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धमतरी नगर निगम की सूची में गड़बड़ी सामने आने के बाद एल्डरमेनों की नियुक्तियां होगी रद्द!

locationधमतरीPublished: Oct 30, 2019 02:58:26 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

नगर निगम धमतरी में दो बर्खास्त कार्यकर्ताओं और एक मृत की एल्डरमेन के रूप में नियुक्ति के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन की स्थिति हास्यस्पद हो गई है।

धमतरी. नगर निगम धमतरी में दो बर्खास्त कार्यकर्ताओं और एक मृत की एल्डरमेन के रूप में नियुक्ति के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन की स्थिति हास्यस्पद हो गई है। सूत्रों के अनुसार ये नियुक्तियां जल्द ही रद्द होगी। उधर एल्डरमेन बनने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपना समीकरण बैठाना शुरू कर दिया है।
पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस संगठन की अनुशंसा पर राज्य शासन ने धमतरी नगर निगम में वसीम कुरैशी, नरेश जसूजा, विक्रांत शर्मा, अवधेश पांडेय, विशाल शर्मा, अरूण चौधरी, युनूस गोंड़ तथा देवेन्द्र जैन को एल्डरमेन बनाया है। जिला कांग्रेस संगठन के एक नेता के अनुसार इनमें वसीम कुरैशी और अवधेश पांडे फिलहाल कांग्रेस से अलग हैं। इसके अलावा मोहम्मद युनूस गोंड़ का स्वर्गवास हो चुका है। एल्डरमेन के रूप में इनकी नियुक्ति से कांग्रेस की राजनीति गरमा गई है।
कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता इन नियुक्तियों के खिलाफ अब धीरे-धीरे मुखर होने लगे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस से जिन कार्यकर्ताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है, उन्हें एल्डरमेन बनाने का कोई औचित्य नहीं है। पीसीसी के महामंत्री गिरीश देवांगन और कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल से मिलकर कुछ कार्यकर्ताओं ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए तत्काल इनकी निरस्त कराने की मांग की है। साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि नियुक्तियां रद्द नहीं की गई, तो निगम चुनाव में कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

लालवानी हुए सक्रिय
सूत्रों के अनुसार पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इन नियुक्तियों को काफी गंभीरता से लिया है। ऐसी जानकारी मिली है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से चर्चा करने के बाद वे इन नियुक्तियों को निरस्त कर नई सूची जारी कर सकते हैं। शायद यही वजह है कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष मोहन लालवानी अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा तादात में एल्डरमेन नियुक्त कराने सक्रिय हो गए हैं।

भाजपा बना रही मुद्दा
नगर निगम चुनाव के पहले एल्डरमेन की नियुक्ति को भाजपा एक बड़ा मुद्दा बना रही है। जिलाध्यक्ष रामू रोहरा का कहना है कि इसमें छत्तीसगढिय़ों की घोर उपेक्षा की गई है। एक भी महिला को एल्डरमेन नहीं बनाया गया। एसटी और एससी वर्ग से भी किसी को शामिल नहीं किया गया।

होरा से लगा झटका
राज्य शासन की ओर से एल्डरमेन के रूप में जिन 8 लोगों की नियुक्ति की गई, उनमें पांच सदस्य पूर्व विधायक गुरूमुख सिंह होरा के समर्थक हैं। इससे कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश तो चला गया कि पीसीसी नेताओं पर उनका जबरदस्त प्रभाव है। इससे उनके विरोधियों को काफी झटका लगा है।

पीसीसी कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ने कहा, एल्डरमेन की नियुक्ति, संगठन का आतंरिक मामला है। पार्टी हित में ही निर्णय लिया जाएगा।

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