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मीजल्स रोग उन्मूलन व रूबेला रोग नियंत्रण अभियान आज से

locationदेवासPublished: Jan 15, 2019 01:27:01 am

9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण

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मीजल्स रोग उन्मूलन व रूबेला रोग नियंत्रण अभियान आज से

देवास . शासन के निर्देशानुसार वर्ष 2020 तक खसरा मीजल्स रोग उन्मूलन व रूबेला रोग नियंत्रण किया जाना है। इसके लिए 9 माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को मीजल्स और घातक बीमारियों से बचाने के लिए प्रदेश में 15 जनवरी से मीजल्स, रुबैला टीकाकरण एमआर वैक्सीन अभियान चलाया जाएगा। मीजल्स, रुबैला टीकाकरण अभियान का शुभारंभ लोक निर्माण विभाग मंत्री सज्जनसिंह वर्मा करेंगे। अभियान के बाद वर्तमान नियमित टीकाकरण सारणी में मीजल्स टीके के स्थान पर एमआर वैक्सीन उपयोग की जाएगी। अभियान में 9 से 15 वर्ष आयु के बालक-बालिकाओं को दाएं बाजू में पीड़ा रहित टीका लगाकर जानलेवा बीमारियों से बचाया जाएगा। कलेक्टर डॉ. श्रीकान्त पांडेय ने बच्चों का भविष्य और स्वास्थ सुरक्षित करने के लिए माता-पिता से आग्रह किया गया है कि वे नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में संपर्क करें। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके सरल ने बताया कि इस अभियान के लिए प्रथम चरण में सभी विद्यालयों शासकीय, निजी, अनुदान प्राप्त एवं मदरसे इत्यादि में दर्ज 15 वर्ष तक के बच्चों को टीकाकृत किया जाएगा। इसके बाद द्वितीय चरण में आंगनवाड़ी में दर्ज 9 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों तथा उक्त आयु वर्ग में छूटे हुए शेष सभी बच्चों को टीकाकृत किया जाएगा। दोनों चरण तीन-तीन सप्ताह की अवधि में पूर्ण किए जाएंगे।
-एमआर प्रशिक्षण में प्रायवेट स्कूल शिक्षकों ने लिया संकल्प
भारत शासन द्वारा लिए गए निर्णयानुसार वर्ष 2020 तक खसरा मीजल्स रोग निर्मूलन एवं रूबेला रोग नियंत्रण किया जाना है। इसके लिए 9 माह से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को अभियान के रूप में एमआर वैक्सीन से टीकाकरण किया जाना है। अभियान 15 जनवरी से प्रारंभ किया जाएगा। अभियान की सफलता के लिए जिले के समस्त विद्यालयों सरकारी, निजी, अनुदान प्राप्त एवं मदरसे इत्यादि में उल्लेखित आयु वर्ग के सभी बच्चों को एक निश्चित कार्ययोजना के तहत तीन सप्ताह की अवधि में एमआर वैक्सीन से टीकाकरण किया जाएगा।
डॉ. सुनिल तिवारी ने बताया कि खसरा बच्चों का घातक रोग है। इसका प्रकोप होने पर बच्चे के मस्तिष्क में सूजन, निमोनिया, डायरिया तथा कुपोषण का शिकार हो सकता है। इसके प्रकोप से शिशु की मौत भी हो जाती है। इससे बचाव के लिए प्रत्येक शिशु को खसरे तथा रूबेला के टीके अवश्य लगवाएं। रूबेला वायरस के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इसका संक्रमण बच्चों तथा महिलाओं में होता है। रूबेला वायरस का संक्रमण होने से महिलाएं बार-बार गर्भपात का शिकार होती हैं। अशासकीय, शासकीय स्कूलों के प्राचार्य और नोडल शिक्षकों को अभिभावकों और बच्चों के बीच इन घातक बीमारियों की जानकारी प्रदान की। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. केके कल्याणी ने कहा कि शिक्षण संस्थान में अभियान के लिए तय दिवस में लाभार्थियों के अनुरूप टीकाकरण के लिए कमरे में बैठने की व्यवस्था करना, पेयजल एवं स्वच्छता एवं अन्य आवश्यक व्यवस्था के लिए स्टाफ की ड्यूटी सुनिश्चित करना, शालाएं टीकाकरण के दिन टीकाकरण बच्चों की रिपोर्ट तैयार करना आदि बातें बताई।
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