दुगली के रेंजर अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि विभाग ने इसे 2013 में संरक्षित किया था। सरई या साल पेड़ से आदिवासियों का सांस्कृतिक जुड़ाव है। यह पेड़ आदिवासियों के लिए महुआ पेड़ की ही तरह बहुत उपयोगी है। अंग्रेज जमाने के दस्तावेजों में इस पेड़ का जिक्र है। वृक्ष को सुरक्षित रखने के लिए बीट प्रभारियों को चौकन्ना रहने का निर्देश दिया है।
READ MORE : बिना सिविल सर्जन के हस्ताक्षर के भेज रहे मेडिकल क्लेम, अधिकारियों को नोटिस READ MORE : 100 लोगों का नाम देकर अपनी कॉलोनी-मोहल्ले में लगवा सकते हैं कैंप ऐसी की पेड़ के आयु की गणना
वन अधिकारियों ने बताया कि पेड़ की उम्र वर्तमान में तीन पद्धति से पता लगाई जाती है। पहली पद्धति में पेड़ की गोलाई में पडऩे वाली रेखाओं की गिनती करके, दूसरी तरीका पेड़ से कितना कार्बन उत्सर्जित हो रहा है। इसके अलावा सूर्य जब पश्चिम में जाता है, तो पेड़ की परछाई बनती है। इस परछाई को जड़ के पास नापकर पेड़ की उम्र का अनुमान लगाया है।
वन अधिकारियों ने बताया कि पेड़ की उम्र वर्तमान में तीन पद्धति से पता लगाई जाती है। पहली पद्धति में पेड़ की गोलाई में पडऩे वाली रेखाओं की गिनती करके, दूसरी तरीका पेड़ से कितना कार्बन उत्सर्जित हो रहा है। इसके अलावा सूर्य जब पश्चिम में जाता है, तो पेड़ की परछाई बनती है। इस परछाई को जड़ के पास नापकर पेड़ की उम्र का अनुमान लगाया है।
READ MORE : पर्यटन को बढ़ावा देने सरकार ने स्वीकृत किए 60 पद, अब तक 33 नियुक्ति नहीं READ MORE : अब लाइव स्ट्रीमिंग से होगा हाईकोर्ट समेत सभी अदालतों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण
READ MORE : 100 करोड़ का लेन- देन लेकिन कोड वर्ड में लिखा है नाम, पुलिस के हाथ लगी हवाला डायरी READ MORE : बायोमेडिकल वेस्ट उठाने वाली कंपनी ने 30 फीसदी बढ़ाया रेट, IMA बोला- पुराने दर से 1 रुपए नहीं देंगे ज्यादा