नाराज विद्यार्थी सभी को एडमिशन देने की मांग के साथ एनएसयूआई के समर्थन से विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। विद्यार्थियों ने सभी को एडमिशन देने की मांग के साथ प्राचार्य का उनके कक्ष में ही दोपहर 12 बजे घेराव कर दिया था। इस दौरान विद्यार्थियों ने कुलपति, कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारे लगाए। हंगामें की सूचना के बाद पुलिस व डायल 100 की टीम भी मौके पर पहुंची थी। कॉलेज प्राचार्य बार-बार 10 प्रतिशत सीटे बढ़ाने की बात करते रहे, इस पर विरोध प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों ने कहा कि इससे तो बघार भी नहीं लगेगा।
10 प्रतिशत एडमिशन के बाद भी सैकड़ों विद्यार्थी एडमिशन से वंचित रह जाएंगे। छात्र नेता जितेंद्र गौड़ ने प्राचार्य से सवाल किया कि जब सरकार कॉलेज चले हम अभियान चला रही है तो फिर सभी को शासकीय कॉलेज में एडमिशन क्यों नहीं दिया जा रहा है। इस पर प्राचार्य बार-बार यही कहते रहे कि शासन को इसके लिए पत्र लिखा जा सकता है। अभी हमारे पास दो दिन का समय ओर है। छात्र नेता आरोप लगा रहे थे कि बीकॉम में भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा। इस पर प्राचार्य ने बीकॉम का प्रभार देख रही मैडम को बुलाकर स्थिति स्पष्ट कर दी कि बीकॉम में सीटे खाली है, सीएलसी के आवेदकों को इसमें प्रवेश मिल जाएगा।
एक का नाम दिया तो सभी ने लिखवाएं नाम प्राचार्य कक्ष में प्रदर्शन के दौरान एक छात्र आकाश खड़ा हुआ व चेतावनी देने लगा कि अगर सभी छात्रों को कॉलेज में एडमिशन नहीं दिए गए तो वह आत्महत्या कर लेगा। इस पर प्राचार्य ने उसका नाम पूछकर पुलिस को दे दिया। इस पर नाराज अन्य छात्र-छात्राओं ने भी अपने नाम दर्ज कराना शुरू कर दिए।
जहां के निवासी वहां नहीं ले रहे प्रवेश विरोध प्रदर्शन के दौरान ये बात भी सामने आई कि बड़ी संख्या में लीड केपी कॉलेज में वे विद्यार्थी भी एडमिशन लेने के लिए आ रहे हैं जिनके निवास स्थल के क्षेत्र में ही कॉलेज मौजूद है। पीपलरावां में कॉलेज खुल चुका लेकिन वहां के 20 विद्यार्थी केपी कॉलेज में पढ़ाई के लिए आए हैं। वहीं दूरस्थ सतवास के चार से छह विद्यार्थी भी यहीं एडमिशन लेना चाहते हैं। अन्य विकासखंडों टोंकखुर्द, सोनकच्छ के विद्यार्थी भी लीड केपी कॉलेज में एडमिशन चाहते हैं, जहां पहले से शासकीय कॉलेज मौजूद है। प्राचार्य वरे ने बताया कि ये विद्यार्थी पढ़ाई के साथ नौकरी व अन्य कार्यों के चलते शहर में आना पसंद करते हैं।
शासन को लिखा विद्यार्थियों ने सामूहिक पत्र बाद में इस बात पर सहमति बनी की जिन विद्यार्थियों को एडमिशन नहीं मिल पा रहा है उनकी तरफ से शासन को पत्र लिखा जाए। छात्र संघ अध्यक्ष ललिना सारोलिया ने अपने लेटर पेड पर पत्र लिखा। जिस पर सभी विद्यार्थियों ने हस्ताक्षर कर अपनी बात आगे तक पहुंचाई।
कॉलेज को केवल 10 प्रतिशत ही सीटे बढ़ाने का अधिकार है। इससे अधिक का फैसला शासन की तरफ से होगा। इस वर्ष 995 आवेदन आए हैं लेकिन सीटे केवल 667 है। ऐसे में सैकड़ों विद्यार्थियों को एडमिशन नहीं मिल पा रहा है। विद्यार्थियों की तरफ से पत्र लिखा गया है जो शासन को पहुंचाया जाएगा। अभी दो दिन ओर बाकी है। आगे से अनुमति मिली तो फिर सभी को एडमिशन मिल जाएगा।
डॉ. एसएल वरे, प्राचार्य
लीड केपी कॉलेज। शासन की मंशा ही खराब है। वो निजी कॉलेज वालों को फायदा पहुंचना चाहती है। अगर कॉलेज चलो अभियान का ढोल पीटा जा रहा है तो फिर सभी को शासकीय कॉलेेज में एडमिशन क्यों नहीं देते। शासन को सभी विद्यार्थियों की तरफ से पत्र लिखा गया है।
जितेंद्र गौड़, छात्र नेता
लीड केपी कॉलेज।
लीड केपी कॉलेज। शासन की मंशा ही खराब है। वो निजी कॉलेज वालों को फायदा पहुंचना चाहती है। अगर कॉलेज चलो अभियान का ढोल पीटा जा रहा है तो फिर सभी को शासकीय कॉलेेज में एडमिशन क्यों नहीं देते। शासन को सभी विद्यार्थियों की तरफ से पत्र लिखा गया है।
जितेंद्र गौड़, छात्र नेता
लीड केपी कॉलेज।