धमतरी में हाथियों का उत्पात, बाड़ी में घुसकर केला और गन्ना फसल को पहुंचाया नुकसान
- गरियाबंद से पहुंचे 28 हाथियों का दल अब टुकड़ों में बंट गया
- अमाली, गोरेगांव व संबलपुर में हाथियों ने मचाया जमकर उत्पात

धमतरी. गरियाबंद से पहुंचे 28 हाथियों का दल अब टुकड़ों में बंट गया है। गुरूवार की रात & जंगली हाथियों ने ग्राम गोरेगांव और संबलपुर में जमकर उत्पात मचाया। यहां गौठान की दीवार को तोड़ दिया, वहीं एक किसान की बाड़ी में घुसकर केला और गन्ना फसल को भी नुकसान पहुंचाया। इससे ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है।
नगरी वनांचल में पिछले तीन दिनों से 28 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। पहले दिन हाथी साथ में रहे, लेकिन बुधवार को यह दल अलग-अलग टुकड़ों में बंट गया। इसके बाद अचानक तीन हाथियों का दल नगरी के नजदीक ग्राम गोरेगांव पहुंचा। देर रात उनकी चिंघाड़ सुनकर ग्रामीण दहशत में आ गए। इन हाथियों के गांव के अंदर घुस आने से लोगों की नींद उड़ गई। डर के मारे लोग अपने बीवी-बच्चों को साथ लेकर सुरक्षित स्थान पर चले गए। कुछ लोगों ने अलाव जलाकर रात जागरण किया।
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गुरूवार की रात तो तीन हाथी गोरेगांव और संबलपुर में उत्पात मचाया। हाथियों ने गौठान की दीवार को तोड़ दिया, वहीं तार घेरा को भी तहस-नहस कर दिया है। यही नहीं गांव में घुसकर एक किसान के घर की बाड़ी में घुस आया और यहां केला और गन्ने की फसल को तोड़कर खाया। शुक्रवार को दोपहर की स्थिति में हाथियों का दल ग्राम अमाली और संबलपुर के बीच वनकक्ष क्रमांक &71 में विचरण कर रहा था।
गांवों में कराई मुनादी
उल्लेखनीय है कि हाथियों का दल बीते 5 जनवरी से गरियाबंद सीमा से प्रवेश किया है। धमतरी की सीमा में घुसने के बाद हाथियों का दल खुदूरपानी के जंगल में कुछ घंटे तक रूकने के बाद ग्राम भैंसामुड़ा, अमाली होते हुए संबलपुर पहुंच गया। यहां भी उन्होंने उत्पात मचाया।
प्रशिक्षु एसडीओ आलोक वाजपेयी ने बताया कि हाथियों के इस दल में 11 बच्चे भी शामिल है। उन्होंने सुरक्षा के लिहाज से ग्रामीणों से महुआ का उपयोग नहीं करने की अपील की है। महुआ की सुगंध से हाथी खींचे चले आते हैं, इसलिए महुआ का अभी किसी भी तरह का इस्तेमाल न करें। घर के सामने अलाव जलाकर उसमें मिर्च डालें, ताकि इसकी सुगंध से हाथी दूर चला जाए।
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और वाहन को छोड़कर भागे
बीती रात कुछ ग्रामीणों का अचानक हाथियों से सामना हो गया। उडऩदस्ता की टीम ने बताया कि ग्राम जैतपुरी निवासी रामूलाल (70), हरेन्द्र नेताम (2&) बलीराम (50) रात्रि 9 बजे जब गोरेगांव से जैतपुरी की ओर आ रहे थे, तभी अचानक रास्ते में जंगल से तीन हाथी निकल आए। किसी तरह उन्होंने अपनी बाइक छोड़कर जान बचाकर भागे। बाद में इन्हें उड़नदस्ता टीम के नरेश उपाध्याय ने रेस्क्यू कर बाहर निकाला।
डीएफओ सतोविशा समाजदार ने कहा, हाथियों का दल अभी अमाली गांव के पास वनकक्ष क्रमांक &71 में है। वन अमला गांव के आसपास तैनात है। ग्रामीणों को रात के समय घर के सामने अलाव जलाकर सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
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