scriptअगर आपने जन धन खाता खुलवा रखा है तो देख लीजिए ये बड़ी खबर | 50 percent accounts closed in banks during Note Ban | Patrika News

अगर आपने जन धन खाता खुलवा रखा है तो देख लीजिए ये बड़ी खबर

locationधमतरीPublished: Jan 09, 2018 11:27:06 am

Submitted by:

Ashish Gupta

बैंक नियमों में परिवर्तन किए जाने से उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। नियमों की जानकारी नहीं होने के चलते अब तक 30 फीसदी खाता बंद हो गया है।

bank

धमतरी. आरबीआई द्वारा लगातार बैंक नियमों में परिवर्तन किए जाने से आम उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। नियमों की जानकारी नहीं होने के चलते शहर स्थित बैंकों में अब तक 30 फीसदी खाता बंद हो गया है। इसके अलावा 20 फीसदी जनधन खाता में भी लेन-देन पूरी तरह तरह बंद है।

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में करीब 93 विभिन्न बैंक शाखाएं संचालित हो रही है, जहां प्रतिदिन करोड़ों रुपए का लेन-देन होता है। बैंक सूत्रोंं की मानें तो इन बैंकों मेंं करीब 9 लाख खाताधारक है, जो विभिन्न योजनाओं के तहत बैंकोंं में लेन-देन कर रहे हैं।
1 जनवरी से आरबीआई ने नई बैंक पॉलिसी लागू की है इसके तहत स्टेट बैंक के ग्रामीण इलाकों में हर महीने 1 हजार रुपए का औसत शेष, अर्ध शहरी इलाकों में 2 हजार रुपए, शहरी इलाकों में 3 हजार रुपए और मेट्रो शहरों में करीब 5 हजार रुपए का न्यूनतम औसत शेष राशि निर्धारित किया है। जबकि जनधन खाता, बुनियादी बचत खाता तथा किसी विशेष योजना के तहत खुलवाए गए खातों को इस शुल्क से अलग रखा गया है।
एक जानकारी के अनुसार धमतरी जिले मेंं करीब 3 लाख 80 हजार जनधन खाता खुलवाया गया है। इन खातों को अपडेट रखने के लिए उपभोक्ताओं को प्रतिमाह लेन-देन करना अनिवार्य है, लेकिन इसकी जानकारी अधिकांश उपभोक्ताओं को नहीं है। ऐसे में जनधन समेत बचत खाता और बुनियादी खाता के करीब 50 फीसदी खाता बंद हो गया है।
लीड बैंक अधिकारी अमित रंजन ने कहा कि विभिन्न बैंकोंं में एटीएम समेत अन्य सर्विस चार्ज भी अलग-अलग लिया जाता है। जनधन खाता में सालाना 1 लाख रुपए से अधिक का लेन-देन नहीं किया जा सकता।

सर्विस चार्ज के नाम मची लूट
उधर, बैंक पॉलिसी में परिवर्तन के बाद से एटीएम धारकोंं की संख्या में अप्रत्याशित रूप से वृद्धि हो गई है। सूत्रों की मानें तो शहर में करीब 30 फीसदी खाताधारको के पास एटीएम है। जबकि 6 लाख लोगों को रूपे कार्ड दिया गया है।

बताया गया है कि इस कार्ड से एक दिन में 3 बार से अधिक ट्रांजेक्शन करने पर अलग-अलग बैंकों द्वारा 25 से 30 रुपए पेनाल्टी लिया जा रहा है। इस तरह यदि एक दिन मेंं शहर में 30 फीसदी उपभोक्ता भी एटीएम का तीन बार से अधिक ट्रांजेक्शन करते हैं, तो बैंक को पेनाल्टी के रूप में करीब 4 करोड़ 50 लाख की प्राप्ति होती है।

जनधन खाता हुआ नार्मल
बैंक सूत्रों की मानें तो आरबीआई के नियमा अनुसार जनधन खाता में व्यक्ति 10 हजार रुपए से ज्यादा का लेन-देन नहीं कर सकता, लेकिन अधिकांश हितग्राहियों ने पीएम आवास का लाभ लेने के लिए इसी का खाते का उपयोग किया है। ऐसे में भारी भरकम रकम निकालने के लिए 10 फीसदी खाताधारकों ने जनधन खाते को नार्मल में कन्वर्ट करा लिया है।

क्या कहते है उपभोक्ता
उपभोक्ता धीराज नेताम ने कहा कि बैंक पॉलिसी के तहत मध्यम वर्ग के लोगों को पीसना पड़ रहा है। मीनिमम बैंलेंस फिर एटीएम ट्रांजेक्शन पर सर्विस चार्ज लगाकर ग्राहकों को लूटा जा रहा है। आरबीआई को नियमों में ढील देना चाहिए।

उपभोक्ता इंद्रदेव निर्मलकर ने कहा कि बैंक नया एटीएम जारी करने के लिए 120 रुपए वसूलती है। इसके बाद एटीएम ट्रांजेक्शन पर भी सर्विस चार्ज लगाया जा रहा है। उपभोक्ताओं को स्वयं की रकम के लिए बैंक को टैक्स देना पड़ रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो