scriptटेंडर के बाद भी खिलौना की आंगनबाडिय़ों में नहीं हुई आपूर्ति | After the tender toy not have any kind of supply in the anganwadi | Patrika News

टेंडर के बाद भी खिलौना की आंगनबाडिय़ों में नहीं हुई आपूर्ति

locationधमतरीPublished: Dec 31, 2018 04:58:53 pm

Submitted by:

Deepak Sahu

महिला एवं बाल विकास विभाग में पिछले दो साल से आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए खिलौना की खरीदी नहीं हुई है।

cg news

टेंडर के बाद भी खिलौना की आंगनबाडिय़ों में नहीं हुई आपूर्ति

धमतरी. महिला एवं बाल विकास विभाग में पिछले दो साल से आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों के लिए खिलौना की खरीदी नहीं हुई है। इस साल खरीदी के लिए टेंडर जरूर निकाला गया है, लेकिन इसे अब तक ओपन नहीं किया गया है। आंगनबाडिय़ों में खिलौना नहीं होने से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित हो रहा है।
खेल-खेल में ६ साल तक के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देने के उद्देश्य से जिले में 1103 आंगनबाड़ी केन्द्र खोला गया है। यहां २५ हजार बच्चों को पुरक आहार तो मिल रहा है, लेकिन उनका मानसिक विकास नहीं हो पा रहा है। उन्हें खिलौना के बिना आगनबाडिय़ों में समय कटाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी की लापरवाही के चलते दो साल पहले खिलौना खरीदी की राशि लेप्स हो गई थी। इसके बाद से अब तक एक भी खिलौना बच्चों के लिए नहीं खरीदा गया है। पुराने जो खिलौने थे, वे भी अब उपयोग के लायक नहीं है। इस कारण कार्यकर्ता इसे खेलने के लिए नहीं देते हैं।
नहीं दे रहे ध्यान
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि बच्चों की दर्ज संख्या पहले से कम हो गई है। अधिकारियों से खिलौना सप्लाई करने की मांग की गई है, लेकिन वे ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में मजबूरी में उन्हें मिट्टी आदि सामग्रियों से खिलौना बनाकर काम चलाना पड़ रहा है। बच्चे इन खिलौनों से खेलना नहीं चाहते। उन्हें बाल, डॉक्टर कीट समेत अन्य सामग्री चाहिए।
कई बच्चों का आना हुआ बंद
महिला एवं बाल विकास विभाग के सूत्रों की माने तो तीन महीने पहले सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में खिलौना सप्लाई करने के लिए टेंडर निकाला गया था। अब तक बच्चों को नया खिलौना मिल जाना चाहिए था, लेकिन टेंडर को ओपन करने में अधिकारियों द्वारा लेटलतीफी की जा रही है। खिलौना नहीं होने से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बच्चों को सम्हालना मुश्किल हो गया है। कई परिजनों ने बच्चों को आंगनबाड़ी में भेजना भी बंद कर दिया है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो