कर दी गई खानापूर्ति
गौरतलब है कि तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल ने अधिकारियों को निर्देश देकर जिले के सभी शासकीय और निजी स्कूलों में फायर सिस्टम और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने को लेकर सर्वे कराया था। अधिकारियों की टीम ने करीब एक माह तक घूम-घूमकर सभी स्कूलों का दौरा किया। कलेक्टर को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद उन्होने स्कूल प्रबंधनों को अनिवार्य रूप से फायर सिस्टम लगाने और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया था, लेकिन उनके निर्देश का शत-प्रतिशत पालन नहीं हुआ। स्कूल प्रबंधकों ने सुरक्षा के नाम पर सिफ खानापूर्ति कर दिया।
हाईकोर्ट के निर्देश का हो रहा उल्लंघन
उधर शासकीय गाइड लाइन के अनुसार स्कूल बिल्डिंग बनाने के लिए परमिशन लेने पर नियम के तहत स्कूल प्रबंधन को सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का शपथ पत्र भरवाया जाना है, लेकिन जिले में स्कूल बिल्डिंग परमिशन मिलने के बाद अधिकांश स्कूलों में इसकी अनदेखी कर दी गई है। यही नहीं हाईकोर्ट ने भी शासकीय और निजी स्कूलों में फायर सिस्टम लगाने समेत सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का स्पष्ट निर्देश दिया है, लेकिन जिले में हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लंघन हो रहा है।
इतने स्कूल हैं सुरक्षा विहीन
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 1 पूर्व माध्यमिक, 12 हाईस्कूल और 15 हायर सेकंडरी स्कूल सुरक्षा विहीन है। यहां फायर सिस्टम समेत सुरक्षा के अन्य पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। करीब 5 सौ स्कूलों में फायर सिस्टम लगाया गया है, लेकिन इसे भी अपडेट नहीं किया गया है। इसके अलावा 70 फीसदी स्कूलों में रेत भरी बाल्टी रखी गई है। कई स्कूलों में इसे पीकदान के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
पालकों की बढ़ी चिंता
पालक सुरेन्द्र कौशिक, अजय साहू, सीएल देवांगन, परमानंद सोनकर का कहना है कि जिले के सभी शासकीय और निजी स्कूलों में आगजनी की घटना से निबटने के लिए फायर सिस्टम लगाने समेत अन्य सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने की शासन-प्रशासन से कई बार मांग की गई है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं किया गया है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पालकों की चिंता बढ़ गई है।
(अब्दुल रज्जाक रिजवी की रिपोर्ट)