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हरियाली के साथ खुशहाली: कार्बनिक सब्जी उत्पादन में मशहूर हो रहा धमतरी का ये गांव

locationधमतरीPublished: Jun 27, 2020 11:36:40 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) महिलाओं को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar) और स्वावलंबी बनाने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है। इनमें से स्वसहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित कर वित्तीय मदद भी मुहैया करा रही है।

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धमतरी. छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) महिलाओं को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar) और स्वावलंबी बनाने के लिए कई योजनाओं का संचालन कर रही है। इनमें से स्वसहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षित कर वित्तीय मदद भी मुहैया करा रही है। प्रशिक्षण प्राप्त महिलाएं मनरेगा और दूसरी सरकारी योजनाओं के माध्यम से लाभ कमा रही है।
जिला धमतरी के ग्राम पंचायत पोटियाडीह में वर्ष 2019-20 में मनरेगा के तहत मिश्रित फलदार पौधरोपण कर हरियाली और खुशहाली की जो नींव रखी थी, वह अब फलीभूत होने लगी है। पिछले छह महीनों में समूह की महिलाओं ने एक लाख रूपए से अधिक की साग-सब्जियां बेचकर न सिर्फ स्वावलम्बन हासिल कर ली है, बल्कि वहां की अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराने में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। यहां पर जैविक विधि से उत्पादित सब्जियों की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा समूह की महिलाएं गौठान मे पशुओं के लिए नेपियर घास भी उगा रही है।
पोटियाडीह के तीन स्वसहायता समूहों की महिलाएं यहां अंतरवर्ती फसलों के रूप में अलग-अलग किस्म की सब्जियां उगा रही हैं। पोटियाडीह में महात्मा गांधी रोजगार गारण्टी योजना के तहत पिछले साल तीन एकड़ शासकीय भूमि में आम, कटहल, मुनगा, आंवला, नींबू, केला, जामुन, सीताफल, बेर, अमरूद और पपीता के कुल 375 पौधे रोपे गए थे।
इस काम में 68 ग्रामीणों को सीधे रोजगार मिला था, जिनमें 25 महिलाएं और 43 पुरुष भी शामिल थे। पौधों की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए यहां गौण खनिज मद से फेंसिंग पोल व तार, बोर व पम्प, पाइपलाइन विस्तार, गेट निर्माण, नाडेप टांका निर्माण, लेबलिंग सहित अन्य कार्य कराए गए।
समूह की महिलाओं ने पांच क्विंटल लौकी, चार क्विंटल कद्दू, चार क्विंटल चेंच भाजी, तीन क्विंटल अमारी भाजी, डेढ़ क्विंटल कांदा भाजी, दो क्विंटल बरबट्टी, दो क्विंटल भिण्डी, चार क्विंटल जरी, एक क्विंटल करमत्ता भाजी, दो क्विंटल गलका, 80 किलो करेला, 120 किलो कुंदरु, एक क्विंटल लाल भाजी और तीन क्विंटल बैंगन का उत्पादन किया है। लॉक-डाउन के बीच कठिन परिस्थितियों में भी इन महिलाओं ने लगभग साढ़े 34 क्विंटल कार्बनिक सब्जी बेचकर एक लाख रुपए से अधिक की कमाई की है।
पोटियाडीह के सरपंच खम्हनलाल ध्रुव ने बताया कि धमतरी जिला मुख्यालय के नजदीक होने के कारण गांव की शासकीय भूमि को अतिक्रमण से बचाना बहुत बड़ी चुनौती थी। ग्राम पंचायत ने मनरेगा के माध्यम से पौधरोपण कर इसे सुरक्षित करने का फैसला लिया।
वर्ष 2019-20 में करीब तीन एकड़ भूमि पर आठ लाख 84 हजार रूपए की लागत से दस प्रजातियों के फलदार पौधे लगाए गए। उन्होंने बताया कि यहां पौधरोपण और दो डबरियों के निर्माण से गांव के कुल 54 परिवारों को 1630 मानव दिवस का रोजगार मनरेगा से मिला है।

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