यह मामला दुगली क्षेत्र के ग्राम गेदरा का है। नगरी पुलिस ने बताया कि गांव के मनरेगा मजदूर झाडूराम मरकाम (36) पिता धनराज का बैंक खाता नगरी के देना बैंक में है। ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत काम करने के बाद भुगतान के लिए रोजगार सहायक विजय नाग और मेट महेन्द्र नेताम ने देना बैंक नगरी में उनका खाता खुलवाने के नाम पर फार्म में हस्ताक्षर ले लिया। इसके बाद बैंक में खाता खुलने के बाद रोजगार सहायक और मेट ने उनका फर्जी हस्ताक्षर कर करीब 67 हजार रुपए राशि का आहरण कर लिया। झाडूराम जब पैसा निकालने के लिए बैंक पहुंचा, तब इस फर्जीवाड़े का पता चला। प्रार्थी की शिकायत पर नगरी पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनों आरोपी विजय नाग और महेन्द्र नेताम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
तीन महीने बाद मामले की जांच आगे बढ़ी, तो इसमें कुछ और लोगों का नाम सामने आया। टीआई एनएस मंडावी ने बताया कि जांच में इस फर्जीवाड़े में बैंक कर्मियों की संलग्नता पाई गई, जिसके बाद पुलिस ने बैंक के कैशियर दीनूराम ध्रुव (53), अकाउटेंट अशोक कुमार परमानी (56), त्रिलोक सिंह भूआर्य (36), मनोज कुमार, तेजप्रकाश और अरविंद साहू के खिलाफ धारा 420,467,468(ए),471,120-बी आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।