कर्मचारी नेता एलआर मगर ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे शासकीय, अद्र्धशासकीय कर्मचारियों ने पूर्व में अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर सरकार को बदलने की चेतावनी दी थी और यह काम कर्मचारियों ने करके भी दिखा दिया। यदि अब भी राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, तो इस सरकार को भी सबक सिखाने से पीछे नहीं हटेंगे।
मजदूर नेता समीर कुरैशी, राजेन्द्र चन्द्राकर, यशकरण गजेन्द्र ने कहा कि आज बीड़ी उद्योग हो या बीमा, बैंकिंग सेक्टर सभी जगह मजदूर, कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। केन्द्र सरकार ने पेंशन को लेकर जो नियम लाया हैं, वह कतई श्रमिकों के हित में नहीं है, इसलिए तत्काल वर्ष-2004 में लाए गए पेंशन सुधार अधिनियम को निरस्त कर पूर्व पेंशन नियम को लागू किया