कांग्रेस कर रही उपेक्षा
पिछले करीब 33 साल से धमतरी से कांग्रेस ने किसी भी महिला को टिकिट नहीं दी। शायद यह भी एक कारण है कि महिलाओं में कांग्रेस को लेकर पहले जैसा उत्साह नहीं रहा। कभी कांग्रेस की राजनीति में शशि गौर, ईश्वरी पटवा, शीला ठाकुर, कामिनी कौशिक जैसी महिलाएं काफी सक्रिय रहती थी। पार्टी के अंदर रिस्पांस नहीं मिलने के कारण अब वे पहले जैसे सक्रिय नहीं रही। पूर्व जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष शशि गौर का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व धमतरी में लगातार महिलाओं की उपेक्षा कर रहा है। यह मेरी जैसी कई महिला कार्यकर्ताओं के लिए पीड़ादायक बन गया है।
पिछले करीब 33 साल से धमतरी से कांग्रेस ने किसी भी महिला को टिकिट नहीं दी। शायद यह भी एक कारण है कि महिलाओं में कांग्रेस को लेकर पहले जैसा उत्साह नहीं रहा। कभी कांग्रेस की राजनीति में शशि गौर, ईश्वरी पटवा, शीला ठाकुर, कामिनी कौशिक जैसी महिलाएं काफी सक्रिय रहती थी। पार्टी के अंदर रिस्पांस नहीं मिलने के कारण अब वे पहले जैसे सक्रिय नहीं रही। पूर्व जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष शशि गौर का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व धमतरी में लगातार महिलाओं की उपेक्षा कर रहा है। यह मेरी जैसी कई महिला कार्यकर्ताओं के लिए पीड़ादायक बन गया है।
महिलाओं को मिले रोजगार
महिला सुनीता जैन, हेमतला साहू, शकुंतला टांडेकर, मेनका सेन, रेखा नाग का कहना है कि पहली बार दो महिलाएं जिले से चुनकर आई है, यह उनके लिए खुशी की बात है। वे आशा करती है कि विधानसभा चुनाव मे महिलाओं के हित से जुड़े मुद्दों को वे प्रमुखता से उठाएगी। आज कई महिलाएं विशेष कर परित्यक्ता और विधवा महिलाएं अवसर नहीं मिलने के कारण रोजगार से वंचित है। ऐसे में वे दूसरों पर निर्भर हो गई है। उन्हें किसी भी तरह से रोजगार मुहैया कराकर आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।
महिला सुनीता जैन, हेमतला साहू, शकुंतला टांडेकर, मेनका सेन, रेखा नाग का कहना है कि पहली बार दो महिलाएं जिले से चुनकर आई है, यह उनके लिए खुशी की बात है। वे आशा करती है कि विधानसभा चुनाव मे महिलाओं के हित से जुड़े मुद्दों को वे प्रमुखता से उठाएगी। आज कई महिलाएं विशेष कर परित्यक्ता और विधवा महिलाएं अवसर नहीं मिलने के कारण रोजगार से वंचित है। ऐसे में वे दूसरों पर निर्भर हो गई है। उन्हें किसी भी तरह से रोजगार मुहैया कराकर आत्मनिर्भर बनाना चाहिए।