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GST में बदलाव से फिरा व्यापारियों का दिमाग, जानिए अब क्या कहा..

locationधमतरीPublished: Nov 12, 2017 06:47:39 pm

सरकार को टैक्स की दर के साथ रिटर्न भरने का तरीका आसान करना चाहिए।

 GST

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जीएसटी के नियमों में फेरबदल कर उपभोक्ताओं को राहत दिया गया है, लेकिन व्यापारियों को समस्या जस की तस लग रही है। उनका कहना है कि टैक्स की दर को लेकर नहीं, बल्कि टैक्स वसूली के तरीके से वे परेशानी महसूस कर रहे हैं। सरकार को टैक्स की दर के साथ रिटर्न भरने का तरीका आसान करना चाहिए।

धमतरी. एक जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू कर दिया गया है, लेकिन टैक्स के रिटर्न जमा करने में काफी पेचदगी है, जिसके चलते व्यापारी परेशानी महसूस कर रहे हैं। अधिकांश व्यापारी तो अब तक एक बार फिर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए हैं। मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या 5 हजार से अधिक है। पहले माह तो 60 प्रतिशत व्यापारियों ने रिटर्न दाखिल किया।

रिटर्न दाखिल करने आ रही समस्याओं को देखते हुए धीरे-धीरे उनकी संख्या कम हो गई। अब तो 40 प्रतिशत ने भी रिटर्न जमा नहीं किया है। उधर सरकारी खाते में टैक्स जमा होने की कम होती रफ्तार देखते हुए शासन द्वारा जीएसटी के नियमों में परिवर्तन कर राहत देने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद भी व्यापारियों की रुचि रिटर्न दाखिल करने में बढ़ नहीं रही है।

ध्यान पूर्वक विचार करने के बाद एक बार में ही सभी को राहत देने की कोशिश करना चाहिए।
अभी तक जीएसटी में बदलाव को लेकर वस्तुस्थिति क्लियर नहीं हुई है। सरकार को रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को आसान बनाना चाहिए। इसके बाद भी व्यापारी आराम से रिटर्न दाखिल कर पाएंगे। माह में तीन बार रिटर्न जमा करने की बाध्यता ने व्यापारियों को परेशान कर रखा है।
अब व्यापारियों को राहत देने की बारी है। शासन जीएसटी के फार्मेट में रिटर्न जमा कर ले, लेकिन हर माह तीन रिटर्न जमा करने की बाध्यता का समाप्त कर तीन माह में एक बार रिटर्न जमा करने की छूट दी जानी चाहिए।
[typography_font:14pt;” >महेश शर्मा, कर सलाहकार

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