यह बात इसलिए उठी है क्योंकि शहर का एक परिवार इस लापरवाही का शिकार हुआ है। ऐसे कई और लोग भी हैं जो परेशान है लेकिन सामने नहीं आ पाते। दरअसल मामला सम्राटपुरी का है। यहां रहने वाले धर्मवीर चौहान के घर नल कनेक्शन है। सालभर का जलकर भी एडवांस भरते हैं ताकि किसी तरह की परेशानी न हो लेकिन हैरानी इस बात की है कि नल से पानी ही नहीं आ रहा। बीते करीब तीन माह से ये हाल है। कहने को घर में ट्यूबवेल लगा है लेकिन नर्मदा जल होने के कारण नल कनेक्शन लिया था ताकि अच्छा पानी मिल सके और गर्मी के दिनों में बोरिंग काम न करे तो नल से मदद मिल जाए। आसपास के घरों में तो नल आ रहे हैं लेकिन चौहान के घर का नल सूखा ही है। कनेक्शन चेक करवाया तो ठीक निकला। इसके बाद 181 पर शिकायत की लेकिन कोई जवाब नहीं आया। निगमायुक्त को शिकायत की। जल शाखा की प्रभारी तक शिकायत पहुंचाई लेकिन समस्या जस के तस है। कई कर्मचारी तक देखने नहीं जा रहा कि समस्या कहां आ रही है। इसके चलते निगम प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
तब एसडीएम ने लगाई थी फटकार यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले राजाराम नगर में ऐसा हुआ था। फौजी के घर के आगे रोड खोद दी थी। पाइपलाइन डाली थी लेकिन पानी नहीं आ रहा था। निगम के चक्कर काटकर व्यक्ति परेशान हुआ। जब एसडीएम के पास शिकायत पहुंची तो उन्होंने जलशाखा के कर्मचारियों को फटकार लगाई। एसडीएम के दखल के बाद समस्या हल हो गई। इसी तरह कई कॉलोनियों में नलों के टाइमिंग को लेकर शिकायत आ रही है। नल आते हैं लेकिन प्रेशर कम रहता है। ज्यादा देर चलते नहीं। कई बार नलों से गंदा पानी आता है। सबकुछ निगम प्रशासन के संज्ञान में आता है लेकिन उदासीनता के चलते समस्या का निराकरण नहीं हो पाता। लोगों का कहना कि जब १५० रुपए प्रतिमाह जलकर ले रहे हैं तो पर्याप्त जल तो मिलना चाहिए।
तकनीकी कारण होंगे नगर निगम में उपयंत्री जलप्रभार इंदू भारती ने बताया कि मामला मेरी जानकारी में है। कुछ तकनीकी कारण होंगे जिस कारण ऐसा हो रहा है। हमें एक सप्ताह पहले ही बताया कि यह समस्या है। सिटी सप्लाय का कोई इश्यू होगा। एक-दो दिन में समस्या दिखवाकर हल करवाई जाएगी।