उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने बैंकों को नई गाइड लाइन कर सभी उपभोक्ताओं का केवायसी अपडेट कराने के लिए 28 फरवरी तक का समय निधारित किया था। इसके तहत स्टेट बैंक, सिडीबैंक प्रबंधन की ओर से उपभोक्ताओं के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर में मैसेज सेंड कर उन्हें केवायसी अपडेट कराने के लिए आगाह भी किया था, लेकिन अधिकांश उपभोक्ताओं ने इसे हल्के में लिया। परिणाम स्वरूप केवायसी अपडेट नहीं होने के कारण अब खाता ऑटोमैटिक ही ब्लाक हो गया है, लेकिन इसकी जानकारी अधिकांश उपभोक्ताओं को नहीं है।
लेन-देन नहीं होने से परेशान खाताधारक शनिवार को बैंक पहुंचे और इसकी जानकारी ली। बैंक प्रबंधकों ने उन्हें केवायसी अपडेट कराने की सलाह दी है। एक जानकारी के अनुसार जिले में करीब 99 बैंक शाखाएं संचालित हो रही है, जहां करीब 10 लाख से अधिक खाताधारक है। कई खाताधारक तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपने खाता में किसी प्रकार का लेन-देन नहीं किया है। ऐसे में उनके खाते को ब्लाक कर दिया गया है। ग्राहक नरेन्द्र साहू, मुकेश नेताम ने बताया कि उन्होंने एक निजी बैंक में खाता खुलवाया है। लेन-देन होने के कारण उन्होंने ध्यान नहीं दिया। 29 फरवरी जब वे एटीएम से राशि आहरण करने के लिए पहुंचे, तो उन्हें इसकी जानकारी हुई। इसके बाद उन्होंने बैंक पहुंचकर केवायसी अपडेट कराया।
मोबाइल नंबर का रजिट्रेशन भी जरूरी
बताया गया है कि अब एटीएम में पिन नंबर की जगह राशि का आहरण मोबाइल में आने वाले ओटीपी नंबर से होगा। ऐसे में उपभोक्ताओं को अपना निजी मोबाइल नंबर एटीएम और खाता नंबर से लिंक कराने के लिए कहा जा रहा है। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
बिना केवायसी नहीं खुलेगा खाता
बैंक के एक अधिकारी की मानें तो वर्ष-2019-20 नए वित्तीय वर्ष से आरबीआई ने नया सकुर्लर जारी किया है। इसके तहत अब बिना केवायसी के कोई भी खाता नहीं खोला जा सकता। इसके लिए कड़े नियम का प्रावधान किया गया है। ऐसे में बिना केवायसी वाला खाता ब्लाक कर दिया गया है। इससे उपभोक्ताओं की नींद उड़ गई है।
किया जा रहा प्रचार-प्रसार
एक बैंक अधिकारी ने बताया कि आरबीआई ने सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय लिया है। ऐसे में कोई खाताधारक केवायसी जमा कर अपने खाते को पुन: शुरू करा सकता है। इसके लिए प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।