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सरकार शिक्षकों को हर माह दे रही 12 करोड़ की सैलरी, फिर भी बच्चे नहीं लिख पा रहे अपना नाम

locationधमतरीPublished: Sep 20, 2019 05:27:28 pm

Chhattisgarh education: वे लापरवाह शिक्षकों को हटाने (Teachers salary) की मांग कर रहे हैं

सरकार शिक्षकों को हर माह दे रही 12 करोड़ की सैलरी, फिर भी बच्चे नहीं लिख पा रहे अपना नाम

सरकार शिक्षकों को हर माह दे रही 12 करोड़ की सैलरी, फिर भी बच्चे नहीं लिख पा रहे अपना नाम

धमतरी. छत्तीसगढ़ सरकार हर महीने शिक्षकों पर करीब 12 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है, इसके बावजूद स्कूलों में ठीक ढग़ से पढ़ाई नहीं हो रही है। अधिकांश शिक्षक तो पढ़ाने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर (Chhattisgarh Education) रहे हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं आ रहा है। पढ़ाई प्रभावित होने से छात्र-छात्राओं में (Chhattisgarh govt school) रोष व्याप्त है। वे लापरवाह शिक्षकों (Teacher) को हटाने की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि शिक्षकों की सैलरी बांटने (Teacher salary) का ये सिर्फ एक ही जिले का हाल है।

जिले में शिक्षा व्यवस्था का बुराहाल है। यहां 1429 शासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। अधिकांश स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बहुत कमजोर हैं। शिक्षकों की लापरवाही के कारण प्राथमिक और माध्यमिक शाला में पढ़ाई करने वाले छात्रों को तो, ठीक से पढऩा-लिखना भी नहीं आता है। हाई और हायर सेकेंडरी भी अधिकांश छात्र कमजोर हैं, जिसके चलते बोर्ड परीक्षा में जिले का नाम रोशन नहीं हो पा रहा है।

शिक्षण सत्र 2018-19 के दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षा में जिले के शासकीय स्कूल फिसड्डी साबित हुआ था। एक भी छात्र मेरिट सूची में स्थान नहीं बना पाया था। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने खराब रिजल्ट को देखते हुए शिक्षण सत्र 2019-20 में शिक्षकों पर लगाम कसने का दावा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्कूलों में मानिटरिंग नहीं होने से शिक्षक अपनी मनमानी कर रहे हैं। अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे हैं, जिसके चलते छात्रों ने ऐसे शिक्षकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

शासन ने मांग कर दी पूरी

उल्लेखनीय है कि शिक्षाकर्मी लगातार संविलियन करने की मांग कर रहे थे, जिसे शासन ने पूरा कर दिया है। आठ साल तक सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को संविलियन का लाभ भी मिल रहा है। हर महीने उन्हें अब दो दुगना वेतन मिल रहा है। पहले सहायक शिक्षक को करीब 12 हजार रुपए मिलता था, जो अब बढ़कर 25 हजार रुपए हो गया है। इसके बाद भी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार नहीं आया है।

यहां से उठी मांग

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जीजामगांव में एक शिक्षिका की मनमानी बढ़ गई है। वह नियमित रूप से स्कूल नहीं आती है, जिसके चलते छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। 7 सितंबर कों छात्रों ने डीईओ कार्यालय पहुंचकर शिक्षका को हटाने की मांग की। शासकीय हायर सेकेेंडरी स्कूल के छात्रों ने प्राचार्य को हटाने की मांग की है। छात्रों का कहना है कि प्राचार्य स्वयं संस्कृत के शिक्षक होने के बाद भी नहीं पढ़ाते हैं।

इतना होता है खर्च

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में चार बीईओ कार्यालय है। प्रत्येक ब्लाक में करीब 4 करोड़ रुपए शिक्षकों को वेतन के रूप में जारी होता है। जिले में 5 हजार 826 शिक्षक कार्यरत हैं। धमतरी ब्लाक में 1 हजार 714, कुरूद ब्लाक में 1 हजार 597, मगरलोड ब्लाक में 9 सौ 58 और नगरी ब्लाक में 1 हजार 557 शिक्षक कार्यरत हैं।

शिक्षक राशि


स्कूलों में शिक्षक अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से निभा रहे हैं। लागातार मानिटरिंग भी की जा रही है।

टीके साहू, डीईओ

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