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सावधान! इस खतरे के बीच पढ़ते है स्कूल के बच्चे, कभी भी हो सकता है हादसा

locationधमतरीPublished: Oct 18, 2021 01:36:46 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

सीएम के स्पष्ट निर्देश के बाद भी जिले के 70 फीसदी शासकीय स्कूलों में आगजनी और आकाशीय बिजली से बचने के लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है।

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धमतरी. सीएम के स्पष्ट निर्देश के बाद भी जिले के 70 फीसदी शासकीय स्कूलों में आगजनी और आकाशीय बिजली से बचने के लिए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। जिले के 1492 प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में से करीब 5 सौ स्कूलों में ही फायर इंस्टीगेटर लगाया गया है। शेष स्कूलों में सिर्फ रेत भरी बाल्टी रखकर सुरक्षा व्यवस्था की पूर्ति कर दी गई है। ऐसे में आगजनी की घटना होने पर गंभीर दुर्घटना की आशंका बनी हुई है, लेकिन इसकी चिंता संंबंधित स्कूल प्रबंधन को है और न ही जिला शिक्षा विभाग को। कलेक्टर भी इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।
कोरोना संक्रमण के कहर के बाद अब पालकों को अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता सताने लगी है। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों बिलासपुर जिले के सीपत क्षेत्र के ग्राम मचकुंडा में मीडिल स्कूल परिसर में आकाशीय बिजली गिरने से एक छात्र की मौत हो गई। वहीं 10 अन्य छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए। इस दर्दनाक प्राकृतिक घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेश ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने प्रदेश के सभी जिले के कलेक्टरों को शासकीय स्कूलों में तड़ित चालक लगाने समेत सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया है, लेकिन धमतरी जिले के शासकीय स्कूलों में इसका शत-प्रतिशत पालन नहीं हो रहा है।
पत्रिका टीम ने शहर के नवीन हाईस्कूल हटकेशर, गर्ल्स स्कूल, पुत्री शाला समेत अन्य स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था की पड़ताल की। देखा गया कि हटकेशर और गल्र्स स्कूल को छोड़कर अन्य अधिकांश स्कूलों में फायर इंस्टीगेटर समेत सुरक्षा के अन्य पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। गर्ल्स स्कूल में छोटा फायर सिस्टम लगाया गया है। इसी तरह हटकेशर हाईस्कूल में भी फायर सिस्टम लगाया गया है। पुत्री शाला में रेत भरी बाल्टी रखा गया है। इसके अलावा अन्य स्कूलों में भी सुरक्षा के मापदंडो का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में आगजनी की दुर्घटना होने पर कभी भी गंभीर घटना होने की आशंका बनी हुई है, लेकिन इसकी चिंता स्कूल प्रबंधन को है और न ही जिला शिक्षा विभाग को।

कर दी गई खानापूर्ति
गौरतलब है कि तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल ने अधिकारियों को निर्देश देकर जिले के सभी शासकीय और निजी स्कूलों में फायर सिस्टम और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने को लेकर सर्वे कराया था। अधिकारियों की टीम ने करीब एक माह तक घूम-घूमकर सभी स्कूलों का दौरा किया। कलेक्टर को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद उन्होने स्कूल प्रबंधनों को अनिवार्य रूप से फायर सिस्टम लगाने और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया था, लेकिन उनके निर्देश का शत-प्रतिशत पालन नहीं हुआ। स्कूल प्रबंधकों ने सुरक्षा के नाम पर सिफ खानापूर्ति कर दिया।

हाईकोर्ट के निर्देश का हो रहा उल्लंघन
उधर शासकीय गाइड लाइन के अनुसार स्कूल बिल्डिंग बनाने के लिए परमिशन लेने पर नियम के तहत स्कूल प्रबंधन को सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का शपथ पत्र भरवाया जाना है, लेकिन जिले में स्कूल बिल्डिंग परमिशन मिलने के बाद अधिकांश स्कूलों में इसकी अनदेखी कर दी गई है। यही नहीं हाईकोर्ट ने भी शासकीय और निजी स्कूलों में फायर सिस्टम लगाने समेत सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का स्पष्ट निर्देश दिया है, लेकिन जिले में हाईकोर्ट के निर्देश का उल्लंघन हो रहा है।

इतने स्कूल हैं सुरक्षा विहीन
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले के 1 पूर्व माध्यमिक, 12 हाईस्कूल और 15 हायर सेकंडरी स्कूल सुरक्षा विहीन है। यहां फायर सिस्टम समेत सुरक्षा के अन्य पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया है। करीब 5 सौ स्कूलों में फायर सिस्टम लगाया गया है, लेकिन इसे भी अपडेट नहीं किया गया है। इसके अलावा 70 फीसदी स्कूलों में रेत भरी बाल्टी रखी गई है। कई स्कूलों में इसे पीकदान के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

पालकों की बढ़ी चिंता
पालक सुरेन्द्र कौशिक, अजय साहू, सीएल देवांगन, परमानंद सोनकर का कहना है कि जिले के सभी शासकीय और निजी स्कूलों में आगजनी की घटना से निबटने के लिए फायर सिस्टम लगाने समेत अन्य सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने की शासन-प्रशासन से कई बार मांग की गई है, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं किया गया है। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा को लेकर पालकों की चिंता बढ़ गई है।

डीईओ डॉ रजनी नेल्सन ने कहा, जिले के सभी शासकीय और निजी स्कूलों में फायर सिस्टम समेत सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया गया है। स्कूल प्रबंधकों को इसका शत-प्रतिशत पालन कराया जा रहा है। लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
(अब्दुल रज्जाक रिजवी की रिपोर्ट)

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