेस्ट 7 से 9 सितंबर तक होगा। जिला स्तर के अलावा भोपाल से भी इसकी मॉनीटरिंग की जाएगी।
वर्जन-
ब्रिज कोर्स का असल उद्देश्य बच्चे को कक्षा 8वीं तक के पढ़ाई के स्तर पर लाना है। 8वीं के बाद पढ़ाई छोडऩे का कारण गांव से स्कूल की दूरी रहती है। इस कारण कई बालिकाओं को परिजन आगे नहीं पढ़ाते है।
राजीव सूर्यवंशी,
डीपीसी देवास।
वर्जन- हमारी शिक्षा प्रणाली प्रयोगों में उलझकर रह गई है। आज भी सरकारी स्कूलों में ही सबसे अच्छे शिक्षक मिलेंगे। शिक्षा प्रणाली में बार-बार किए जाने वाले प्रयोग अब बंद किए जाने चाहिए।
जीवनसिंह ठाकुर, शिक्षाविद्
वर्जन- ब्रिजकोर्स का संचालन बच्चों की पढ़ाई संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए किया जा रहा है। ब्रिजकोर्स की मदद से बच्चा पढ़ाई के अपने स्तर को पा लेता है। इसके लिए उसे पूर्व कक्षाओं की पढ़ाई कराई जाती है। बच्चे पढ़ाई में आने वाली कठिनाईयों के कारण स्कूल छोड़ रहे हो ऐसा नहीं है।
सीबी केवट,
जिला शिक्षा अधिकारी देवास।
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